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निम्नलिखित प्रत्येक कथन के बारे में बताएँ कि वही सही है या गलत
A.
अधिकार पत्र में किसी देश की जनता को हासिल अधिकारों का वर्णन रहता है।
B.
अधिकार- पत्र व्यक्ति की स्वतंत्रता की रक्षा करता है।
C.
विश्व के हर देश में अधिकार-पत्र होता है।
D.
संविधान अधिकारों के उल्लंघन की सुरक्षा की गारंटी देता है ।
निम्नलिखित में कौन मौलिक अधिकारों का सबसे सटीक वर्णन है ?
किसी व्यक्ति को प्राप्त समस्त अधिकार।
कानून द्वारा नागरिक को प्रदत्त समस्त अधिकार।
संविधान द्वारा प्रदत्त और सुरक्षित समस्त अधिकार।
संविधान द्वारा प्रदत्त वे अधिकार जिन पर कभी प्रतिबंध नहीं लगाया जा सकता ।
D.
संविधान द्वारा प्रदत्त वे अधिकार जिन पर कभी प्रतिबंध नहीं लगाया जा सकता ।
निम्नलिखित स्थितियों को पढ़ें। प्रत्येक स्थिति के बारे में बताएँ कि किस मौलिक अधिकार का उपयोग या उल्लंघन हो रहा है और कैसे ?
राष्ट्रीय एयरलाइन के चालक-परिचालक दल (Cabin Crew) के ऐसे पुरुषों को जिनका वजन ज्यादा है नौकरी में तरक्की दी गई लेकिन उनकी ऐसी महिला सहकर्मियोंको, दंडित किया गया जिनका वजन बढ़ गया था।
इस उदहारण में समानता के अधिकार का उल्लंघन हुआ है, क्योंकि समानता के अधिकार में यह उल्लेख किया गया है कि सभी नागरिकों को जीवन के सभी पहलुओं में बराबर माना जाता है। लिंग, जाति, पंथ और रंग आदि के आधार पर किसी के खिलाफ भेदभाव नहीं किया जाना चाहिए।
निम्नलिखित स्थितियों को पढ़ें। प्रत्येक स्थिति के बारे में बताएँ कि किस मौलिक अधिकार का उपयोग या उल्लंघन हो रहा है और कैसे ?
एक निर्देशक एक डॉक्यूमेंट्री फ़िल्म बनाता है जिसमें सरकारी नीतियों की आलोचना है।
इस घटना में मौलिक-अधिकार 'विचारो की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता' का उपयोग हो रहा है। जो संविधान के 19 वें अनुच्छेद में दिया गया हैं। एक निर्देशक द्वारा डॉक्यूमेंट्री फ़िल्म में 'सरकारी नीतियों की आलोचना' उसके अपने निजी विचारो की अभिव्यक्ति को दर्शाता हैं।
निम्नलिखित स्थितियों को पढ़ें। प्रत्येक स्थिति के बारे में बताएँ कि किस मौलिक अधिकार का उपयोग या उल्लंघन हो रहा है और कैसे ?
एक बड़े बाँध के कारण विस्थापित हुए लोग अपने पुनर्वास की माँग करते हुए रैली निकालते हैं।
इस उदहारण में लोग अपने 'स्वतंत्रता के अधिकार' का उपयोग करते हुए शांतिपूर्ण तरीके से संगठित होकर अपने 'पुनर्वास' के उद्देश्य की पूर्ति के लिए रैली निकाल रहे हैं। संविधान के अनुच्छेद 19 के तहत लोगो को शांतिपूर्ण ढंग से बिना हथियार के एकत्रित होने और सम्मेलन करने अथवा किसी भी क्षेत्र में घूमने की स्वतंत्रता हैं।
निम्नलिखित स्थितियों को पढ़ें। प्रत्येक स्थिति के बारे में बताएँ कि किस मौलिक अधिकार का उपयोग या उल्लंघन हो रहा है और कैसे ?
आंध्र - सोसायटी आंध्र-प्रदेश के बाहर तेलुगु माध्यम के विद्यालय चलाती है।
इस उदाहरण में 'सांस्कृतिक एवं शैक्षणिक अधिकार' का उपयोग हो रहा हैं। अनुच्छेद 30 के अनुसार, सभी अल्पसंख़्यकों को, चाहे वे धर्म पर आधारित हों या भाषा पर, यह अधिकार प्राप्त है की वे अपनी इच्छानुसार शिक्षा संस्थाओं की स्थापना करें तथा उनका प्रबंध करें।
निम्नलिखित में कौन सांस्कृतिक और शैक्षिक अधिकारों की सही व्याख्या है ?
