मानव भूगोल के मूल सिद्धांत Chapter 6 द्वितीयक क्रियाएँ
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    NCERT Solution For Class 12 ������������������ मानव भूगोल के मूल सिद्धांत

    द्वितीयक क्रियाएँ Here is the CBSE ������������������ Chapter 6 for Class 12 students. Summary and detailed explanation of the lesson, including the definitions of difficult words. All of the exercises and questions and answers from the lesson's back end have been completed. NCERT Solutions for Class 12 ������������������ द्वितीयक क्रियाएँ Chapter 6 NCERT Solutions for Class 12 ������������������ द्वितीयक क्रियाएँ Chapter 6 The following is a summary in Hindi and English for the academic year 2021-2022. You can save these solutions to your computer or use the Class 12 ������������������.

    Question 1
    CBSEHHIGEH12025320

    सिलिकॉन घाटी कहाँ स्थित है?

    Solution

    कैलीफोर्निया (U.S.A)

    Question 2
    CBSEHHIGEH12025321
    Question 3
    CBSEHHIGEH12025322

    कृषि - आधारित उद्योगों के नाम बताइए ।

    Solution

    चीनी उद्योग - कपड़ा उद्योग, जूट उद्योग।

    Question 4
    CBSEHHIGEH12025323

    वन - आधारित उद्योगों के नाम बताइए ।

    Solution

    काग़ज उद्योग, फर्नीचर उद्योग।

    Question 8
    CBSEHHIGEH12025327

    उच्च तकनीक उद्योगों के कोई दो उदाहरण दीजिए ।

    Solution

    कंप्यूटर और रसायन उद्योग।

    Question 10
    CBSEHHIGEH12025329

    आधुनिक बड़े पैमाने के विनिर्माण उद्योगों की क्या विशेषताएँ हैं?

    Solution
    1. कौशल का विशिष्टीकरण
    2. यंत्रीकरण
    3. प्रौद्योगिकीय नवाचार
    4. संगठनात्मक ढाँचा एंव स्तरीकरण
    Question 11
    CBSEHHIGEH12025330

    अफ्रीका में अपार प्राकृतिक संसाधन हैं, किन्तु फिर भी यह औद्योगिक दृष्टि से सबसे पिछड़ा महाद्वीप है। व्याख्या कीजिए ।

    Solution
    1. प्रतिकृल जलवायवीय दशाएँ
    2. तकनीकी विकास का निम्न स्तर
    3. यातायात तथा संचार के तीव्र जाल का अभाव
    4. विकसित ऊर्जा संसाधनों का अभाव
    5. बाजार सुविधाओं का अभाव
    Question 12
    CBSEHHIGEH12025331

    जर्मनी की रुहर कोयला क्षेत्र पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए ।

    Solution
    1. कोयले के विस्तृत भंडार तथा लोहा - इस्पात उद्योग इस क्षेत्र की अर्थव्यवस्था का मुख्य आधार थे।
    2. कोयले की माँग में कमी आ जानेकेकारण यहाँका उद्योग संकुचित होने लगा ।
    3. यह क्षेत्र जर्मनी का 80 प्रतिशत इस्पात पैदा करता है।
    4. यहाँ खरीदारी के बड़े - बड़े बाजार बन गए हैं, जिससे एक ''नया रुहर'' भू-दृश्य विकसित हो रहा है।
    Question 13
    CBSEHHIGEH12025332

    कच्चेमाल के आधार पर उद्योगों का वर्गीकरण कीजिए ।

    Solution
    1. कृषि पर आधारित उद्योग - उदाहरण चीनी, चाय वनस्पति घी आदि।
    2. वन - उत्पाद पर आधरित - उदाहरण कागज़ व लुगदी, फर्नीचर, दियासलाई उद्योग ।
    3. धात्विक उद्योग : -
      1. अलौह - धातु उद्योग - एल्यूमीनियम व ताँबे उद्योग ।
      2. लौह - धातु उद्योग - लोहा - इस्पात, मशीन व औज़ार।
    Question 14
    CBSEHHIGEH12025333

