स्वतंत्र भारत में राजनीति Chapter 2 एक दल के प्रभुत्व का दौर
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    NCERT Solution For Class 12 ������������������ स्वतंत्र भारत में राजनीति

    एक दल के प्रभुत्व का दौर Here is the CBSE ������������������ Chapter 2 for Class 12 students. Summary and detailed explanation of the lesson, including the definitions of difficult words. All of the exercises and questions and answers from the lesson's back end have been completed. NCERT Solutions for Class 12 ������������������ एक दल के प्रभुत्व का दौर Chapter 2 NCERT Solutions for Class 12 ������������������ एक दल के प्रभुत्व का दौर Chapter 2 The following is a summary in Hindi and English for the academic year 2021-2022. You can save these solutions to your computer or use the Class 12 ������������������.

    Question 6
    CBSEHHIPOH12041315

    अगर पहले आम चुनाव के बाद भारतीय जनसंघ अथवा भारतीय कमुनिस्ट पार्टी की सरकार बनी होती तो किन मामलों में इस सरकार ने अलग नीति अपनाई होती? इन दोनों दलों द्वारा अपनाई गई नीतियों के बीच तीन अंतरों का उल्लेख करें।

    Solution

    यदि पहले आम चुनाव के बाद भारतीय जनसंघ अथवा भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की सरकार बनी होती तो उनकी सरकारें अपनी अलग नीतियाँ अपनातीं। ये नीतियाँ इस प्रकार होतीं:

    यदि भारतीय जनसंघ की सरकार बनी होती तो सरकार:

    1. अंग्रेजी को हटाकर हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने में अत्यधिक मान्यता प्रदान करती।
    2. धार्मिक तथा सांस्कृतिक अल्पसंख्यकों को रियायतें देने का विरोध करती।
    3. सन् 1964 के बाद से ही भारत को परमाणुशक्ति संपन्न देश बनानेका प्रयत्न करती।

    यदि भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की सरकार बनी होती तो सरकार:

    1. साम्यवादी विचारधारा का समर्थन करते हुए मज़दूरों तथा किसानों के हितों का समर्थन करती।
    2. काम का अधिकार मौलिक अधिकारों में शामिल करती।
    3. पार्टी संविधान की धारा 370 की पक्षधर है जिसके अनुसार जम्मू-कश्मीर को विशेष स्थिति प्राप्त है। जनसंघ इसे समाप्त करने की पक्षधर है।

    Question 7
    CBSEHHIPOH12041316

    कांग्रेस किन अर्थों में एक विचारधारात्मक गठबंधन थी? कांग्रेस में मौजूद विभिन्न विचारधारात्मक उपस्थितियों का उल्लेख करें।

    Solution

    कांग्रेस पार्टी की स्थापना सन् 1885 में हुई। उस समय पार्टी में अंग्रेजी पढ़े-लिखे, उच्च जातीय वर्ग, उच्च मध्यवर्ग तथा शहरी बुद्धिजीवियों का बोलबाला था जिसका उद्देश्य सरकार और जनता के बीच एक कड़ी के रूप में काम करना था परंतु धीरे-धीरे पार्टी ने अपना सामाजिक आधार बढ़ाना शुरू किया और स्वतंत्रता-प्राप्ति के समय तक यह एक ऐसा सामाजिक और राजनीतिक संगठन बन गया, जिसमें सभी वर्गों, जातियों, धर्मों, ग्रामीणों, शहरवासियों, किसानों, उद्योगपतियों, मजदूरों तथा भूमिपतियों के प्रतिनिधि शामिल थे। इसके अतिरिक्त पार्टी में नरमपंथी, गरमपंथी, दक्षिणपंथी तथा वामपंथी, क्रांतिकारी और शांतिवादी जैसे विचारधारात्मक गठबंधन पाए जाते थे। इनमें से कुछ समूहों ने अपने को कांग्रेस के साथ कर लिया और यदि उन्होंने अपनी पहचान को कांग्रेस के साथ नहीं भी किया तो भी वे अपने-अपने विश्वासों को मानते हुए कांग्रेस के भीतर ही बने रहे। इन अर्थों में कांग्रेस एक विचारधारात्मक गठबंधन थी।

    Question 8
    CBSEHHIPOH12041317

    क्या एकल पार्टी प्रभुत्व की प्रणाली का भारतीय राजनीति के लोकतांत्रिक चरित्र पर खराब असर हुआ?

