Sponsor Area
निम्नलिखित काव्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए:
दोपहर के खाने पर दबे हुए आदमी के चारों ओर बहुत भीड़ हो गई थी। लोग तरह-तरह की बातें कर रहे थे। कुछ मनचले क्लर्को ने समस्या को खुद ही सुलझाना चाहा। वे हुकूमत के फैसले का इंतजार किए बिना पेड़ को अपने आप हटा देने का निश्चय कर रहे थे कि इतने में सुपरिटेंडेंट फाइल लिए भागा- भागा आया। बोला- “हम लोग खुद इस पेड़ को नहीं हटा सकते। हम लोग व्यापार विभाग से संबंधित .हैं, और यह पेड़ की समस्या है, जो कृषि विभाग के अधीन है। मैं इस फाइल को अर्जेट मार्क करके कृषि विभाग में भेज रहा हूं। वहां से उत्तर आते ही इस पेड़ को हटवा दिया जाएगा।”
1. कहाँ और क्यों भीड़ इकट्ठी हो गई?
2. कुछ कौन लोग क्या चाहे रहे थे?
3. सुपरिटेंडेंट ने आकर क्या कहा?
1. सेक्रेटरिएट के लॉन में आँधी आने पर एक जामुन का पेड़ गिर पड़ा था। उसके नीचे एक आदमी दब गया था। अभी वह जीवित था। जब यह खबर दफ्तर में फैली तो दोपहर के खाने (लंच) के समय उस दबे हुए व्यक्ति के चारों ओर काफी भीड़ इकट्ठी हो गई।
2. उस दबे हुए व्यक्ति को देखकर सेक्रेटेरिएट के कुछ मनचले क्लर्कों ने इस समस्या को स्वयं ही सुलझाना चाहा। क्योंकि उस व्यक्ति को निकालने का फैसला हकूमत की फाइल में उलझ गया था, अत: वे क्लर्क उस फैसले की प्रतीक्षा किए बिना स्वयं ही उस पेड़ को हटा देना चाह रहे थे।
3. सुपरिंटेंडेंट फाइल लेकर भागा- भागा आया और बोला कि हम लोग स्वयं इस रोड को नहीं हटा सकते। यह पेड़ हमारे विभाग से संबंधित नहीं है। यह पेड़ कृषि विभाग के अधीन है। अत: इस फाइल को अर्जेंट मार्क के साथ कृषि विभाग में भेजा जा रहा है। वहाँ से स्वीकृति मिलने पर ही इस पेड़ को हटाया जा सकता।
निम्नलिखित काव्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए:
इस बार फाइल को मेडिकल डिपार्टमेंट में भेज दिया गया। मेडिकल डिपार्टमेंट ने फौरन ऐवान लिया और जिस दिन फाइल उनके विभाग में पहुँची, उसके दूसरे ही दिन उन्होंने अपने विभाग का सबसे योग्य प्लास्टिक सर्जन छानबीन के लिए भेज दिया। सर्जन ने दबे हुए आदमी को अच्छी तरह टटोलकर, उसका स्वास्थ्य देखकर, खून का दबाव देखा, नाड़ी की गति को परखा, दिल और फेफड़ों की जाँच करके रिपोर्ट भेज दी कि इस आदमी का प्लास्टिक ऑपरेशन तौ हो सकता है, और ऑपरेशन सफल भी होगा, मगर आदमी मर जाएगा।
1. इस बार फाइल कहाँ भेजी गई और क्यों?
2. फिर फाइल कहाँ गई?
3. सर्जन ने क्या राय दी?
