भारत का संविधान सिद्धांत और व्यवहार Chapter 2 भारतीय संविधान में अधिकार
  • Sponsor Area

    NCERT Solution For Class 11 राजनीतिक विज्ञान भारत का संविधान सिद्धांत और व्यवहार

    भारतीय संविधान में अधिकार Here is the CBSE राजनीतिक विज्ञान Chapter 2 for Class 11 students. Summary and detailed explanation of the lesson, including the definitions of difficult words. All of the exercises and questions and answers from the lesson's back end have been completed. NCERT Solutions for Class 11 राजनीतिक विज्ञान भारतीय संविधान में अधिकार Chapter 2 NCERT Solutions for Class 11 राजनीतिक विज्ञान भारतीय संविधान में अधिकार Chapter 2 The following is a summary in Hindi and English for the academic year 2021-2022. You can save these solutions to your computer or use the Class 11 राजनीतिक विज्ञान.

    Question 3
    CBSEHHIPOH11021748

    निम्नलिखित स्थितियों को पढ़ें। प्रत्येक स्थिति के बारे में बताएँ कि किस मौलिक अधिकार का उपयोग या उल्लंघन हो रहा है और कैसे ?

    राष्ट्रीय एयरलाइन के चालक-परिचालक दल (Cabin Crew) के ऐसे पुरुषों को जिनका वजन ज्यादा है नौकरी में तरक्की दी गई लेकिन उनकी ऐसी महिला सहकर्मियोंको, दंडित किया गया जिनका वजन बढ़ गया था।

    Solution

    इस उदहारण में समानता के अधिकार का उल्लंघन हुआ है, क्योंकि समानता के अधिकार में यह उल्लेख किया गया है कि सभी नागरिकों को जीवन के सभी पहलुओं में बराबर माना जाता है। लिंग, जाति, पंथ और रंग आदि के आधार पर किसी के खिलाफ भेदभाव नहीं किया जाना चाहिए।

    Question 4
    CBSEHHIPOH11021749

    निम्नलिखित स्थितियों को पढ़ें। प्रत्येक स्थिति के बारे में बताएँ कि किस मौलिक अधिकार का उपयोग या उल्लंघन हो रहा है और कैसे ?

    एक निर्देशक एक डॉक्यूमेंट्री फ़िल्म बनाता है जिसमें सरकारी नीतियों की आलोचना है।

    Solution

    इस घटना में मौलिक-अधिकार 'विचारो की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता' का उपयोग हो रहा है। जो संविधान के 19 वें अनुच्छेद में दिया गया हैं। एक निर्देशक द्वारा डॉक्यूमेंट्री फ़िल्म में 'सरकारी नीतियों की आलोचना' उसके अपने निजी विचारो की अभिव्यक्ति को दर्शाता हैं। 

    Question 5
    CBSEHHIPOH11021750

    निम्नलिखित स्थितियों को पढ़ें। प्रत्येक स्थिति के बारे में बताएँ कि किस मौलिक अधिकार का उपयोग या उल्लंघन हो रहा है और कैसे ?

    एक बड़े बाँध के कारण विस्थापित हुए लोग अपने पुनर्वास की माँग करते हुए रैली निकालते हैं।

    Solution

    इस उदहारण में लोग अपने 'स्वतंत्रता के अधिकार' का उपयोग करते हुए शांतिपूर्ण तरीके से संगठित होकर अपने 'पुनर्वास' के उद्देश्य की पूर्ति के लिए रैली निकाल रहे हैं। संविधान के अनुच्छेद 19 के तहत लोगो को शांतिपूर्ण ढंग से बिना हथियार के एकत्रित होने और सम्मेलन करने अथवा किसी भी क्षेत्र में घूमने की स्वतंत्रता हैं। 

    Question 6
    CBSEHHIPOH11021751

    निम्नलिखित स्थितियों को पढ़ें। प्रत्येक स्थिति के बारे में बताएँ कि किस मौलिक अधिकार का उपयोग या उल्लंघन हो रहा है और कैसे ?

