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सदी के मध्य से लंदन की आबादी क्यों फैलने लगी? कारण बताइए।
लंदन की आबादी के फैलने के मुख्य कारण निम्नलिखित हैं:
(i) लंदन इंग्लैंड की एक प्रमुख बंदरगाह थी जहाँ पर काम करने के लिए गाँवों से बहुत बड़ी संख्या में लोग आया और यहीं पर बस गए।
(ii) लंदन की गोदी के अतिरिक्त प्रमुख रूप से पाँच तरह के बड़े उद्योगों में बहुत सारे लोगों को काम मिला हुआ था। ये उद्योग थे- परिधान जूता उद्योग, लकड़ी व फर्नीचर उद्योग, धातु एवं इंजीनियरिंग उद्योग, छपाई और स्टेशनरी उद्योग कथा शल्य-चिकित्सा उपकरण व घड़ी जैसे सटीक माप वाले उत्पादों और कीमती धातुओं की चींज़े बनाने वाले उद्योग।
(iii) लंदन में मोटरकार और बिजली के उपकरणों का भी उत्पादन होने लगा और विशाल कारखानों की संख्या बढ़ते-बढ़ते इतनी हो गई कि शहर की तीन-चौथाई नौकरियाँ इन्हीं कारखानों में सिमट गई ।
उन्नीसवीं और बीसवीं सदी के बीच लंदन में औरतों के लिए उपलब्ध कामों में किस तरह के बदलाव आए? ये बदलाव किन-किन कारणों से आए?
अठारहवीं सदी के अंत में और उन्नीसवीं सदी के आरंभिक दर्शकों में फैक्टरियों में बहुत सारी औरतें भी काम करती थीं। जैसे-जैसे तकनीक में सुधार आया, कारखानों में औरतों की नौकरियाँ छिनने लगीं और वे घरेलू कामों में सिमटकर रह गईं।
1861 की जनगणना से पता चला कि लंदन में लगभग ढाई लाख घरेलू नौकर थे। उनमें औरतों की संख्या बहुत अधिक थी। उनमें से अधिकांश हाल ही में शहर में आई थीं। बहुत-सी औरतें परिवार की आय बढ़ाने के लिए अपने मकानों का भी प्रयोग करते थीं। वे या तो किसी को किराए पर रख लेती थीं या घर पर ही रहकर सिलाई-बुनाई, कपड़े धोने या माचिस बनाने जैसे काम करती थीं। बीसवीं सदी के हालात एक बार फिर बदले। जब औरतों को युद्धकालीन उद्योगों और दफ्तरों में काम मिलने लगा तो वे घरेलू काम छोड़कर फिर बाहर आने लगीं।
विशाल शहरी आबादी के होने से निम्नलिखित पर क्या असर पड़ता है? ऐतिहासिक उदाहरणों के साथ समझाइए।
(क) जमींदार।
(ख) कानून व्यवस्था संभालने वाला पुलिस अधीक्षक।
(ग) राजनीतिक दल का नेता।
(क) जमींदार: विशाल शहरी आबादी के होने से लोगों के लिए रहने का स्थान नहीं मिलता। अत: ज़मींदार लोग गरीब लोगों के लिए घटिया और सस्ते किस्म के कमरे बनवाते हैं।
ऐतिहासिक उदाहरण: औद्योगिक क्रांति के बाद लोग काफ़ी संख्या में शहरों की तरफ़ रुख करने लगे तो लंदन जैसे पुराने शहर नाटकीय रूप से बदलने लगे। फैक्ट्रि या वर्कशॉप मालिक प्रवासी कामगारों को रहने की जगह नहीं देते थे। फलस्वरूप जिनके पास ज़मीन थीं ऐसे अन्य लोग ही इन नवागतुंकों के लिए सस्ते और सामान्यत: असुरक्षित टेनमेंट्स बनाने लगे।