1. इस बार फाइल मेडिकल डिपार्टमेंट में भेजी गई। जो व्यक्ति जामुन के पेड़ के नीचे दबा पड़ा था, उस काटकर निकालने का सुझाव आया था। बाद में उसे जोड़ा जाना था। (हास्यास्पद सुझाव) इसके लिए मेडिकल डिपार्टमेंट की राय चाहिए थी।
2. जैसे ही फाइल मेडिकल डिपार्टमेंट पहुँची, उसे अगले दिन अपने विभाग के सबसे योग्य प्लास्टिक सर्जन के पास छानबीन के लिए भेज दिया गया, ताकि वह ऑपरेशन के बारे में राय दे सके।
3. सर्जन ने दबे हुए व्यक्ति को टटोला, उसके स्वास्थ्य को देखा-परखा, खून का दबाव देखा, नाड़ी की गति को जाँचा, दिल और फेफड़ों की जाँच की और एक रिपोर्ट तैयार कर दी। इसमें बताया गया कि इस आदमी का ऑपरेशन तो हो सकता है और ऑपरेशन सफल भी हो जाएगा, मगर यह आदमी मर जाएगा।
(व्यंग्य-ऑपरेशन सफल भी होगा और आदमी भी मर जाएगा।)
निम्नलिखित काव्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए:
थोड़ी देर में सेक्रेटेरिएट में यह अफवाह फैल गई कि दबा हुआ आदमी शायर है। बस, फिर क्या था। लोगों का झुंड का झुंड शायर को देखने के लिए उमड़ पड़ा। इसकी चर्चा शहर में भी फैल गई और शाम तक गली-गली से शायर जमा होने शुरू हो गए। सेक्रेटेरियट का लॉन भांति भांति के कवियों से भर गया और दबे हुए आदमी के चारों ओर कवि-सम्मेलन का -सा वातावरण उत्पन्न हो गया। सेक्रेटेरियट -के कई क्लर्क और अंडर-सेक्रेटरी तक जिन्हें साहित्य और कविता से लगाव था, रुक गए। कुछ शायर दबे हुए आदमी को अपनी कविताएँ और दोहे सुनाने लगे। कई क्लर्क उसको अपनी कविता पर आलोचना करने को मजबूर करने लगे।
1. कहाँ क्या अफवाह फैल गई?
2. वहाँ कैसा वातावरण उपस्थित हो गया और क्यों?
3. सरकारी कर्मचारियों ने क्या काम करना शुरू कर दिया?
1. सेक्रेटेरिएट में यह अफवाह फैल गई कि जो व्यक्ति जामुन के पेड़ के नीचे दबा पड़ा है, वह आदमी शायर है। उसे देखने के लिए लोगों का छ एकत्रित हो गया। यह चर्चा शहर- भर में भी फैल गई और गलियों से भी लोग शायर को देखने आने लगे।
2. सेक्रेटेरिएट का लीन तरह-तरह के कवियों से भर गया। वे तथाकथित कवि उस दबे हुए शायर के इर्द-गिर्द जमा हो गए। उस दबे व्यक्ति (शायर) के चारों ओर कवि सम्मेलन का-सा वातावरण उपस्थित हो गया।
3. सेक्रेटेरियेट के कई कर्मचारी, जिनमें कुछ क्लर्क और अंडर सेक्रेटरी शामिल थे और जिन्हें साहित्य और कविता से लगाव था, वे रुक गए। वे लोग पेड़ के नीचे दबे शायर को अपनी-अपनी कविताएँ सुनाने लगे। कई क्लर्क तो दबे व्यक्ति (शायर) को अपनी कविता पर टिप्पणी करने को विवश तक करने लगे। किसी को शायर को पेड़ के नीचे से निकालने की चिन्ता न थी। सब अपनी धुन में मस्त थे।
निम्नलिखित काव्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए:
दूसरे दिन जब फॉरेस्ट डिपार्टमेंट के आदमी आरी-कुल्हाड़ी लेकर पहुँचे तो उनको पेड़ काटने से रोक दिया गया। मालूम हुआ कि विदेश-विभाग से हुक्म आया था कि इस पेड़े को न काटा जाए। कारण यह था कि इस पेड़ को दस साल पहले पीटोनिया राज्य के प्रधानमंत्री ने सेक्रेटेरिएट के लॉन में लगाया था। अब अगर यह पेड़ काटा गया, तो इस बात का काफी अंदेशा था कि पीटोनिया सरकार से हमारे संबंध सदा के लिए बिगड़ जाएंगे।
1. कौन, कह, क्यों पहुंचे?
