अर्थशास्र Chapter 1 पालमपुर गाँव की कहानी
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    NCERT Solution For Class 9 सामाजिक विज्ञान अर्थशास्र

    पालमपुर गाँव की कहानी Here is the CBSE सामाजिक विज्ञान Chapter 1 for Class 9 students. Summary and detailed explanation of the lesson, including the definitions of difficult words. All of the exercises and questions and answers from the lesson's back end have been completed. NCERT Solutions for Class 9 सामाजिक विज्ञान पालमपुर गाँव की कहानी Chapter 1 NCERT Solutions for Class 9 सामाजिक विज्ञान पालमपुर गाँव की कहानी Chapter 1 The following is a summary in Hindi and English for the academic year 2021-2022. You can save these solutions to your computer or use the Class 9 सामाजिक विज्ञान.

    Question 1
    CBSEHHISSH9009441
    Question 4
    CBSEHHISSH9009444

    भारत में जनगणना के दौरान दस वर्ष में एक बार प्रत्येक गांव का सर्वेक्षण किया जाता हैl पालमपुर से संबंधित सूचनाओं के आधार पर निम्न तालिका भरिएl

    शैक्षिक  
    चिकित्सा   
    बाजार  
    बिजली पूर्ति  
    संचार  
    निकटतम कस्बा   

    Solution

    सुविधाएँ

    शैक्षिक 2 प्राथमिक विद्यालय और उच्च विद्यालय
    चिकित्सा एक सरकारी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और एक निजी औषद्यालय
    बाजार रायगंज (पालमपुर से किलोमीटर की दूरी पर)
    बिजली पूर्ति हाँ, अधिकांश घरो में बिजली पूर्ति
    संचार -
    निकटतम कस्बा शाहपुर
    Question 5
    CBSEHHISSH9009445

    खेती की आधुनिक  विधियों के लिए ऐसी अधिक आगतों की आवश्यकता होती है जिन्हें उद्योग में विनिर्मित किया जाता है, क्या आप सहमत है?

    Solution

    हाँ, मैं इस कथन से पूरी तरह सहमत हूँ कि खेती की आधुनिक विधियों के लिए ऐसी अधिक आगतों अथवा साधनों की आवश्यकता होती है जिन्हें उद्योग में विनिर्मित किया जाता है। उदाहरण के लिए कटाई के लिए हार्वेस्टर, जुदाई के लिए ट्रैक्टर, गहराई के लिए थ्रेशर, खेती की मशीनों के ईंधन के लिए डीजल, अधिक उपज के लिए रासायनिक खाद,फसलों की बीमारियों के लिए कीटनाशक, सिंचाई के लिए पंपिंग सेट के साथ-साथ डैम, नहरों आदि के लिए इलेक्ट्रिक उपकरण एवं मशीनरी औजार आदि ये सभी उद्योगों में ही में निर्मित किए जाते हैं।

    Question 6
    CBSEHHISSH9009446

    पालमपुर में बिजली के प्रसार में किसानो की किस तरह मदद की?

    Solution
     
    पालमपुर में बिजली के प्रसार ने किसानों की निम्नलिखित प्रकार से मदद की:-
    (i)सिंचाई की सुविधाएं बढ़ी जिससे पूरे वर्ष विभिन्न फसलें उपजाई जाने लगीं।
    (ii) बिजली के आने से पहले पालमपुर के किसान कुओं से पानी निकालकर छोटे-छोटे खेतों की सिंचाई किया करते थेl परंतु बिजली के आने से उन्होंने कम समय में अधिक क्षेत्र की सिंचाई के लिए नलकूप लगाने शुरू कर दिएl परिणामस्वरूप, पालमपुर के 200 हेक्टर के पूरे जुते हुए क्षेत्र की सिंचाई होने लगी।
    (iii) बिजली सिंचाई के अतिरिक्त तेजी से गहाई करने के लिए थ्रेशर चलाने और डैम आदि के लिए भी उपयोगी साबित हुई।
    (iv) अब किसान मानसून की अनिश्चितता पर निर्भर नहीं रहे।
    (v) सिंचाई के लिए नहर, तालाब आदि से पानी लेनी के लिए अक्सर आपसी विवाद हो जाता है परतु अब किसानों को इससे भी छुटकारा मिल गया।
    Question 7
    CBSEHHISSH9009447

    क्या सिंचित क्षेत्र को बढ़ाना महत्वपूर्ण है? क्यों?