    आंध्र - सोसायटी आंध्र-प्रदेश के बाहर तेलुगु माध्यम के विद्यालय चलाती है।

    Solution

    इस उदाहरण में 'सांस्कृतिक एवं शैक्षणिक अधिकार' का उपयोग हो रहा हैं। अनुच्छेद 30 के अनुसार, सभी अल्पसंख़्यकों को, चाहे वे धर्म पर आधारित हों या भाषा पर, यह अधिकार प्राप्त है की वे अपनी इच्छानुसार शिक्षा संस्थाओं की स्थापना करें तथा उनका प्रबंध करें।  

    Question 7
    CBSEHHIPOH11021752

    निम्नलिखित में कौन सांस्कृतिक और शैक्षिक अधिकारों की सही व्याख्या है ?

    • शैक्षिक-संस्था खोलने वाले अल्पसंख्यक वर्ग के ही बच्चे उस संस्थान में पढ़ाई कर सकते हैं।

    • सरकारी विद्यालयों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि अल्पसंख्यक-वर्ग के बच्चों को उनकी संस्कृति और धर्म-विश्वासों से परिचित कराया जाए।

    • भाषाई और धार्मिक-अल्पसंख्यक अपने बच्चों के लिए विद्यालय खोल सकते हैं और उनके लिए इन विद्यालयों को आरक्षित कर सकते हैं।

    • भाषाई और धार्मिक-अल्पसंख्यक यह माँग कर सकते हैं कि उनके बच्चे उनके द्वारा संचालित शैक्षणिक-संस्थाओं के अतिरिक्त किसी अन्य संस्थान में नहीं पढेंगे।

    Solution

    C.

    भाषाई और धार्मिक-अल्पसंख्यक अपने बच्चों के लिए विद्यालय खोल सकते हैं और उनके लिए इन विद्यालयों को आरक्षित कर सकते हैं।

    अनुच्छेद 29 तथा 30 के तहत अल्पसंख्यकों के हितों तथा शिक्षा सम्बन्धी अधिकारों को सुरक्षा प्रदान की गयी हैं। भारत में इस अधिकार का बहुत महत्व है, क्योंकि भारत में विभिन्न जातियों, धर्मों तथा भाषाओं वाले लोग रहते हैं।

    Question 8
    CBSEHHIPOH11021753

    इनमें कौन मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है और क्यों ?

    न्यूनतम देय मजदूरी नहीं देना।

    Solution

    इस उदहारण में शोषण के विरुद्ध अधिकार का उल्लंघन किया गया हैं, क्योंकि अनुच्छेद 23 के तहत प्रत्येक व्यक्ति को सरकार द्वारा तय की गयी न्यूनतम देय मजदूरी प्राप्त करने का अधिकार हैं। यदि कोई भी नियोजक किसी भी कर्मचारी को न्यूनतम देय मजदूरी से कम मजदूरी देता हैं तो यह अनुच्छेद 23 का उल्लंघन होगा।
    अनुच्छेद 23 के तहत प्रत्येक व्यक्ति को जो काम करता है, अधिकार है कि वह इतनी उचित और अनुकूल लजदूरी पाए, जिससे वह अपने लिए और अपने परिवार के लिए ऐसी आजीविका का प्रबंध कर सके, जो मानवीय गौरव के योग्य हो तथा आवश्यकता होने पर उसकी पूर्ति अन्य प्रकार के सामाजिक संरक्षणों द्वारा हो सके।

    Question 9
    CBSEHHIPOH11021754

    इनमें कौन मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है और क्यों ?

    किसी पुस्तक पर प्रतिबंध लगाना।

    Solution

    इस उदहारण में 'विचारों की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता' का उल्लंघन है, क्योंकि अनुच्छेद 19 के तहत प्रत्येक नागरिक को अपने विचार प्रकट करने की स्वतंत्रता प्रदान की गयी है। वे बोलकर या लिखकर अथवा छापकर अपने विचार प्रकट कर सकते है। परन्तु कोई भी नागरिक इस अधिकार का प्रयोग दूसरे के अपमान करने के लिए नहीं कर सकता। 
    लोकतंत्र में इस अधिकार का बड़ा महत्व होता है, क्योंकि इसी के द्वारा जनमत का निर्माण और अभिव्यक्ति हो सकती है। 

    Question 10
    CBSEHHIPOH11021755

    इनमें कौन मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है और क्यों ?