2. उन्हें काम करने से किसने रोक दिया?
3. काम रोकने के पीछे क्या तर्क दिया गया?
1. एक व्यक्ति जामुन के पेड़ के नीचे दबा पड़ा था। पेड़ को काटकर उस व्यक्ति को निकालना था। उस व्यक्ति की फाइल अनेक विभागों में घूमती-भामती अंत में फरिस्ट डिपार्टमेंट में पहुँची। अगले दिन उस विभाग के आदमी आरी-कुल्हाड़ी लेकर आ पहुँचे ताकि उस पेड़ को काटा जा सके।
2. उन आदमियों को पेड़ काटने से रोक दिया गया। रोकने का हुक्म विदेश विभाग से आया था कि इस पेड़ को न काटा जाए।
3. पेड़ न काटने के पीछे यह तर्क दिया गया कि इस पेड़ को दस साल पहले पीटोनिया राज्य के प्रधानमंत्री ने लॉन में लगाया था । अब यदि इस पेड़ को काट दिया गया तो पीटोनिया सरकार से हमारे देश के संबंध सदा के लिए बिगड़ जाएँगे।
(क) ये संवाद कहानी के किस प्रसगं में आए हैं?
(ख) इससे लोगों की किस मानसिकता का पता चलता है?
(क) यह संवाद सेक्रेटरिएट के दो क्लर्को का है। जब सेक्रेटेरिएट के लॉन में आँधी आने के कारण जामुन का एक पेड़ गिर पड़ा और उसके नीचे एक आदमी दब गया तब उसे देखने वहाँ के बाबू एकत्रित हो गए। उन्हें उस व्यक्ति की कोई चिंता न थी बल्कि वे पेड़ की जामुनों का गुणगान कर रहे थे।
(ख) इससे लोगों की इस मानसिकता का पता चलता है कि वे घोर स्वार्थी किस्म के हैं। वे संवेदनाहीन हैं। उन्हें पेड़ के नीचे दबे व्यक्ति का दुख नजर नहीं आता। उन्हें तो सिर्फ अपना स्वार्थ दिखाई देता है। यह संसार उपयोगितावादी है।
दबा हुआ आदमी एक कवि है, यह बात कैसे पता चली और इस जानकारी का फाइल की यात्रा पर क्या असर पड़ा?
जब पड़ वेन नीचे दबे व्यक्ति को माली ने यह उम्मीद दिलाई कि कल सेक्रेटेरियट के सारे सेक्रेटरियों की मीटिंग में तुम्हारा केस रखा जाएगा और सब काम ठीक हो जाएगा, तब दबे हुए व्यक्ति के मुँह से एक शेर निकल पड़ा। माली जान गया कि यह व्यक्ति कवि है,। माली से बात चलकर सारे दफ्तरों तक पहुँच गई और सभी जान गए कि यह व्यक्ति कवि है।
इस जानकारी के बाद उसकी फाइल को एग्रीकल्चर डिपार्टमेंट से मँगाकर कल्चरल डिपार्टमेंट को भेजा गया। फिर वहाँ सेक्रेटरी अनया इससे और देर हो गई। वे उसे अपना मेंबर बनाने के काम में तो लग गए, पर पेड़ को काटने में अपनी असमर्थता प्रकट कर दी। अब वह फाइल कई विभागों में घूमती रही।
कृषि विभाग वालों ने मामले को हॉर्टीकल्चर विभाग को सौंपने के पीछे क्या तर्क दिया?
कृषि विभाग वालों ने पेड़ के नीचे दबे हुए व्यक्ति के मामले को हॉर्टीकल्चर विभाग को सौंप दिया। उनका तर्क था-हम इस मामेल को हॉर्टीकल्चर डिपार्टमेंट के हवाले कर रहे हैं, क्योंकि यह एक फलदार पेड़ का मामला है और एग्रीकल्चर डिपार्टमेंट अनाज और खेती-बाड़ी के मामलों में फैसला करने का हकदार है। जामुन का पेड़ चूँकि एक फलदार पेड़ है, इसलिए यह पेड़ हाँर्टीकल्चर डिपार्टमेंट के अंतर्गत आता है।
इस पाठ में सरकार के किन-किन विभागों की चर्चा की गई है और पाठ से उनके कार्य के बारे में क्या अंदाजा मिलता है?