    Solution

    हाँ, सिंचित क्षेत्र को बढ़ाना महत्वपूर्ण है क्योंकि-
    (i) कई क्षेत्रों में पर्याप्त वर्षा नहीं होती, यह अनिश्चित होती है। पठारी क्षेत्र जैसे दक्षिणी पठार और मध्यभारत, पंजाब, राजस्थान आदि ऐसे क्षेत्र है जहाँ कम वर्षा होती है। इन क्षेत्रों में सिंचाई बहुत आवश्यक है इसके बिना यहां खेती प्राय असंभव है।
    (ii) कई क्षेत्र ऐसी भी है जहां पर्याप्त वर्षा तो होती है पर यह वर्ष के कुछ दिनों तक ही केंद्रित होती है। वर्ष का बाकि भाग सूखा ही रहता है। अतः इन क्षेत्रों में सिंचाई वर्ष में एक से अधिक फैसले उगने में लाभदायक होंगी।
    (iii) इसके अतिरिक्त धान, गेहूं,गन्ना जैसे कुछ खाद्य और नगदी फसलों के लिए जल की पर्याप्त एवं निरंतर आपूर्ति की आवश्यकता होती है।
    (iv) इसके साथ ही अधिक उपज देने वाली एच.वाई.वी बीजों के लिए भी अधिक जल की जरूरत होती है।
    (v) तेजी से बढ़ती जनसंख्या की आवश्यकता को देखते हुए कृषि उत्पादन बढ़ाने के लिए सिंचाई एक अत्यंत महत्वपूर्ण है।
    (vi) सिंचाई से उर्वकता को तो बढ़ाया ही जा सकता है साथ ही इससे खतरनाक कीटनाशो से भी बचा जा सकता है।

    Question 8
    CBSEHHISSH9009448

    पालमपुर में 450 परिवारों में भूमि के वितरण की एक सारणी बनाइएl

    Solution

    पालमपुर के 450 परिवारों में भूमि का वितरण-

    किसानों के प्रकार परिवारों की संख्या अधिकृत भूमि

    भूमिहीन किसान
    छोटे किसान
    मझोले और बड़े किसान
    बड़े किसान

    150 (अधिकांश दलित)
    240
    60
    -
     भूमिहीन


    2 हेक्टेयर से कम
    2 हेक्टेयर से अधिक
    10 हेक्टेयर या उससे अधिक

     कुल  450 परिवार   -
    Question 9
    CBSEHHISSH9009449

    पालमपुर में खेतिहर श्रमिकों की मजदूरी न्यूनतम मजदूरी से कम क्यों है?

    Solution

    पालमपुर में खेतिहर श्रमिकों की मजदूरी न्यूनतम मजदूरी से कम है। यह डाला की स्थिति से स्पष्ट हो जाता है। सरकार ने खेतिहर श्रमिकों के लिए एक दिन की मजदूरी 60 रु. निर्धारित की है। लेकिन डाला को सिर्फ 35-40 रु. ही मिलते हैं। इसके कारण इस प्रकार है:
    (i) खेतिहर मजदूर गरीब और असहाय परिवारों से आते है। वे दैनिक मजदूरी पर काम करते हैं उन्हें नियमित रुप से काम ढूंढना पड़ता है। पालमपुर में खतिहर श्रमिक बहुत ज्यादा है और उनकी मांग काम है इस कारण उनके बीच पर्तिस्पर्धा ज्यादा है। जिससे पालमपुर में खेतिहर श्रमिक न्यूनतम मजदूरी से कम मजदूरी पर भी काम करने को तैयार हो जाते है।
    (ii) अधिकांश खेतिहर श्रमिक निचली जाति और दलित वर्गों से होते हैं और उनमें भूमि मालिकों से ऊँची मजदूरी मांगने की हिम्मत नहीं होती है।
    (iii) खेतिहर श्रमिक समान्यतः अशिक्षित होते हैं। अतः वे ऊँची मजदूरी सुनिश्चित करने के लिए भूमि मालिकों से मोल-भाव नहीं कर पाते।

