कांग्रेस किन अर्थों में एक विचारधारात्मक गठबंधन थी? कांग्रेस में मौजूद विभिन्न विचारधारात्मक उपस्थितियों का उल्लेख करें।
कांग्रेस पार्टी की स्थापना सन् 1885 में हुई। उस समय पार्टी में अंग्रेजी पढ़े-लिखे, उच्च जातीय वर्ग, उच्च मध्यवर्ग तथा शहरी बुद्धिजीवियों का बोलबाला था जिसका उद्देश्य सरकार और जनता के बीच एक कड़ी के रूप में काम करना था परंतु धीरे-धीरे पार्टी ने अपना सामाजिक आधार बढ़ाना शुरू किया और स्वतंत्रता-प्राप्ति के समय तक यह एक ऐसा सामाजिक और राजनीतिक संगठन बन गया, जिसमें सभी वर्गों, जातियों, धर्मों, ग्रामीणों, शहरवासियों, किसानों, उद्योगपतियों, मजदूरों तथा भूमिपतियों के प्रतिनिधि शामिल थे। इसके अतिरिक्त पार्टी में नरमपंथी, गरमपंथी, दक्षिणपंथी तथा वामपंथी, क्रांतिकारी और शांतिवादी जैसे विचारधारात्मक गठबंधन पाए जाते थे। इनमें से कुछ समूहों ने अपने को कांग्रेस के साथ कर लिया और यदि उन्होंने अपनी पहचान को कांग्रेस के साथ नहीं भी किया तो भी वे अपने-अपने विश्वासों को मानते हुए कांग्रेस के भीतर ही बने रहे। इन अर्थों में कांग्रेस एक विचारधारात्मक गठबंधन थी।