शैक्षिक-संस्था खोलने वाले अल्पसंख्यक वर्ग के ही बच्चे उस संस्थान में पढ़ाई कर सकते हैं।
सरकारी विद्यालयों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि अल्पसंख्यक-वर्ग के बच्चों को उनकी संस्कृति और धर्म-विश्वासों से परिचित कराया जाए।
भाषाई और धार्मिक-अल्पसंख्यक अपने बच्चों के लिए विद्यालय खोल सकते हैं और उनके लिए इन विद्यालयों को आरक्षित कर सकते हैं।
भाषाई और धार्मिक-अल्पसंख्यक यह माँग कर सकते हैं कि उनके बच्चे उनके द्वारा संचालित शैक्षणिक-संस्थाओं के अतिरिक्त किसी अन्य संस्थान में नहीं पढेंगे।
C.
भाषाई और धार्मिक-अल्पसंख्यक अपने बच्चों के लिए विद्यालय खोल सकते हैं और उनके लिए इन विद्यालयों को आरक्षित कर सकते हैं।
अनुच्छेद 29 तथा 30 के तहत अल्पसंख्यकों के हितों तथा शिक्षा सम्बन्धी अधिकारों को सुरक्षा प्रदान की गयी हैं। भारत में इस अधिकार का बहुत महत्व है, क्योंकि भारत में विभिन्न जातियों, धर्मों तथा भाषाओं वाले लोग रहते हैं।
इनमें कौन मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है और क्यों ?
न्यूनतम देय मजदूरी नहीं देना।
इस उदहारण में शोषण के विरुद्ध अधिकार का उल्लंघन किया गया हैं, क्योंकि अनुच्छेद 23 के तहत प्रत्येक व्यक्ति को सरकार द्वारा तय की गयी न्यूनतम देय मजदूरी प्राप्त करने का अधिकार हैं। यदि कोई भी नियोजक किसी भी कर्मचारी को न्यूनतम देय मजदूरी से कम मजदूरी देता हैं तो यह अनुच्छेद 23 का उल्लंघन होगा।
अनुच्छेद 23 के तहत प्रत्येक व्यक्ति को जो काम करता है, अधिकार है कि वह इतनी उचित और अनुकूल लजदूरी पाए, जिससे वह अपने लिए और अपने परिवार के लिए ऐसी आजीविका का प्रबंध कर सके, जो मानवीय गौरव के योग्य हो तथा आवश्यकता होने पर उसकी पूर्ति अन्य प्रकार के सामाजिक संरक्षणों द्वारा हो सके।
इनमें कौन मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है और क्यों ?
किसी पुस्तक पर प्रतिबंध लगाना।
इस उदहारण में 'विचारों की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता' का उल्लंघन है, क्योंकि अनुच्छेद 19 के तहत प्रत्येक नागरिक को अपने विचार प्रकट करने की स्वतंत्रता प्रदान की गयी है। वे बोलकर या लिखकर अथवा छापकर अपने विचार प्रकट कर सकते है। परन्तु कोई भी नागरिक इस अधिकार का प्रयोग दूसरे के अपमान करने के लिए नहीं कर सकता।
लोकतंत्र में इस अधिकार का बड़ा महत्व होता है, क्योंकि इसी के द्वारा जनमत का निर्माण और अभिव्यक्ति हो सकती है।
इनमें कौन मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है और क्यों ?
9 बजे रात के बाद लाऊडस्पीकर बजाने पर रोक लगाना।
इसमें उदाहरण में किसी भी मौलिक अधिकार का उल्लंघन नहीं हैं, क्योंकि 9 बजे के बाद लाऊड-स्पीकर चलना लोगों के लिए उचित नहीं है।
इनमें कौन मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है और क्यों ?
भाषण तैयार करना
इसमें उदाहरण में किसी भी मौलिक अधिकार का उल्लंघन नहीं हैं, क्योंकि अनुच्छेद 19 के अनुसार सभी नागरिकों को भाषण देने और अपने विचार प्रकट करने की स्वतंत्रता प्रदान की गई हैं।
गरीबों के बीच काम कर रहे एक कार्यकर्त्ता का कहना है कि गरीबों को मौलिक अधिकारों की जरूरत नहीं है। उनके लिए जरूरी यह है कि नीति-निर्देशक सिद्धांतों को कानूनी तौर पर बाध्यकारी बना दिया जाए। क्या आप इससे सहमत हैं ? अपने उत्तर का कारण बताएँ।
उत्तर के कारण:
अनेक रिपोर्टो से पता चलता है कि जो जातियाँ पहले झाडू देने के काम में लगी थीं उन्हें अब भी मजबूरन यही काम करना पड़ रहा है। जो लोग अधिकार-पद पर बैठे हैं वे इन्हें कोई और काम नहीं देते। इनके बच्चों को पढ़ाई-लिखाई करने पर हतोत्साहित किया जाता है। इस उदाहरण में किस मौलिक अधिकार का उल्लंघन हो रहा है।
इस उदाहरण में निम्नलिखित मौलिक अधिकारों का उल्लंघन हो रहा है:
एक मानवाधिकार-समूह ने अपनी याचिका में अदालत का ध्यान देश में मौजूद भूखमरी की स्थिति की तरफ खींचा। भारतीय खाद्य-निगम के गोदामों में 5 करोड़ टन से ज़्यादा अनाज भरा हुआ था। शोध से पता चलता है कि अधिकांश राशन-कार्डधारी यह नहीं जानते कि उचित-मूल्य की दुकानों से कितनी मात्रा में वे अनाज खरीद सकते हैं। मानवाधिकार समूह ने अपनी याचिका में अदालत से निवेदन किया कि वह सरकार को सार्वजनिक-वितरण-प्रणाली में सुधार करने का आदेश दे।
(क) इस मामले में कौन-कौन से अधिकार शामिल हैं ? ये अधिकार आपस में किस तरह जुड़े हैं ?