    Question 10
    CBSEHHISSH9009450

    अपने क्षेत्र में दो श्रमिकों से बात कीजिएl खेतों में काम करने वाले या विनिर्माण कार्य में लगे मजदूरो में से किसी को चुनेl उन्हें कितनी मजदूरी मिलती है? क्या उन्हें नगद पैसा मिलता है या वस्तु रूप में? क्या उन्हें नियमित रूप से काम मिलता है? क्या वे कर्ज से में ?

    Solution

    मेने अपने क्षेत्र के दो खेतिहर श्रमिक रामू और राधा से बात की। उन्होंने मुझे निम्लिखित जानकारी दी
    मैंने रामू और राधा से कहा, 'आप कितनी मज़दूरी प्राप्त करते हैं?'
    उन्होंने कहा, 'हमें केवल ₹ 35-40 ही मिलते हैं।
    मैंने उनसे पुन: पूछा, 'आपका मजदूरी नकद में मिलती है या वस्तु में?'
    उन्होंने कहा, 'हमें मजदूरी कभी नकद में और कभी वस्तु, जैसे-अनाज के रूप में मिलती हैं।'
    मैंने कहा, 'क्या आप लोगों को नियमित रूप से काम मिलता है?
    उन्होंने जवाब दिया, 'नहीं, पिछले वर्ष हमने वर्ष-भर में लगभग 200 दिन ही काम किया।'
    अंत में मैंने पूछा, 'क्या आप ऋणग्रस्त हैं?'
    रामू ने कहा, 'जब खेतों में कोई काम नहीं था तो मैंने स्थानीय साहूकार से 3000 रु का ऋण लिया। ईश्वर ही जनता है कि मैं उसे अब कैसे चूका पाउँगा।' राधा ने कहा, 'मैंने पिछले वर्ष गाँव के साहूकार से 2000 रु का ऋण लिया था। इसलिए उसने मुझे आगे ऋण देने से मना कर दिया है।'

    इस प्रकार, मैंने अपने क्षेत्र मैं देखा कि:
    (i) उन्हें 35-40 रु. प्रति दिन की मजदूरी मिलती हैl
    (ii) उन्हें भुगतान नकद के रूप में किया जाता है।
    (iii) वे नियमित रूप से काम नहीं करते हैंl उन्हें आधे साल के बेरोजगार रहना पड़ता हैl
    (iv) हां, वे कर्ज में हैंl

    Question 11
    CBSEHHISSH9009451

    एक ही भूमि पर उत्पादन बढ़ाने के लिए अलग-अलग कौन से तरीके हैं? समझाने के लिए उदाहरणों का प्रयोग कीजिएl

    Solution

    एक ही भूमि पर उत्पादन बढ़ाने के लिए अलग-अलग तरीके निम्नलिखित है-
    (i) आधुनिक सिंचाई सुविधाओं का उपयोग करके एक ही भूमि पर उत्पादन को बढ़ाया जा सकता है।
    (ii) एच.आई.वी. बीज का उपयोग करके भी एक ही भूमि पर उत्पादन को बढ़ाया जा सकता है।
    (iii) उर्वरकों का उपयोग करके तथा रासायनिक खाद और कीटनाशकों जैसे रसायनों का उपयोग करके उत्पादन भी बढ़ाया जा सकता है।
    (iv) आधुनिक मशीनरी जैसे ट्रैक्टर, संयोजक, थ्रेसर, ड्रिलिंग मशीन, मोटर्स आदि का उपयोग करके भी उत्पादन बढ़ाया जा सकता है।
    (v) बिजली-चलित नलकूपों से सिचाई करके उत्पादन बढ़ाया जा सकता है। उदाहरण: पालमपुर में, पारंपरिक किस्मों से उगाई गई गेहूं की पैदावार 1300 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर थीl परन्तु एच.आई.वी. बीजों से उपज 3200 किलोग्राम प्रति हेक्टेयरहो गई। इस प्रकार गेहूं के उत्पादन में भारी वृद्धि हुई थी।