(ख) पुलिस अधीक्षक: विशाल आबादी के होने से शहर में आपराधिक गतिविधियाँ बढ़ती हैं। पुलिस कानून व्यवस्था को लेकर चिंतित हो जाती है।
ऐतिहासिक उदाहरण: जैसे-जैसे लंदन बढ़ा, वहाँ अपराध भी बढ़ने लगे। लंदन में कम से कम 20000 अपराधी रहते थे। कई लोग अपराधों से ही अपनी आजीविका चलाते थे। मकानों की छतों से सीसा चुरा लेते थे, दुकानों से खाने की चीज़ें उठा लेते थे, लंदन की सड़कों पर ठगों और जालसाजों, जेबकतरों और छोटे-मोटे चोरों की भरमार रहती थी। अपराधियों के इन कारनामों से पुलिस बहुत चिंतित रहती थी।
(ग) राजनीतिक दल का नेता: राजनीतिक दल के नेता के लिए शहर की विशाल जनसंख्या एक अवसर भी थी और एक खतरा भी।
ऐतिहासिक उदहारण: गरीबों लोगों की माँग थी कि उन्हें ग़रीबी से आज़ादी दिलाई जाए। लंदन के हज़ारों गोदी कामगारों ने हड़ताल कर दी और शहर भर में जुलूस निकाले। हज़ारों हड़ताली शहर में जुलूस निकाल रहे थे, परंतु न तो किसी की जेब कटी और न कोई खिड़की टूटी। 12 दिन तक चली इस हड़ताल में मज़ूदरों की माँग थी कि गोदी कामकगारों कि यूनियन को मान्यता दी जाए। शहर में बहुत सारे लोगों को एक साथ राजीनीतिक कार्रवाइयों में खींचा जा सकता था। इस तरह शहर की विशाल जनसंख्या एक अवसर भी थी और एक खतरा भी।
निम्नलिखित की व्याख्या करें:
उन्नीसवीं सदी में धनी लंदनवासियों ने ग़रीबों के लिए मकान बनाने की ज़रूरत का समर्थन क्यों किया?
उन्नीसवीं सदी में धनी लंदनवासियों ने ग़रीबों के लिए मकान बनाने की ज़रूरत का समर्थन करने के निम्नलिखित कारण थे:
(i) पहली बात तो यह थी कि ग़रीबों के एक कमरे वाले मकानों को जनता के स्वास्थ्य के लिए खतरा माना जाने लगा था। इन मकान में भीड़ रहती थी, वहाँ हवा-निकासी का इंतज़ाम नहीं था और साफ़-सफ़ाई की सुविधाएँ नहीं थीं।
(ii) दूसरा, खस्ताहाल मकानों के कारण आग लगने का खतरा बना रहता था।
(iii) तीसरा, इस विशाल जनसमूह के कारण सामाजिक उथल-पुथल की आशंका दिखाई देने लगी थी। 1917 की रूसी क्रांति के बाद इधर काफी बढ़ गया था। लंदन के गरीब कहीं विद्रोह न कर डालें, इस आशंका से निपटने के लिए मज़दूरों के लिए आवासीय योजनाएँ शुरू की गई।
(i) फिल्म उद्योग में काम करने वाले ज़्यादातर लाहौर, कलकत्ता, मद्रास आदि दूसरे शहरों से आए थे। इतनी सारी जगहों से आए लोगों के कारण ही फ़िल्म उद्योग का ऐसा राष्ट्रीय स्वरूप बना था।
(ii) लाहौर से आए लोगों ने हिंदी फ़िल्म उद्योग के विकास में काफ़ी महत्वपूर्ण भूमिका अदा की।
(iii) बंबइया फ़िल्मों ने भी शहर को सपने और हक़ीक़त, झोपड़पट्टी और दमकते बंगलों की दुनिया वाली मिली-जुली छवि देने में अहम भूमिका अदा की है।
निम्नलिखित की व्याख्या करें:-
उन्नीसवीं सदी के मध्य में बंबई की आबादी में भारी वृद्धि क्यों हुई है?