(ख) क्या ये अधिकार जीवन के अधिकार का एक अंग हैं ?
(क) इस मामले में निम्नलिखित अधिकार शामिल हैं:
प्रत्येक नागरिक कानून के समक्ष एक-समान हैं तथा सभी को एक समान सुरक्षा भी प्रदान की गई हैं। तर्क यह है कि बड़ी संख्या में राशन कार्ड धारकों को राशन की दुकानों में उपलब्ध अनाज की गुणवत्ता के बारे में उपयुक्त जानकारी नहीं है जिससे यह स्पष्ट होता है कि उनके पास कानून की एक-समान सुरक्षा नहीं है। उनकी इसी अजागरूकता के कारण ही राशन दुकान मालिक इन लोगों का शोषण करते हैं।अत: यहाँ पर शोषण के विरुद्ध अधिकार सम्मलित हैं।
भारतीय खाद्य-निगम के गोदामों में पांच करोड़ टन से ज़्यादा अनाज भंडारित हैं। कुछ लोग जिन्हें राशन की दुकानों से खरीदे जाने वाले भोजन की मात्रा के बारे में ज्ञान नहीं है, वे भोजन की इच्छा में भूखे हो सकते हैं। इस प्रकार यहाँ 'जीवन का अधिकार' शामिल है। मानवाधिकार समूह ने 'संवैधानिक उपचार के अधिकार का उपयोग' करते हुए देश में भुखमरी और भूख की स्थिति की ओर अदालत का ध्यान आकर्षित किया। राशन-कार्डधारियों को अनाज की जानकारी सरकार द्वारा दी जानी चाहिए। अत: यहाँ पर 'सूचना का अधिकार' शामिल हैं। इस प्रकार ये अधिकार आपस में जुड़े हुए हैं।
(ख) उपरोक्त सभी अधिकार नि:संदेह ही जीवन के अधिकार के अंग हैं। ये सभी अधिकार कानून का शासन स्थापित करते हैं अथवा इन्ही से समाज में सामाजिक समानता की स्थापना होती हैं। भोजन प्राप्ति प्रत्येक व्यक्ति के लिए आवश्यक हैं। अत: किसी भी व्यक्ति को भोजन प्राप्ति से वंचित रखना इन सभी अधिकारों का उल्लंघन माना जायेगा।
आपके अनुसार कौन सा मौलिक अधिकार सबसे ज्यादा महत्त्वपूर्ण है? इसके प्रावधानों को संक्षेप में लिखें और तर्क देकर बताएँ कि यह क्यों महत्त्वपूर्ण है ?
मेरे विचार में भारतीय संविधान में दिया गया अंतिम अधिकार 'संवैधानिक उपचारों का अधिकार' सबसे अधिक महत्वपूर्ण हैं। 'संवैधानिक उपचारों के अधिकार' के अनुसार यदि सरकार या कोई नागरिक मौलिक अधिकारों से किसी को वंचित करता है तो वह व्यक्ति अपने मौलिक अधिकारों की सुरक्षा की माँग उच्चतम न्यायलय अथवा उच्च न्यायालों में कर सकता हैं।
सर्वोच्च न्यायालय या उच्च न्यायालय मौलिक अधिकारों को लागू करने के लिए सरकार को आदेश और निर्देश दे सकते हैं। न्यायालय कई प्रकार के विशेष आदेश जारी करते हैं जिन्हें प्रादेश या रिट कहते हैं जैसे:- बंदी प्रत्यक्षीकरण, परमादेश, निषेध आदेश, अधिकार पृच्छा, उत्येषण रिट।
ये प्रवधान इसलिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि अधिकारों की विस्तृत सूची देना ही काफी नहीं होता किन्तु उसे व्यवहार में लाना और उसके उल्लंघन होने पर उसकी रक्षा करना भी उतना ही अनिवार्य होता हैं। 'संवैधानिक उपचारों का अधिकार' ही वह साधन है जिसके द्वारा ऐसा किया जा सकता है। इसलिए ही डॉ. बी.आर.अम्बेडकर ने संविधान सभा में बोलते हुए इस अधिकार को संविधान का ह्रदय व आत्मा (Heart and Soul) कहा था।
इस अध्याय में उद्धृत सोमनाथ लाहिड़ी द्वारा संविधान सभा में दिए गए वक्तव्य को पढ़ें। क्या आप उनके कथन से सहमत हैं? यदि हाँ तो इसकी पुष्टि में कुछ उदाहरण दें। यदि नहीं तो उनके कथन के विरुद्ध तर्क प्रस्तुत करें।
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