इस पाठ में सरकार के निम्नलिखित विभागों की चर्चा की गई है-
1. व्यापार विभाग। 2. कृषि विभाग।
3. हाँर्टीकल्चर विभाग। 4. कल्चरल डिपार्टमेंट।
5. साहित्य अकादमी। 6. मेडिकल डिपार्टमेंट।
7. विदेश विभाग। 8. फ़ॉरेस्ट डिपार्टमेंट।
उपर्युक्त सभी विभाग लाल फीताशाही की गिरफ्त में है। कोई विभाग निर्णय लेने में सक्षम नहीं है। सभी अपनी जिम्मेदारी दूसरे पर डालने को तत्पर रहते हैं। वे. दूसरे विभाग की आलोचना भी करते हैं। इनमें काम करने वाले व्यक्ति संवदेनशून्य हैं।
कहानी में दो प्रसंग ऐसे हैं, जहां लोग पेड़ के नीचे दबे आदमी को निकालने के लिए कटिबद्ध होते हैं। ऐसा कब-कब होता है और लोगों का यह संकल्प दोनों बार किस-किस वजह से भंग होता है।
पहली बार सेक्रेटेरिएट के कुछ माली तथा क्लर्क पेड़ के नीचे दबे आदमी को निकालने के लिए कटिबद्ध होते हैं, पर उन्हें सुपरिंटेंडेंट आकर रोक देता है। वह फाइल को कृषि विभाग को भेजने और यहाँ से स्वीकृति पाने का अंडगा डाल देता है। दूसरी बार फॉरेस्ट विभाग चेन आदमी आरी-कुल्हाड़ी लेकर पेड़ को काटकर दबे व्यक्ति को निकालने आते हैं। वे काम शुरू करें, इससे पहले विदेश विभाग का आदेश आ जाता है। काम रूक जाता है। तर्क है कि इसे पीटोनिया न्धा के प्रधानमंत्री ने दस साल पहले लगाया। पेड़ वेन कटने से आपसी सबध बिगड़ जाएँगे।
यह कहना कहाँ तक युक्तिसंगत है कि इस कहानी में हास्य वेन सा साथ-साथ करूणा की भी अंतर्धारा है। अपने उत्तर के पक्ष में तर्क दें।
यह कहना बिल्कुल युक्तिसंगत है कि इस कहानी में हास्य वेन साथ -साथ करूणा की भी अंतर्धारा है।
सरकारी कर्मचारियों की कार्यप्रणाली और बेहूदे तर्कों पर बार-बार हँसी आती है।
इसके साथ-साथ पेड़ वेन नीचे दबे व्यक्ति की दशा और पीडा को देखकर करूणा भाव जाग्रत होता है। एक माली ही इसकी करुणा का सहभागी है। वही उसके दर्द को पहचानता है। अन्य लोग तो संवेदनशून्य हैं। करूणा तब चरमसीमा पर पहुँच जाती है जब दबा व्यक्ति (कवि) सरकारी आदेश आने से पहले ही दम तोड़ देता है। उसके मुँह में चींटियों की पंक्ति का जाना करुणोत्पादक दृश्य उपस्थित कर देता है।
यदि आप माली की जगह पर होते, तो हुकूमत के फैसले का इंतजार करते या नहीं? अगर हां, तो क्यों? और नहीं, तो क्यों?