उन्नीसवीं सदी के मध्य में बंबई की आबादी में भारी वृद्धि होने के कारण निम्नलिखित हैं:
(i) अंग्रेज-मराठा युद्ध में मराठों की हार के बाद 1819 में बंबई को बंबई प्रेसीडेंसी की राजधानी घोषित कर दिया गया। इसके बाद शहर तेज़ी से फैलने लगा।
(ii) कपास और अफ़ीम के बढ़ते व्यापार के चलते ना केवल बहुत सारे व्यापारी और महाजन बल्कि तरह-तरह के कारीगर और दुकानदार भी बंबई में आकर बसने लगे। कपड़ा मिलें खुलने के बाद और भी ज़्यादा संख्या में लोग शहर की तरफ़ रुख करने लगे।
(iii) बीसवीं सदी के बहुत साल बीत जाने के बाद भी भारत के समुद्री व्यापार पर बंबई का ये दबदबा बना हुआ था। बंबई शहर दो प्रमुख रेलवे नेटवर्क जंक्शन या मिलन बिंदु था।
(iv) रेलवे के कारण शहर में आने वालों को और सुविधा महसूस होने लगी। उदाहरण के लिए, 1888-89 में कच्छ के सूखे इलाक़ों में पड़े अकाल के कारण असंख्य लोग बंबई आ गए।
लोगों को मनोरंजन के अवसर उपलब्ध कराने के लिए इंग्लैंड में उन्नीसवीं सदी में मनोरंजन के कौन-कौन से साधन सामने आए।
लोगों को मनोरंजन के अवसर उपलब्ध कराने के लिए इंग्लैंड में उन्नीसवीं सदी में मनोरंजन के रूप में निम्नलिखित साधन सामने आए।
(i)अमीर ब्रिटेनवासियों के लिए बहुत पहले से ही लंदन सीजन की परंपरा चल आ रही थी। 18 वीं सदी के आखिरी दशकों में 300-400 संभ्रांत परिवारों के समूह के लिए ओपेरा, रंगमंच और शास्त्रीय संगीत आदि के प्रकार के सांस्कृतिक आयोजन किए जाते थे।
(ii) मेहनतकश अपना खाली समय पब या शराबघरों में बिताते थे। इस मौके पर वे ख़बरों का आदान-प्रदान भी करते थे और कभी-कभी राजनीति कार्यवाइओं के लिए गोलबंदी भी करते थे।
(iii) धीरे धीरे आम लोगों के लिए भी मनबहलाव के तरीकें निकलने लगे। इनमें से कुछ सरकारी पैसे से शुरू किए गए थे।
(iv) उन्नीसवीं सदी में लोगों को इतिहास का बोध देने के लिए और लोगों को ब्रिटेन की उपलब्धियों से परिचित कराने के लिए बहुत सारे पुस्तकालय कला दीर्घाएँ और संग्रहालय खोले जाने लगे।
(v) ब्रिटिश औद्योगिक मज़दूरों को छुट्टी के दिनों में समुद्र किनारे जाने की सलाह दी जाती थी जिससे वे खुली धुप और स्वच्छ हवा का आनंद ले सकें।
लंदन में आए उन सामाजिक परिवर्तनों की व्याख्या करें जिनके कारण भूमिगत रेलवे की ज़रूरत पैदा हुई। भूमिगत रेलवे के निर्माण की आलोचना क्यों हुई?
लोगों को उपनगरीय बस्तियों से शहर तक लाने के लिए यातायात की सुविधा नहीं थी। भारी संख्या में लंदन से बाहर के लोग कारखानों में काम करने आया करते थे। उन्हें आने-जाने में बड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ता था। लंदन के भूमिगत रेलवे ने इस समस्या को एक हद तक हल कर दिया था। इसके द्वारा भारी संख्या में लोग शहर के भीतर-बाहर आ जा सकते थे। लोगों के लिए मध्य लंदन से बाहर रहते हुए रोज़ काम पर आना सरल हो गया था।
भूमिगत रेलवे की आलोचना के कारण निम्नलिखित थे:
(i) शुरू में लोग भूमिगत यात्रा की कल्पना करने से भी डरते थे।
(ii) लोग डिब्बों में पाइप पीते थे जो खतरनाक था।
(iii) डिब्बों का माहौल सल्फर, कोयले की धूल और ऊपर लगे गैस के लैंप से निकलती गंध से अटा होता है जिससे यात्रियों का दम घुटने लगता था।