    आकार के आधार पर विश्व में उद्योगों के तीन समूहों के प्रकार लिखिए तथा प्रत्येक समूह की एक विशेषता लिखिए।

    Solution
    1. कुटीर उद्योग - स्थानीय कच्चे माल का प्रयोग।
    2. छोटे पैमाने के उद्योग - अर्द्धकुशल श्रमिक व शक्ति संसाधनो से चलने वाले यंत्रो का प्रयोग।
    3. बड़े पैमाने के उद्योग - कुशल श्रमिक, प्रौद्योगिकी और शक्ति चालक मशीनों का प्रयोग।
    Question 15
    CBSEHHIGEH12025334

    स्वच्छन्द उद्योगों की विशेषताएँ लिखिए।

    Solution
    1. व्यापक विविधता वाले स्थानों में स्थित होते हैं।
    2. हल्के उद्योग
    3. कम व अकुशल श्रम
    4. प्रदूषण रहित
    5. सड़को के समीप स्थित
    Question 16
    CBSEHHIGEH12025335

    आधुनिक बड़े पैमाने पर होने वाले विनिर्माण उद्योग की विशेषताओं की व्याख्या कीजिए।

    Solution
    1. कौशल का विशिष्टीकरण - उत्पादन की विधियाँ
    2. यंत्रीकरण
    3. प्रौद्योगिकीय नवाचार
    4. संगठनात्मक ढ़ांचा
    5. बाज़ार की अभिगम्यता
    Question 17
    CBSEHHIGEH12025336

    प्रमुख कारकों व्यारव्या कीजिए जो उद्योगों की अवस्थिति को प्रभावित करते हैं।

    Solution
    1. भौतिक कारक - भूमि, जलवायु, ऊर्जा, संसाधन, प्राकृतिक वनस्पति।
    2. आर्थिक कारक - श्रमिक, पूँजी, यातायात के साधन ।
    3. सामाजिक कारक
    4. राजनैतिक कारक - सरकारी नीतियाँ
    5. अन्य - प्रारम्भिक शुरुआत की विशेषताएँ।

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    Question 18
    CBSEHHIGEH12025337

    ''अधिकतर देशों में उच्च प्रौद्योगिकी उद्योग प्रमुख महानगरों के परिधि क्षेत्रों में ही क्यों विकसित हो रहे है। '' व्यारव्या कीजिए।

    Solution
    1. एक मंजिल कारखानों तथा भविष्य में विस्तार के लिए स्थान उपलब्ध होता है
    2. नगर परिधि में सस्ती भूमि मिल जाती है।
    3. मुख्य सड़कों तथा वाहन मार्गो तक गम्यता होती है।
    4. सुखद पर्यावरण
    5. श्रम की आपूर्ति ।
    Question 19
    CBSEHHIGEH12025338

    देश के आर्थिक विकास में विनिर्माण उद्योगों के महत्त्व की व्याख्या कीजिए ।

    Solution
    1. कच्चे माल को प्रयोग योग्य वस्तुओं में परिवर्तित करना ।
    2. वस्तुओं के आकार को बदलकर उसके मूल्य और गुणवत्ता में वृद्धि करना ।
    3. प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि ।
    4. नगरीकरण और सामाजिक विकास में मदद
    5. लोक सेवाओं जैसे शिक्षा, स्वास्थ्य में वृद्धि, आदि
    6. विदेशी मुद्रा को अर्जित करने में मदद
    Question 24
    CBSEHHIGEH12025388

    उच्च प्रौद्योगिकी उद्योग के बारे में टिप्पणी लिखिए।

    Solution

    निर्माण क्रियाओं में उच्च प्रौद्योगिकी नवीनतम पीढ़ी है। इसमें उन्नत वैज्ञानिक एवं इंजीनियरिंग उत्पादकों का निर्माण गहन शोध एवं विकास के प्रयोग द्वारा किया जाता है। उच्च प्रौद्योगिकी उद्योग में यंत्रमानव, कंप्यूटर आधारित डिजाइन तथा निर्माण, धातु पिघलाने एवं शोधन के इलैक्ट्रोनिक नियंत्रण एवं नए रासायनिक व औषधीय उत्पाद प्रमुख स्थान रखते हैं।

