अनेक रिपोर्टो से पता चलता है कि जो जातियाँ पहले झाडू देने के काम में लगी थीं उन्हें अब भी मजबूरन यही काम करना पड़ रहा है। जो लोग अधिकार-पद पर बैठे हैं वे इन्हें कोई और काम नहीं देते। इनके बच्चों को पढ़ाई-लिखाई करने पर हतोत्साहित किया जाता है। इस उदाहरण में किस मौलिक अधिकार का उल्लंघन हो रहा है।
इस उदाहरण में निम्नलिखित मौलिक अधिकारों का उल्लंघन हो रहा है:
- स्वतंत्रता का अधिकार: यहाँ व्यक्तिगत स्वतंत्रता का उल्लंघन तब हुआ जब उन्हें अपनी नौकरी जारी रखने के लिए मजबूर किया गया और उन्हें अन्य किसी नौकरी को करने से रोका गया। इस प्रकार कोई भी व्यवसाय या नौकरी की स्वतंत्रता का उल्लंघन किया गया।
- सांस्कृतिक और शैक्षिक अधिकार: जब बच्चों को शिक्षा प्राप्त करने से हतोत्साहित किया जाता है, तो सांस्कृतिक और शैक्षणिक अधिकारों का उल्लंघन होता है। प्रत्येक बच्चे को किसी भी सरकार या सरकारी सहायता प्राप्त शैक्षिक संस्थान में प्रवेश लेने का अधिकार है।
- समानता का अधिकार: इस उदहारण में समानता के अधिकार का भी उल्लंघन किया गया है। यहाँ पर कुछ जातियों के लोगों के साथ भेद-भाव किया जा रहा हैं। वे आज भी उन्ही कार्यों में लगे हुए हैं जिन्हें वे बहुत पहले से करते आ रहे हैं। इस अधिकार के अनुसार, देश के सभी नागरिक कानून की नज़रों में एक समान हैं। हर किसी के पास रोज़गार में अवसर की समानता है। अनुच्छेद 17 के अंतर्गत अस्पृश्यता को समाप्त कर दिया गया है।