यदि हम माली की जगह होते तो हम हुकूमत के फैसले का इंतजार नहीं करते। हम पेड़ को काटने वेन स्थान पर अन्य लोगों की सहायता से दबे व्यक्ति वेन ऊपर से पेड़ को खिसका कर हटा देते और उस व्यक्ति को सुरक्षित बाहर निकल लेते। रजब पेड़ कटता ही नहीं तब हम पर कोई अनुशासनहीनता की कार्यवाही भी नहीं होती। आदमी को बचाना कोई अपराध नहीं है।
कहानी के वैकल्पिक शीर्षक सुझाएं। निम्नलिखित बिंदुओं को ध्यान में रखकर शीर्षक गढ़े जा सकते है-
कहानी मे बार-बार फाइल का जिकर आया है और अंत में दबे हुए आदमी वेन जीवन की फाइल पूर्ण होने की बात कही गई है।
सरकारी दफ्तर की लंबी और विवेकहीन कार्यप्रणाली की ओर बार-बार इशारा किया गया है।
कहानी का मुख्य पात्र उस विवेकहीनता का शिकार हो जाता है।
शीर्षक- ◆ जीवन की फाइल का निपटारा।
◆ लाल फीताशाही।
◆ अभागा शायर (कवि)।
नीचे दिए गए अंग्रेजी शब्दों के हिन्दी प्रयोग लिखिए- अर्जेंट, फॉरेस्ट, डिपार्टमेंट, मेंबर, डिप्टी सेक्रेटरी, चीफ सेक्रेटरी री, मिनिस्टर, अंडर सेक्रेटरी, हार्टिकल्चर ल्वर डिपार्टमें ट, एग्रीकल्चर डिपार्टमेंट।
अर्जेंट - अति आवश्यक
फॉरेस्ट - वन
डिपार्टमेंट - विभाग
मेंबर - सदस्य
डिप्टी सेक्रेटरी - उपसचिव
चीफ सेक्रेटरी - मुख्य सचिव
मिनिस्टर - मंत्री
अंडर सेक्रेटरी - अवर सचिव
हार्टीकल्चर डिपार्टमेंट - उद्यान विभाग
एग्रीकल्चर डिपार्टमेंट - कृषि विभाग।
∎ संयुक’ वाक्य:
1. इतना बड़ा कवि- ‘ओस के फूल’ का लेखक और हमारी अकादमी का मेंबर नहीं है।
2. उसकी साँस बड़ी मुश्किल से चल रही थी और उसकी आँखों से मालूम होता था कि वह घोर पीड़ा में है।
3. सेक्रेटरी अपनी गाड़ी में सवार होकर सेक्रेटेरिएट पहुँचा और दबे हुए आदमी से इंटरव्यू लेने लगा।
4. आधा आदमी उधर से निकल आएगा और पेड़ वहीं का वहीं रहेगा।
5. प्रधानमंत्री ने पेड़ काटने का हुक्म दे दिया और सारी अंतर्राष्ट्रीय जिम्मेदारी अपने सिर ले ली।
∎ सरल वाक्यों में रूपांतरण:
1. ‘ओस के फूल’ का लेखक बड़ा कवि होते हुए भी हमारी अकादमी का मेंबर नहीं है।
2. उसकी मुश्किल से चलती साँस और आँखों से उसकी घोर पीड़ा का पता चल रहा था।
3. सेक्रेटरी अपनी गाड़ी में सवार होकर उस दबे आदमी का इंटरव्यू लेने सेक्रेटेरिएट आ पहुँचा।
4. आधा आदमी उधर से निकल आने पर पेड़ भी वहीं का वहीं रह जाएगा।
5. प्रधानमंत्री ने पेड़ काटने का हुक्म देकर सारी अंतर्राष्ट्रीय जिम्मेदारी अपने सिर ले ली।
साक्षात्कार अपने-आप में एक विधा है। जामुन के पेड़ के नीचे दबे आदमी के फाइल बंद होने (मृत्यु) के लिए जिम्मेदार किसी एक व्यक्ति का काल्पनिक साक्षात्कार करें और लिखें।
साक्षात्कार विधा में एक व्यक्ति दूसरे का इंटरव्यू लेता है। आदमी की फाइल बंद होने (मृत्यु) के लिए जिम्मेदार व्यक्ति से काल्पनिक साक्षात्कार।
साक्षात्कार करने वाला - आप किस विभाग में किस पद पर कार्यरत हैं।
जिम्मेदार व्यक्ति - मैं व्यापार विभाग में सुपरिंटेंडेंट के पद पर कार्यरत हूँ।
साक्षात्कार करने वाला - आपने सूचना मिलने पर भी पेड़ के नीचे दबे व्यक्ति को निकलवाने की व्यवस्था क्यों नहीं की?