    Question 25
    CBSEHHIGEH12025389

    विनिर्माण के बारे में टिप्पणी लिखिए।

    Solution

    वे प्रतिक्रियाएँ जिनके द्वारा कच्चे पदार्थों के स्वरूप को परिवर्तित करके तैयार माल का रूप देकर अधिक उपयोगी बनाया जाता है, उसे विनिर्माण अथवा निर्माण उद्योग कहते हैं। यह मानव का गौण अथवा द्वितीयक व्यवसाय है। उदाहरण के लिए गन्ने से चीनी बनाना, कपास से धागा तथा कपड़ा तैयार करना आदि । विनिर्माण उद्योग में कच्चेमाल को मशीनों की सहायता से या विभिन्न उपकरणों की सहायता से तैयार सामग्री के रूप में बदला जाता है तथा उसकी उपयोगिता के मूल्यों में वृद्धि हो जाती है। सुई से लेकर विशाल जलयानों, वायुयानों तथा उपग्रहों तक का निर्माण करना विनिर्माण उद्योग, के अंतर्गत आता है।

    Question 26
    CBSEHHIGEH12025390

    स्वच्छंद उद्योग के बारे में टिप्पणी लिखिए।

    Solution

    स्वच्छंद उद्योग व्यापक विविधता वाले स्थानों में स्थित होते हैं। ये उद्योग किसी विशिष्ट कच्चेमाल के भार में कमी हो रही है अथवा नहीं, पर निर्भर नहीं रहते हैं । ये उद्योग संघटक पुर्जों पर निर्भर रहते हैं जो कहीं से भी प्राप्त किए जा सकते हैं। इसमें उत्पादन कम मात्रा में होता है एवं श्रमिकों की कम आवश्यकता होती है। ये उद्योग प्रदूषण नहीं फैलाते।

    Question 27
    CBSEHHIGEH12025391

    प्राथमिक एवं द्वितीयक गतिविधियों में क्या अंतर है?

    Solution

    प्राथमिक गतिविधियाँ - प्राथमिक गतिविधियाँ वे होती हैं जो प्रत्यक्ष रूप से पर्यावरण पर निर्भर हैं क्योंकि ये पृथ्वी के संसाधनों जैसे भूमि, जल, वनस्पति, भवन-निर्माण सामग्री एवं खनिजों के उपयोग के विषय में बतलाती हैं। इस प्रकार की क्रियाओं के अंतर्गत आखेट, भोजन, भोजन संग्रह, पशुचारण, मछली पकड़ना, वनों से लकड़ी काटना, कृषि एवं खनन कार्य शामिल किए जाते हैं।

    द्वितीयक गतिविधियाँ
    - द्वितीयक गतिविधियों द्वारा प्राकृतिक संसाधनों का मूल्य बढ़ जाता है। प्रकृति में पाए जाने वाले कच्चे माल का रूप बदलकर ये उसे मूल्यवान बना देती हैं। जैसे कपास से वस्त्र बनाना, लौह अयस्क से लौह-इस्पात बनाना । इस प्रकार निर्मित वस्तुएँ अधिक मूल्यवान हो जाती हैं। खेतों, वनों, खदानों एवं समुद्रों से प्राप्त वस्तुओं के बारे में भी यही बात लागू होती है। इस प्रकार द्वितीयक क्रियाएँ विनिर्माण, प्रसंस्करण और निर्माण उद्योग से संबंधित हैं। सभी निर्माण उद्योग-धंधे गौण व्यवसाय है। गौण व्यवसायों पर भौतिक तथा सांस्कृतिक वातावरण का भी प्रभाव पड़ता है। संसार के विकसित देशों जैसे सयुक्त राज्य अमेरिका, सोवियत संघ, ग्रेट ब्रिटेन, पश्चिमी जर्मनी तथा जापान मैं अभूतपूर्व मूल्य वृद्धि हुई है।