     
    Question 12
    CBSEHHISSH9009452

    एक हेक्टेयर भूमि के मालिक किसान के कार्य का ब्यौरा दीजिए।

    Solution

    एक हेक्टेयर भूमि उस वर्ग के क्षेत्र के बराबर होती है, जिसके एक पक्ष का माप 100 मीटर हो। मान लेते हैं कि एक किसान अपनी एक हेक्टेयर भूमि पर गेहूँ की खेती करने की योजना बना रहा है। इसके लिए:
    (i) उसे बीज, खाद, कीटनाशक के साथ-साथ जल और खेती के लिए अपने उपकरण की मरम्मत करने के लिए कुछ नकदी की आवश्यकता होगी। यह अनुमान किया जा सकता है कि उसे कार्यशील पूँजी के लिए ₹3000 की जरूरत होगी जिसके लिए उसे कर्ज लेना पड़ेगा।
    (ii) क्योंकि उसके पास भूमि कम है इसलिए उसे बड़े किसानों के खेतों में कठिन शर्तो पर खेतीहर श्रमिकों के रूप में काम करना पड़ेगा।
    (iii) उसे अपने घर के कामों को भी करना पड़ेगा।
    (iv) ऐसी स्थिति में जब उसके पास खेती-बाड़ी का काम नहीं होता तो वह गैर-कृषि कार्य भी करता है।

    Question 13
    CBSEHHISSH9009453

    मझोले और बड़े किसान कृषि के लिए कैसे पूँजी प्राप्त करते हैं? वह छोटे किसानों से कैसे भिन्न है?

    Solution

    (i) मझोले और बड़े किसान अपनी खुद की बचत से या बैंकों से कृषि के लिए पूंजी प्राप्त करते हैं। वे वर्ष-प्रतिवर्ष की बचत को जोड़कर अपनी स्थिर पूँजी को भी बढ़ाते हैl
    (ii) दूसरी ओर, छोटे किसानों को कृषि के लिए पूँजी हेतु बड़े किसानों, गाँव के साहूकार या व्यपारियों से उधार लेना पड़ता हैl

    Question 14
    CBSEHHISSH9009454

    सविता को किन शर्तों पर तेजपाल सिंह से ऋण मिला है? क्या ब्याज की कम दर पर बैंक से कर्ज मिलने पर सविता की स्थिति अलग होती?

    Solution

    सविता को कठोर शर्तों पर तेजपाल सिंह से ऋण मिला:
    (i) तेजपाल सिंह जो की एक बड़ा किसान है। उसने सविता को ऋण तो दिया किन्तु ब्याज की बहुत ऊँची दर पर दिया। उसने सविता को चार महीनों के लिए 24% की ब्याज दर पर ब्याज दिया।
    (ii) सविता को यह भी वचन देना पड़ा कि वह कटाई के मौसम में उसके खेतों के लिए एक श्रमिक के रूप में 35 रू प्रतिदिन पर काम करेगी। यह मजदूरी बहुत कम है।
    (iii) निश्चित रूप से बैंक से कर्ज मिलने पर सविता की स्थिति अलग होती। ब्याज की दर कम होने पर वह आसानी से कर्ज चुका पाती और उसे तेजपाल सिंह के लिए खेतिहर मजदूर के रूप में कठिन परिश्रम भी नहीं करना पड़ता।

    Question 15
    CBSEHHISSH9009455

    अपने क्षेत्र के कुछ पुराने निवासियों से बात कीजिये और पिछले 30 वर्षो में सिंचाई और उत्पादन के तरीको में हुए परिवर्तनों पर एक संक्षिप्त रिपोर्ट लिखिए।