व्यक्ति - मैं स्वयं निर्णय कैसे ले सकता था? यह काम हमारे विभाग से संबंधित न था।
साक्षात्कार करने वाला - आपकी लेट-लतीफी ने एक व्यक्ति की जान तो ले ली!
क्या आप अपनी जिम्मेदारी से बच सकते हैं?
व्यक्ति - इसमें मेरी कोई जिम्मेदारी नहीं बनती। यदि विदेश विभाग ऐन वक्त पर अड़ंगा न डालता तो फॉरेस्ट डिपार्टमेंट के आदमी पेड़ को काटकर इस आदमी को बचा लेते।
साक्षात्कार वाला - तो इस व्यक्ति के मरने की जिम्मेदारी किस पर जाती है?
व्यक्ति - मैं यह नहीं बता सकता।
साक्षात्कार वाला - मेरे विचार से आप ही उस व्यक्ति की आकस्मिक मृत्यु के लिए जिम्मेदार हैं।
पेड़ के नीचे दबे हुए व्यक्ति को खिचड़ी किसने खिलाई? इससे क्या रहस्योद्घाटन हुआ?
पेड़ के नीचे दबे हुए व्यक्ति को माली ने खिचड़ी खिलाई। माली ने दबे हुए आदमी के मुँह में खिचड़ी डालते हुए उसे बताया कि अब मामला ऊपर चला गया है। सुना है कि कल सेक्रेटेरियट के सारे सेक्रेटरियों की मीटिंग होगी। उसमें तुम्हारा केस रखा जाएगा। उम्मीद है, सब काम ठीक हो जाएगा।
दबा हुआ आदमी एक आह भरकर धीरे से बोला--
“ये तो माना कि तगाफुल न करोगे लेकिन
खाक हो जाएँगे हम तुमको खबर होने तक!”
माली ने अचंभे से मुँह में उँगली दबा ली और चकित भाव से बोला, “क्या तुम शायर हो?”
दबे हुए आदमी ने धीरे से सिर हिला दिया। इससे एक नया रहस्योद्घाटन हो गया कि दबा व्यक्ति शायर (कवि) है।
कृषि विभाग का क्या उत्तर आया? व्यापार विभाग ने उस उत्तर पर क्या प्रतिक्रिया प्रकट की?
दूसरे दिन कृषि विभाग से उत्तर आया कि पेड़ व्यापार विभाग के लॉन में गिरा है, इसलिए इस पेड़ को हटवाने या न हटवाने की जिम्मेदारी व्यापार विभाग पर पड़ती है।
यह उत्तर पढ़कर व्यापार विभाग को गुस्सा आ गया। उन्होंने फौरन लिखा कि पेड़ों को हटवाने या न हटवाने की जिम्मेदारी कृषि विभाग की होती है, व्यापार विभाग का इससे कोई संबंध नहीं है।
Sponsor Area
सेक्रेटेरिएट के क्लर्को ने जामुन के पेड़ के बारे में क्या-क्या बातें कहीं?
“बेचारा जामुन का पेड़। कितना फलदार था!” सेक्रेरिएट का एक क्लर्क बोला।
“और इसकी जामुनें कितनी रसीली होती थीं!” दूसरा क्लर्क याद करते हुए बोला।
“मैं फलों के मौसम में झोली भरकर ले जाता था, मेरे बच्चे इसकी जामुनें कितनी खुशी से खाते थे।” तीसरा क्लर्क लगभग रुआँसा होकर बोला।
एक रात को क्या घटना घटी?