    Question 28
    CBSEHHIGEH12025392

    विश्व के विकसित देशों के उद्योगों के संदर्भ में आधुनिक औद्योगिक क्रियाओं की मुख्य प्रवृत्तियों की विवेचना कीजिए ।

    Solution

    विश्व में कुछ क्षेत्र ऐसे हैं जहाँ- उद्योगों की स्थापना के लिए अनुकूल परिस्थितियां मिल जाती हैं और वहाँ कई उद्योग स्थापित हो जाते हैं और धीरे-धीरे उद्योगों का जमघट (पुंज) बन जाता है, जिसे औद्योगिक प्रदेश या औद्योगिक संकुल कहते हैं। उद्योगों की स्थापना के लिए विशेष भौगोलिक कारक उत्तरदायी होते हैं। इन्हीं अनुकूल भौगोलिक कारकों के कारण वे क्षेत्र नए-नए उद्योगों को अपनी ओर आकर्षित करते रहते हैं। उद्योगों के जमघट में अनुकूल उत्तरदायी कारकों के अंतर्गत कच्चेमाल की सुविधा, श्रमिकों की उपलब्धता, ऊर्जा के पर्याप्त संसाधन, जलवायु तथा परिवहन सुविधाएँ आदि हैं। विश्व में प्रमुख औद्योगिक प्रदेश निम्नलिखित हैं-

    1. यूरोप के औद्योगिक प्रदेश, 
    2. उत्तरी अमेरिका के औद्योगिक प्रदेश,
    3. दक्षिणी अमेरिका के औद्योगिक प्रदेश,
    4. रूस के औद्योगिक प्रदेश,
    5. एशिया के औद्योगिक प्रदेश,
    6. अफ्रीका के औद्योगिक प्रदेश,
    7. आस्ट्रेलिया के औद्योगिक प्रदेश ।

    यूरोप के औद्योगिक प्रदेश - विश्व में औद्योगिक क्रांति का श्री गणेश यूरोप महाद्वीप में ही हुआ था । यहाँ 18 वीं शताब्दी में जो औद्योगिक क्रांति आई, वह विश्व के अन्य भागों में भी धीरे-धीरे फैली जिससे औद्योगिक उत्पादनों में वृद्धि हुई ।

    1. ब्रिटेन के औद्योगिक प्रदेश - ब्रिटेन में निम्नलिखित प्रमुख औद्योगिक प्रदेश स्थित हैं-
      1. मिडलैंड औद्योगिक प्रदेश :- यह इंग्लैंड का महत्त्वपूर्ण औद्योगिक प्रदेश है, जिसका केंद्र बर्किंघम है। यहाँ छोटी-सी सूई से लेकर वायुयान तथा जलयान तक निर्मित होते हैं।
      2. स्कॉटलैंड ग्लासगो क्षेत्र :- इस क्षेत्र में ग्लासगो नगर जलयान निर्माण के लिए विश्वविख्यात है। अन्य उद्योगों में लौह-इस्पात, इंजीनियरिग तथा वस्त्र उद्योग प्रमुख हैं। 'ग्लासगो' के अतिरिक्त एडिनबरा तथा एबरडीन यहाँ के प्रमुख औद्योगिक केंद्र हैं।

      3. लंदन औद्योगिक प्रदेश :- लंदन ब्रिटेन की राजधानी होने के साथ-साथ एक प्रमुख औद्योगिक नगर भी है। इसके आसपास अनेक उद्योग स्थापित हैं, जिनमें छपाई, सीमेंट, तेल शोधन, इंजीनियरिग, वस्त्र निर्माण, फर्नीचर, विघुत्-उपकरण, खाद्य परिष्करण तथा शृंगार प्रसाधन प्रमुख हैं।

      4. दक्षिणी वेल्स औद्योगिक प्रदेश :- इस क्षेत्र के मुख्य औद्योगिक नगर फारडिफ, न्यूपोर्ट तथा स्वानसी हैं। यहाँ लौह-इस्पात, रसायन, तेल शोधन तथा कृत्रिम रेशे आदि उद्योग विकसित हैं।