    Solution

    हाँ, यह बात सच है कि एकल पार्टी प्रभुत्व का भारतीय राजनीति के लोकतांत्रिक चरित्र पर खराब असर हुआ। पहले तीन आम चुनावों (1952, 1957, 1962) में कांग्रेस को संसद तथा राज्य विधानसभाओं में भारी बहुमत प्राप्त हुआ। यद्यपि चुनावों में अनेक अन्य दलों-भारतीय जनसंघ, समाजवादी पार्टी, स्वतंत्र पार्टी, कमुनिस्ट पार्टी तथा प्रजा समाजवादी पार्टी आदि ने भी भाग लिया, परंतु इन चुनावों में उन्हें केवल नाममात्र प्रतिनिधित्व ही मिला। इसमें संदेह नहीं है कि इन विरोधी दलों के सिद्धांतों के आधार पर कांग्रेस की आलोचना भी हुई परंतु संसद तथा राज्य विधानसभाओं में कांग्रेस के भारी बहुमत के कारण इसका कोई विशेष प्रभाव नहीं पड़ा और कांग्रेस अपनी मनमानी करती रही। इसने निश्चित रूप से भारतीय राजनीति की लोकतांत्रिक प्रणाली को प्रभावित किया।

    Question 9
    CBSEHHIPOH12041318

    समाजवादी दलों और कमुनिस्ट पार्टी के बीच के तीन अंतर बताएँ। इसी तरह भारतीय जनसंघ और स्वतंत्र पार्टी के बीच के तीन अंतरों का उल्लेख करें।

    Solution

    (क)  समाजवादी दलों और कम्युनिस्ट पार्टी के बीच निम्नलिखित अंतर हैं:

    समाजवादी दल कम्युनिस्ट पार्टी
    (i) समाजवादी दल लोकतांत्रिक विचारधारा में विश्वास करता है।  (i) कम्युनिस्ट पार्टी सर्वहारा वर्ग के अधिनायकवाद में करता है। विश्वास करती है।
    (ii) समाजवादी दल पूँजीपतियों और पूँजी का विरोध नहीं करते।  (ii) कमुनिस्ट पार्टी पूँजीपतियों और पूँजी का विरोध करते हैं।
    (iii) समाजवादी दल अपने उद्देश्य की प्राप्ति के लिए राज्य रूपी संस्था को रखना चाहते हैं। (iii) कम्युनिस्ट पार्टी राज्य को समाप्त करने के पक्ष में है।

    (ख) भारतीय जनसंघ और स्वतंत्र पार्टी के बीच निम्नलिखित अंतर हैं:

    स्वतंत्र पार्टी भारतीय जनसंघ
    (i) स्वतंत्र पार्टी का मानना था कि समृद्धि केवल व्यक्तिगत स्वतंत्रता के जरिए आ सकती हैं।  (i) भारतीय जनसंघ राज्य की सकारात्मक भूमिका का समर्थन करता हैं। स्वतंत्र पार्टी अर्थव्यवस्था में राज्य के कम-से-कम हस्तक्षेप को समर्थन करती है।
    (ii) स्वतंत्र पार्टी धर्म-निरपेक्षता का समर्थन करती है।  (ii) भारतीय जनसंघ हिंदुत्व के प्रचार-प्रसार का समर्थन करती है।
    (iii) स्वतंत्र पार्टी गुट-निरपेक्षता की नीति और सोवियत संघ से दोस्ताना रिश्ते कायम रखने को भी गलत मानती थी।  (iii) भारतीय जनसंघ गुट-निरपेक्षता की नीति का समर्थन करता हैं। उसने भारत और पाकिस्तान को एक करके
    अखंड भारत बनाने की बात कही।

     

    Question 10
    CBSEHHIPOH12041319

    भारत और मैक्सिको दोनों ही देशों में एक खास समय तक एक पार्टी का प्रभुत्व रहा। बताएँ कि मैक्सिको में स्थापित एक पार्टी का प्रभुत्व कैसे भारत के एक पार्टी के प्रभुत्व से अलग था?