एक रात को बड़े जोर का झक्कड़ चला। सेक्रेटेरियट के लॉन में जामुन का एक पेड़ गिर पड़ा। सवेरे को जब माली ने देखा, तो उसे पता चला कि पेड़ के नीचे एक आदमी दबा पड़ा है।
माली दौड़ा-दौड़ा चपरासी के पास गया, चपरासी दौड़ा-दौड़ा क्लर्क के पास गया, क्लर्क दौड़ा-दौड़ा सुपरिंटेंडेंट के पास गया, सुपरिंटेंडेंट दौड़ा-दौड़ा बाहर लॉन में आया। मिनटों में गिरे हुए पेड़ के नीचे दबे हुए आदमी के चारों ओर भीड़ इकट्ठी हो गई।
जब यह पता चला कि पेड़ के नीचे दबा हुआ व्यक्ति एक कवि है तब क्या निर्णय लिया गया?
जब यह पता चला कि दबा हुआ आदमी एक कवि है, तो सेक्रेटेरियट की सब-कमेटी ने फैसला किया-चूँकि दबा हुआ आदमी एक कवि है, इसलिए इस फाइल का संबंध न एग्रीकल्चर डिपार्टमेंट से है, न हार्टीकल्चर डिपार्टमेंट से, बल्कि सिर्फ कल्चरल डिपार्टमेंट से है। कल्चरल डिपार्टमेंट से अनुरोध किया गया है कि जल्द-से-जल्द मामले का फैसला करके अभागे कवि को इस फलदार पेड़े से छुटकारा दिलाया जाए।
साहित्य-अकादमी का सेक्रेटरी कहां जा पहुंचा? वहां पहुँचकर उसने क्या किया? उसका इंटरव्यू लिखिए।
पेड़ के नीचे दबे व्यक्ति की फाइल कल्चरल डिपार्टमेंट के अनेक विभागों से गुजरती हुई साहित्य-अकादमी के सेक्रेटरी के पास पहुँची। बेचारा सेक्रेटरी उसी समय अपना गाड़ी में सवार होकर सेक्रेटेरियट पहुँचा और दबे हुए आदमी से इंटरव्यू लेने लगा।
“तुम कवि हो?” उसने पूछा।
“जी हाँ।” दबे हुए आदमी ने जवाब दिया।
“किस उपनाम से शोभित हो!”
“ओस।”
“ओस?” सेक्रेटरी जोर से चीखा,” क्या तुम वही ‘ओस’ हो, जिसका गद्य-संग्रह ‘ओस के फूल’ अभी हाल ही में प्रकाशित हुआ है)’
दबे हुए कवि ने हुंकार में सिर हिलाया।
“क्या तुम हमारी अकादमी के मेंबर हो?” सेक्रेटरी ने पूछा।
“नहीं!”
“आश्चर्य है,” सेक्रेटरी जोर से चीखा,’ ‘इतना बड़ा कवि-’ ओस के फूल’ का लेखक और हमारी अकादमी का मेंबर नहीं है। उफ, कैसी भूल हो गई हमसे! कितना बड़ा कवि और कैसी अँधेरी गुमनामी में दबा पड़ा है।”
“गुमनामी में नहीं-एक पेड़ के नीचे दबा हूँ कृपया मुझे इस पेड़ के नीचे से निकालिए।”
“अभी बंदोबस्त करता हूँ।” सेक्रेटरी फौरन बोला और उसने फौरन अपने विभाग में रिपोर्ट की।
साहित्य अकादमी से सेक्रेटरी ने लौटकर क्या बताया?
साहित्य अकादमी के सेक्रेटरी ने तीन बातें बताई-
1. दबे हुए व्यक्ति. (कवि) को केंद्रीय शाखा का मेंबर चुन लिया गया है।
2. वे दबे व्यक्ति को तो पेड़ के नीचे से नहीं निकाल सकते। हाँ, उसके मरने पर उसकी बीवी को वजीफा दे सकते हैं ।
3. हमारा विभाग सिर्फ कल्वर से संबंधित है। पेड़ काटने का मामला कलम दवात से नहीं, अरी-कुन्हाड़ी से संबंधित है। उसके लिए हमने फॉरेस्ट डिपार्टमेंट को लिख दिया है और’ अर्जेंट लिखा है।
Sponsor Area
Sponsor Area