    2. फ्रांस के औद्योगिक प्रदेश :- फ्रांस में निम्नलिखित प्रमुख औद्योगिक प्रदेश स्थित हैं-
      1. पेरिस औद्योगिक प्रदेश :- पेरिस यूरोप के प्रमुख औद्योगिक केंद्रों में गिना जाता है। यहीं कोयले की कमी है इसलिए भारी उद्योगों की स्थापना कम हो पाई है। यहाँ रसायन उद्योग, कागज उद्योग, मुद्रण उद्योग, कांच की वस्तुएँ, आभूषण आदि के उद्योग विकसित हैं। पेरिस शहर फैशन के लिए विश्वविख्यात है। इसे विश्व का फैशन केंद्र कहा जाता है। यहाँ आमोद-प्रमोद एवं फैशन की अनेक वस्तुएँ निर्मित होती हैं।
      2. लारेन सार प्रदेश :- यह प्रदेश लौह-इस्पात का प्रमुख केंद्र है। यहाँ सार बेसिन में कोयले की उपलब्धता के कारण लौह-इस्पात उद्योग विकसित हुआ है। लौह-इस्पात के अतिरिक्त रासायनिक उर्वरक, वस्त्र उद्योग तथा कांच उद्योग यहाँ के प्रमुख उद्योग-धंधे हैं।
    3. जर्मनी के औद्योगिक प्रदेश :- जर्मनी में निम्नलिखित प्रमुख औद्योगिक प्रदेश स्थित हैं-
      1. रूर औद्योगिक प्रदेश :- यह औद्योगिक प्रदेश विश्व के प्रमुख औद्योगिक प्रदेशों में गिना जाता है। रूर क्षेत्र में कोयला पर्याप्त मात्रा में मिलता है, जिसके कांरण भारी उद्योगों की स्थापना में सहायता मिली है। यहाँ लौह-इस्पात तथा भारी इंजीनियरिंग उद्योग विकसित अवस्था में हैं।
      2. बेवरिया औद्योगिक प्रदेश :- इस क्षेत्र में हल्के उद्योग; जैसे इलैक्ट्रॉनिक्स का सामान, घड़ी, हौजरी, रसायन पदार्थ, शराब, खाद्य-सामग्री तथा औषधियों से संबंधित उद्योग हैं।
      3. सार प्रदेश :- यह प्रदेश सार नदी के बेसिन में फैला है। यहाँ भारी इंजीनियरिंग, लौह-इस्पात, कांच का सामान, चीनी-मिट्टी के बर्तन तथा चमड़े के सामान बनाने के केंद्र हैं। यह क्षेत्र फ्रांस तथा जर्मनी की सीमा पर लगा औद्योगिक केंद्र है।
    4. इटली :- इटली में इंजीनियरिंग, शराब, रेशम तथा रासायनिक उद्योग विशेष रूप से विकसित हैं। यहाँ के औद्योगिक पुंज निम्नलिखित हैं-
      1. उत्तर में लोम्बार्डी, 
      2. नेपल्स ।
    5. नार्वे :- नार्वे के अधिकांश उद्योग यहाँ की राजधानी ओसलो के इर्द-गिर्द फैले हैं। ओसलो एक प्रमुख
      प्रशासनिक नगर के साथ-साथ औद्योगिक नगर भी है। यहाँ पर कागज उद्योग, फर्नीचर, जलयान निर्माण, लौह-इस्पात तथा मछली की डिब्बाबंदी जैसे उद्योग स्थापित हैं।

    Question 29
    CBSEHHIGEH12025393

    अधिकतर देशों में उच्च प्रौद्योगिकी उद्योग प्रमुख महानगरों के परिधि क्षेत्रों में ही क्यों विकसित हो रहे हैं? व्याख्या कीजिए।