    9 बजे रात के बाद लाऊडस्पीकर बजाने पर रोक लगाना।

     

    Solution

    इसमें उदाहरण में किसी भी मौलिक अधिकार का उल्लंघन नहीं हैं, क्योंकि 9 बजे के बाद लाऊड-स्पीकर चलना लोगों के लिए उचित नहीं है।

    Question 11
    CBSEHHIPOH11021756

    इनमें कौन मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है और क्यों ?

    भाषण तैयार करना

    Solution

    इसमें उदाहरण में किसी भी मौलिक अधिकार का उल्लंघन नहीं हैं, क्योंकि अनुच्छेद 19 के अनुसार सभी नागरिकों को भाषण देने और अपने विचार प्रकट करने की स्वतंत्रता प्रदान की गई हैं।

    Question 12
    CBSEHHIPOH11021757

    गरीबों के बीच काम कर रहे एक कार्यकर्त्ता का कहना है कि गरीबों को मौलिक अधिकारों की जरूरत नहीं है। उनके लिए जरूरी यह है कि नीति-निर्देशक सिद्धांतों को कानूनी तौर पर बाध्यकारी बना दिया जाए। क्या आप इससे सहमत हैं ? अपने उत्तर का कारण बताएँ।

    Solution

    उत्तर के कारण:

    1. मौलिक अधिकारों और नीति-निर्देशक सिद्धांतों की अपनी-अपनी महत्वता हैं। मौलिक अधिकार खास तौर से व्यक्ति के अधिकारों को संरक्षित करते हैं, पर नीति-निर्देशक तत्व पूरे समाज के हित की बात करते हैं। फिर भी हम हम कार्यकर्ता के विचारों से सहमत नहीं है क्योंकि यदि नीति निर्देशक सिद्धांतों को कानूनी तौर पर बाध्यकारी बना भी दिया जाए तो भी मजदूरों को मौलिक अधिकारों की आवश्यकता तो रहेगी। 
    2. मौलिक अधिकार प्रत्येक व्यक्ति की उन्नति और विकास के लिए आवश्यक है। मौलिक अधिकारों के माध्यम से ही नागरिकों को समानता व स्वतंत्रता का अधिकार प्राप्त होता है। 
    3. यद्यपि नीति निर्देशक सिद्धांतों का उद्देश्य कल्याणकारी राज्य की स्थापना करना है, फिर भी राजनीति के निर्देशक सिद्धांतों को बाध्यकारी बनाना संभव नहीं है। यदि इन सिद्धांतों को बाध्यकारी बना दिया जाए तो उसके लिए व्यापक संसाधनों की व्यवस्था करनी पड़ेगी जो कि अति दुर्लभ कार्य है।

    Question 13
    CBSEHHIPOH11021758

    अनेक रिपोर्टो से पता चलता है कि जो जातियाँ पहले झाडू देने के काम में लगी थीं उन्हें अब भी मजबूरन यही काम करना पड़ रहा है। जो लोग अधिकार-पद पर बैठे हैं वे इन्हें कोई और काम नहीं देते। इनके बच्चों को पढ़ाई-लिखाई करने पर हतोत्साहित किया जाता है। इस उदाहरण में किस मौलिक अधिकार का उल्लंघन हो रहा है।

    Solution

    इस उदाहरण में निम्नलिखित मौलिक अधिकारों का उल्लंघन हो रहा है:

    1. स्वतंत्रता का अधिकार: यहाँ व्यक्तिगत स्वतंत्रता का उल्लंघन तब हुआ जब उन्हें अपनी नौकरी जारी रखने के लिए मजबूर किया गया और उन्हें अन्य किसी नौकरी को करने से रोका गया। इस प्रकार कोई भी व्यवसाय या नौकरी की स्वतंत्रता का उल्लंघन किया गया।
    2. सांस्कृतिक और शैक्षिक अधिकार: जब बच्चों को शिक्षा प्राप्त करने से हतोत्साहित किया जाता है, तो सांस्कृतिक और शैक्षणिक अधिकारों का उल्लंघन होता है। प्रत्येक बच्चे को किसी भी सरकार या सरकारी सहायता प्राप्त शैक्षिक संस्थान में प्रवेश लेने का अधिकार है।
    3. समानता का अधिकार: इस उदहारण में समानता के अधिकार का भी उल्लंघन किया गया है। यहाँ पर कुछ जातियों के लोगों के साथ भेद-भाव किया जा रहा हैं। वे आज भी उन्ही कार्यों में लगे हुए हैं जिन्हें वे बहुत पहले से करते आ रहे हैं। इस अधिकार के अनुसार, देश के सभी नागरिक कानून की नज़रों में एक समान हैं। हर किसी के पास रोज़गार में अवसर की समानता है। अनुच्छेद 17 के अंतर्गत अस्पृश्यता को समाप्त कर दिया गया है।

    Question 14
    CBSEHHIPOH11021759

    एक मानवाधिकार-समूह ने अपनी याचिका में अदालत का ध्यान देश में मौजूद भूखमरी की स्थिति की तरफ खींचा। भारतीय खाद्य-निगम के गोदामों में 5 करोड़ टन से ज़्यादा अनाज भरा हुआ था। शोध से पता चलता है कि अधिकांश राशन-कार्डधारी यह नहीं जानते कि उचित-मूल्य की दुकानों से कितनी मात्रा में वे अनाज खरीद सकते हैं। मानवाधिकार समूह ने अपनी याचिका में अदालत से निवेदन किया कि वह सरकार को सार्वजनिक-वितरण-प्रणाली में सुधार करने का आदेश दे।

    (क) इस मामले में कौन-कौन से अधिकार शामिल हैं ? ये अधिकार आपस में किस तरह जुड़े हैं ?
    (ख) क्या ये अधिकार जीवन के अधिकार का एक अंग हैं ?

    Solution

    (क) इस मामले में निम्नलिखित अधिकार शामिल हैं:

    1. समानता का अधिकार;
    2. शोषण के विरुद्ध अधिकार;
    3. जीवन तथा संवैधानिक उपचारों का अधिकार;
    4. सूचना का अधिकार

    प्रत्येक नागरिक कानून के समक्ष एक-समान हैं तथा सभी को एक समान सुरक्षा भी प्रदान की गई हैं। तर्क यह है कि बड़ी संख्या में राशन कार्ड धारकों को राशन की दुकानों में उपलब्ध अनाज की गुणवत्ता के बारे में उपयुक्त जानकारी नहीं है जिससे यह स्पष्ट होता है कि उनके पास कानून की एक-समान सुरक्षा नहीं है। उनकी इसी अजागरूकता के कारण ही राशन दुकान मालिक इन लोगों का शोषण करते हैं।अत: यहाँ पर शोषण के विरुद्ध अधिकार सम्मलित हैं। 
    भारतीय खाद्य-निगम के गोदामों में पांच करोड़ टन से ज़्यादा अनाज भंडारित हैं। कुछ लोग जिन्हें राशन की दुकानों से खरीदे जाने वाले भोजन की मात्रा के बारे में ज्ञान नहीं है, वे भोजन की इच्छा में भूखे हो सकते हैं। इस प्रकार यहाँ 'जीवन का अधिकार' शामिल है। मानवाधिकार समूह ने 'संवैधानिक उपचार के अधिकार का उपयोग' करते हुए देश में भुखमरी और भूख की स्थिति की ओर अदालत का ध्यान आकर्षित किया। राशन-कार्डधारियों को अनाज की जानकारी सरकार द्वारा दी जानी चाहिए। अत: यहाँ पर 'सूचना का अधिकार' शामिल हैं। इस प्रकार ये अधिकार आपस में जुड़े हुए हैं। 

    (ख) उपरोक्त सभी अधिकार नि:संदेह ही जीवन के अधिकार के अंग हैं। ये सभी अधिकार कानून का शासन स्थापित करते हैं अथवा इन्ही से समाज में सामाजिक समानता की स्थापना होती हैं। भोजन प्राप्ति प्रत्येक व्यक्ति के लिए आवश्यक हैं। अत: किसी भी व्यक्ति को भोजन प्राप्ति से वंचित रखना इन सभी अधिकारों का उल्लंघन माना जायेगा। 

    Question 15
    CBSEHHIPOH11021760

    आपके अनुसार कौन सा मौलिक अधिकार सबसे ज्यादा महत्त्वपूर्ण है? इसके प्रावधानों को संक्षेप में लिखें और तर्क देकर बताएँ कि यह क्यों महत्त्वपूर्ण है ?