    Solution

    भारत और मैक्सिको दोनों ही देशों में एक खास समय में एक पार्टी का प्रभुत्व रहा परंतु दोनों देशों में एक दल के प्रभुत्व के स्वरूप में अंतर था। भारत में जहाँ लोकतंत्र के आधार पर एक दल का प्रभुत्व कायम था वहीं मैक्सिको में एक दल की तानाशाही थी। वहाँ पर लोगों को अपने विचार रखने तथा उन्हें प्रकट, करने का विचार नहीं थी।

    Question 12
    CBSEHHIPOH12041321

    निम्नलिखित अवतरण को पढ़कर इसकेआधार पर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए:

    कांग्रेस के संगठनकर्ता पटेल कांग्रेस को दूसरे राजनीतिक समूह से निसंग रखकर उसे एक सर्वांगसम तथा अनुशासित राजनीतिक पार्टी बनाना चाहते थे। वे चाहते थे कि कांग्रेस सबको समेटकर चलने वाला स्वभाव छोड़े और अनुशासित कॉडर से युक्त एक सगुंफित पार्टी के रूप में उभरे। 'यथार्थवादी' होने के कारण पटेल व्यापकता की जगह अनुशासन को ज्यादा तरजीह देते थे। अगर ''आंदोलन को चलाते चले जाने'' के बारे में गाँधी के ख्याल हद से ज़्यादा रोमानी थे तो कांग्रेस को किसी एक विचारधारा पर चलने वाली अनुशासित तथा धुरंधर राजनीतिक पार्टी के रूप में बदलने की पटेल की धारणा भी उसी तरह कांग्रेस की उस समन्वयवादी भूमिका को पकड़ पाने में चूक गई जिसे कांग्रेस को आने वाले दशकों में निभाना था। -रजनी कोठारी

    (क) लेखक क्यों सोच रहा है कि कांग्रेस को एक सर्वांगसम तथा अनुशासित पार्टी नहीं होना चाहिए?
    (ग) शुरूआती सालों में कांग्रेस द्वारा निभाई गई समन्वयवादी भूमिका के कुछ उदाहरण दीजिए।

    Solution

    (क) लेखक (रजनी कोठारी) का यह विचार है कि कांग्रेस को एक सर्वांगसम तथा अनुशासित पार्टी नहीं होना चाहिए क्योंकि एक अनुशासित पार्टी में किसी विवादित विषय पर स्वस्थ तथा खुलकर विचार-विमर्श नहीं हो पाता, जो कि देश तथा लोकतंत्र के लिए अच्छा होता है। लेखक का यह विचार है कि चूँकि कांग्रेस पार्टी में सभी जातियों, धर्मों, भाषाओं एवं विचारधाराओं के नेता शामिल हैं, जिन्हें अपनी बात कहने का पूरा हक है, जिससे देश में वास्तविक लोकतंत्र उभरकर सामने आएगा। इसलिए कांग्रेस को एक सर्वांगसम तथा अनुशासित पार्टी नहीं होना चाहिए।

    (ख) कांग्रेस पार्टी की स्थापना सन् 1885 में हुई। अपने आरंभिक वर्षों में पार्टी ने कई विषयों में महत्वपूर्ण समन्वयकारी भूमिका निभाई। इस पार्टी ने ब्रिटिश सरकार तथा देश के नागरिकों के बीच एक महत्त्वपूर्ण समन्वयवादी कड़ी के रूप में कार्य किया।

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