    Solution

    उच्च प्रौद्योगिकी पर आधारित उद्योग तेजी से विकसित हो रहे हैं। इन उद्योगों में वैज्ञानिक अनुसंधान एवं विकास के बल पर अत्यधिक परिकृत उत्पादों का निर्माण किया जाता है। इन उद्योगों पर पारंपरिक कारकों का कोई विशेष प्रभाव नहीं होता । आज अधिकतर देशों में उच्च प्रौद्योगिक उद्योग प्रमुख महानगरों की परिधि में विकसित हो रहे हैं। इनके स्थानीयकरण में कुछ नए कारकों की भूमिका महत्त्वपूर्ण है जो निम्नलिखित हैं-

    1. ये हल्के उद्योग होते हैं जो अधिकतर कच्चेमाल की जगह उत्पादन के लिए अर्ध-निर्मित अथवा संसाधित वस्तुओं का उपयोग करते हैं।
    2. वैज्ञानिक और तकनीकी दक्षता पर निर्भर रहने के कारण ये उद्योग प्राय: विश्वविद्यालयों तथा शोध संस्थाओं के निकट स्थापित किये जाते हैं।
    3. इन उद्योगों के लिए ऊर्जा की आपूर्ति बिजली द्वारा होती है जो मुख्यत: राष्ट्रीय ग्रिड से प्राप्त होती हैं।
    4. इन उद्योगों के लिए अनुकूल जलवायु वाले महानगरीय क्षेत्र अधिक अनुकूल साबित होते हैं। महानगरों की सामाजिक, सांस्कृतिक व वैज्ञानिक गतिविधियाँ इन उद्योगों को अप्रत्यक्ष रूप से सहयोग देती है।
    5. इन उद्योगों का अंतिम उत्पाद छोटा किंतु परिष्कृत होता है। अत: इन्हें सड़क मार्गों के निकट प्रदूषण रहित आवासीय क्षेत्रों में लगाया जा सकता है।
    6. परिवहन और संचार के अति आधुनिक साधनों के बिना ये उद्योग जीवित ही नहीं रह सकते। उपभोक्ताओं, वित्तीयसंस्थाओं, सरकारी विभागों से तत्काल संपर्क बनाने तथा, शोध के विभिन्न चरणों की सफलता के लिए महानगरीय व परिवहन के साधन जरूरी हैं।

    Question 30
    CBSEHHIGEH12025394

    अफ्रीका में अपरिमित प्राकृतिक संसाधन हैं फिर भी औद्योगिक दृष्टि से यह बहुत पिछड़ा महाद्वीप है। समीक्षा कीजिए ।

    Solution

    उद्योगों को हर जगह स्थापित नहीं किया जा सकता, उद्योग वहीं पर स्थापित किए जाते हैं जहाँ पर इनके निर्माण में कम से कम लागत-आए व ज्यादा से ज्यादा लाभ हो । उद्योगों की अवस्थिति में कई भौगोलिक व गैर-भौगोलिक कारक महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं; जैसे-कच्चामाल, बाजार, पूँजी, बैकिंग व्यवस्था, श्रम, ऊर्जा के स्रोत आदि । दक्षिणी गोलार्द्ध में स्थित अफ्रीका महाद्वीप प्राकृतिक संसाधन में उन्नत हैं; जैसे लौह-इस्पात बाक्साइट, हीरा, ताँबा, लकड़ी, खालें आदि फिर भी इस क्षेत्र में उद्योग विकसित नहीं हुए । लौह-इस्पात उद्योग का विकास इसलिए नहीं हो सका क्योंकि यहाँ कोयले की कमी है। यूरोप व यू०एस०ए० की अपेक्षा यहाँ पूँजी का भी अभाव है। इसके अतिरिक्त संचार, परिवहन व बैंकिंग नीति की प्रतिकूलता भी पिछड़े औद्योगीकरण में मुख्य भूमिका निभाते हैं। अफ्रीका में विशाल मरुस्थल, घने वन प्रदेश, विस्तृत पठारी धरातल के कारण जनसंख्या भी कम निवास करती है। अत: स्पष्ट है कि प्राकृतिक संसाधनों अर्थात् कच्चे माल के भंडार होने के बावजूद अनेक गैर-भौगोलिक व मानवीय कारण उद्योगों की अवस्थिति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं ।

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