(iv) भूमिगत रेलगाड़ियों को स्वास्थ्य के लिए भयानक खतरा बताकर इन्हें तुरंत बंद किए जाने की माँग उठने लगी।
(v) बहुत सारे लोगों का मानना था कि इन 'लौह दैत्यों' ने शहर की अफरा-तफरी और अस्वास्थ्यकर माहौल को और बढ़ा दिया था।
(vi) लगभग दो मील लंबी रेलवे लाइन बिछाने के लिए औसतन 900 घर गिरा दिए जाते थे। इस प्रकार लंदन में बनी ट्यूब रेलवे के कारण लंदन के गरीबों को बड़ी संख्या में उजड़ा गया।
पेरिस के हॉसमानीकरण का क्या अर्थ है। इस तरह के विकास को आप किस हद तक सही या गलत मानते हैं? इस बात का समर्थन या विरोध करते हुए अख़बार के संपादक को पत्र लिखिए और उसमें अपने दृष्टिकोण के पक्ष में कारण दीजिए।
उत्तम नगर
नई दिल्ली
02 मई 2017
आदरणीय संपादक महोदय
नवभारत टाइम्स
नई दिल्ली
विषय: शहर के पुननिर्माण के संबध में
महोदय,
आपके लोकप्रिय समाचार पत्र के द्वारा मैं शहरों के पुनर्निर्माण और आधुनिकरण के विषय में लोगों का ध्यान आकर्षित करना चाहता हूँ इसके लिए मैं पेरिस के हॉसमानीकरण का उदाहरण पेश कर रहा हूँ। इसका अर्थ है- शहरों का आधुनिकीकरण। इसके अंतर्गत शहरों में सीधी, चौड़ी, छायादार सड़के, गालियाँ, खुले मैदान, पुलिसमैन, बस अड्डे और उन पर टूंटी के पानी की व्यवस्था की गई है।
मैं ऐसे आधुनिकीकरण का निम्न कारणों से समर्थन करता हूँ।
(i) इससे शहरों को आधुनिक रूप मिलता है।
(ii) ये शहर अपने राष्ट्र की अंतर्राष्ट्रीय साख बढ़ाते हैं।
(iii) ऐसे शहर पर्यटन उद्योग को बढ़ावा देते हैं।
(iv) इनसे व्यापार और वाणिज्य को बढ़ावा मिलता है।
अतः हमें ज़्यादा से ज़्यादा शहरों का आधुनिकीकरण करना चाहिए।
भवदीय,
राहुल कुमार
सरकारी नियमों और नए कानूनों ने प्रदूषण की समस्या को किस हद तक हल किया? निम्नलिखित के स्तर में परिवर्तन के लिए बने कानूनों की सफलता और विफलता का एक-एक उदाहरण दीजिए:
(क) सार्वजनिक जीवन
(ख) निजी जीवन
सरकारी नियम और नए कानून प्रदूषण की समस्या को काफ़ी हद तक हल कर सकते हैं। लेकिन आज भी ये नियम बहुत से क्षेत्रों में अप्रभावी रहे हैं। इसमें निम्नलिखित उदहारण शामिल हैं:
1. सफल कानून:
(क) सार्वजनिक जीवन - बंबई में सार्वजनिक जीवन और व्यापार तथा व्यवसाय को सुविधाजनक बनाने के लिए समुंद्र का भराव करके भूमिका विकास किया गया।
(ख) निजी जीवन: सिंगापुर सरकार ने अपने नागरिकों के निजी जीवन पर नियंत्रण करके 1965 में सिंगापुर शहर का पुनर्निर्माण किया।
2. असफल कानून:
(क) सावर्जनिक जीवन: 1918 में किरायों को तर्कसंगत रखने के लिए बंबई प्रेसिडेंसी ने किराया कानून पारित किया, परंतु इसका उल्टा असर हुआ। किरायों पर अंकुश लगने के कारण मकान मालिकों ने मकान किराए पर देना कम कर दिया। जिससे मकानों की भारी किल्लत पैदा हो गई।
(ख) निजी जीवन: इंग्लैंड में भूमिगत रेलवे के निर्माण से मुसाफिरों के निजी जीवन और शहरी लोगों को बहुत सी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। रेल के डिब्बे धुएँ से भरे होते थे और लगभग दो कि. मि. किलोमीटर लंबी रेलवे लाईन बिछाने के लिए 900 मकान तोड़ दिए गए।
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