    Solution

    मेरे विचार में भारतीय संविधान में दिया गया अंतिम अधिकार 'संवैधानिक उपचारों का अधिकार' सबसे अधिक महत्वपूर्ण हैं। 'संवैधानिक उपचारों के अधिकार' के अनुसार यदि सरकार या कोई नागरिक मौलिक अधिकारों से किसी को वंचित करता है तो वह व्यक्ति अपने मौलिक अधिकारों की सुरक्षा की माँग उच्चतम न्यायलय अथवा उच्च न्यायालों में कर सकता हैं। 
    सर्वोच्च न्यायालय या उच्च न्यायालय मौलिक अधिकारों को लागू करने के लिए सरकार को आदेश और निर्देश दे सकते हैं। न्यायालय कई प्रकार के विशेष आदेश जारी करते हैं जिन्हें प्रादेश या रिट कहते हैं जैसे:- बंदी प्रत्यक्षीकरण, परमादेश, निषेध आदेश, अधिकार पृच्छा, उत्येषण रिट। 
    ये प्रवधान इसलिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि अधिकारों की विस्तृत सूची देना ही काफी नहीं होता किन्तु उसे व्यवहार में लाना और उसके उल्लंघन होने पर उसकी रक्षा करना भी उतना ही अनिवार्य होता हैं। 'संवैधानिक उपचारों का अधिकार' ही  वह साधन है जिसके द्वारा ऐसा किया जा सकता है। इसलिए ही डॉ. बी.आर.अम्बेडकर ने संविधान सभा में बोलते हुए इस अधिकार को संविधान का ह्रदय व आत्मा (Heart and Soul) कहा था।

    Question 16
    CBSEHHIPOH11021761

    इस अध्याय में उद्धृत सोमनाथ लाहिड़ी द्वारा संविधान सभा में दिए गए वक्तव्य को पढ़ें। क्या आप उनके कथन से सहमत हैं? यदि हाँ तो इसकी पुष्टि में कुछ उदाहरण दें। यदि नहीं तो उनके कथन के विरुद्ध तर्क प्रस्तुत करें।

    Solution
    1. हम सोमनाथ लाहिड़ी द्वारा संविधान सभा में दिए गए वक्तव्य से पूर्णता सहमत नहीं है। इसमें कोई संदेह नहीं कि भारतीय संविधान प्रत्येक व्यक्ति को विचारों की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता प्रदान करता है परंतु साथ ही सुरक्षा की दृष्टि से नागरिकों के विचारों पर प्रतिबंध भी लगा सकता है।
    2. जनता के हितो की सुरक्षा के लिए लगभग सभी अधिकारों पर प्रतिबंध लगाए गए हैं। परंतु अधिकारों पर प्रतिबंध होने का यह अर्थ नहीं कि संविधान को सिपाही के दृष्टिकोण से बनाया गया हैं। लोगों की यह धारणा कि अधिकार एक हाथ से देकर दूसरे हाथ से वापस ले लिए गए हैं उचित नहीं हैं।
    3. हमें स्वतंत्रता को नकरात्मक नहीं अपितु सकरात्मक रूप में देखना चाहिए। सभी नागरिकों को समान अधिकार प्राप्त हो और कोई भी उसका गलत प्रयोग न करे, इसी कारण ही इन पर ये प्रतिबंध लगाए गए हैं।
    4. अधिकार कभी भी असीमित नहीं हो सकते। इसके अतिरिक्त राज्य की सुरक्षा अति महत्वपूर्ण है और संकटकाल की स्थिति में राज्य की सुरक्षा के लिए अधिकारों पर प्रतिबंध लगाना उचित है।

    Mock Test Series

    Sponsor Area

    Sponsor Area

    NCERT Book Store

    NCERT Sample Papers

    Entrance Exams Preparation

    2