    Solution

    मैंने अपने क्षेत्र के कुछ पुराने निवासियों से बात करके पिछले 30 वर्षो में सिंचाई और उत्पादन के तरीको में हुए परिवर्तनों के विषय पर जानने की कोशिश की जिससे मुझे निम्लिखित जानकारी मिली:
    (i) पहले कृषि केवल बारिश पर निर्भर थी। उत्पादन की विधि भी परंपरागत थी, एच.वाई.वी. की तकनीक नहीं थी। इसलिए उत्पादन उपज बहुत कम थी। लेकिन अब इस क्षेत्र में सरकार के प्रयासों से लोग बीज, रासायनिक उर्वरक, कीटनाशक आदि जैसे विभिन्न प्रकार के सिंचाई विधियों और एच.वाई.वी तकनीकों का उपयोग करते हैं और इस क्षेत्र में उत्पादन में कई गुना वृद्धि हुई है।
    (ii) पहले गोबर और दूसरी प्राकृतिक खाद का प्रयोग होता था। परन्तु अब रासायनिक खाद और कीटनाशकों का प्रयोग होता है।
    (iii) रहट या मिट्टी के बर्तनों के स्थान पर अब प्रायः पम्पिंग सेट प्रयोग किये जाते है।
    (iv) बैलों के स्थान पर टेक्टरों और थ्रेशरों का प्रयोग किया जाता है।

     

    Question 16
    CBSEHHISSH9009456

    आपके क्षेत्र में कौन-से गैर-कृषि उत्पादन कार्य हो रहे हैं? इसकी एक संक्षिप्त सूची बनाइएl

    Solution

    हमारे क्षेत्र में निम्नलिखित गैर-कृषि उत्पादन कार्य हो रहे है:
    (i) डेयरी- लोग गायों और भैसों को पालते है और उनका दूध बेचते है।
    (ii) लघु स्तरीय विनिर्माण- विनिर्माण कार्य पारिवारिक श्रम की सहयता से अधिकतर घरों या खेतों में किया जाता है इसमें गुड़ बनाने,मिट्टि के बर्तन आदि का काम शामिल है।
    (iii) दुकानदारी- हमारे क्षेत्र के कुछ लोग दुकानदारी का काम करते है। वे थोक बाजारों से सामान लेकर उन्हें गावँ में लाकर दुकानों पर बेचते है।
    (iv) परिवहन- हमारे क्षेत्र में कुछ लोग परिवहन सेवाओं में भी लगे है। इनमे रिक्शेवाला, ट्रक ड्राइवर, ट्रेक्टर, जीप और दूसरी गाड़िया चलने वाले शामिल है।

    Question 17
    CBSEHHISSH9009457

    गाँवों में और अधिक गैर-कृषि कार्य प्रारंभ करने के लिए क्या किया जा सकता है? 

    Solution

    गाँवों में अधिकांश लोग कृषि कार्य करते है। केवल 1/4 लोग ही गैर-कृषि की अपेक्षा कम भूमि की आवश्यकता होती है। गाँवों में और अधिक गैर-कृषि कार्य प्रारंभ करने के लिए निम्लिखित कदम उठाये जा सकते है: 
    (i) गाँव में गैर कृषि क्रियाएं बढ़ाने की कई संभावनाएं हैं। इस कार्य के लिए कृषि की अपेक्षा कम भूमि की आवश्यकता होती है।
    (ii) अधिकांश लोग बैंक से ऋण लेते हैं। इसके लिए यह जरूरी है कि ग्रामीणों को ब्याज कम दर पर आसानी से उपलब्ध कराया जाए।
    (iii) गैर-कृषि कार्यों के लिए प्रसार के लिए यह भी आवश्यक है कि ऐसे बज़ार हो जहां वस्तुएँ व सेवाएँ बेची जा सके इसके विभिन्न उत्पादकों, दुकानदारों और ग्राहकों में सकरात्मक प्रतियोगिता सिद्ध होगी।
    (vi) छोटे थोक बाजार पालमपुर जैसे कुछ गाँवों में खोले जा सकते हैं। इससे छोटे-छोटे स्टोर चलाने वाले लोगों के समय और पैसे दोनों की बचत होगी। गाँवों के लोगो को छोटी-छोटी वस्तुएँ खरीदने के लिए शहर में नहीं जाना पड़ेगा।
    (vii) गाँवों में सस्ती परिवहन व्यवस्था उपलब्ध करनी चाहिएl पालमपुर में रिक्शेवाले, तांगेवाले आदि जैसे अनेक परिवहन साधन उपलब्ध है। इस प्रकार के अनेक परिवहन के साधन भी विकसित किए जा सकते हैं।

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