अतीत दबे पाँव

Question

आधुनिक शहर नियोजन पर लेखक का दृष्टिकोण बताइए?

Answer

लेखक आधुनिक शहरी नियोजन पर सकारात्मक रुख नहीं जताता। उसका मानना है कि आज हमें शहरी नियोजन के नाम पर सिर्फ अराजकता हाथ लगती है। आधुनिक सेक्टरों या कॉलोनियों में आड़ा-तिरछा और सीधा नियोजन मिलता है, परंतु इसमें नीरसता होती है। जीवन में गतिशीलता नहीं होती। यह नियोजन व्यवहार में लाया जाता है, परंतु यह शहर की विकसित नहीं होने देता।

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Some More Questions From अतीत दबे पाँव Chapter

टूटे-फूटे खंडहर, सभ्यता और संस्कृति के इतिहास के साथ-साथ धड़कती जिंदगियों के अनहुए समयों का भी दस्तावेज होते हैं-इस कथन का भाव स्पष्ट कीजिए।

इस पाठ में एक ऐसे स्थान का वर्णन है, जिसे बहुत कम लोगों ने देखा होगा,प्रश्न 6. इस पाठ में एक ऐसे स्थान का वर्णन है, जिसे बहुत कम लोगों ने देखा होगा, परंतु इससे आपके मन में उस नगर की एक तसवीर बनती है। किसी ऐसे ऐतिहासिक स्थल, जिसको आपने नजदीक से देखा हो का वर्णन अपने शब्दों में कीजिए। परंतु इससे आपके मन में उस नगर की एक तसवीर बनती है। किसी ऐसे ऐतिहासिक स्थल, जिसको आपने नजदीक से देखा हो का वर्णन अपने शब्दों में कीजिए।

सिंधु-सभ्यता को जल-संस्कृति भी कह सकते है। इस कथन के पक्ष या विपक्ष में तर्क दीजिए।

सिन्धु घाटी सभ्यता का कोई लिखित साक्ष्य नहीं मिला है। सिर्फ अवशेषों के आधार पर ही धारणा बनाई है। इस लेख में मुअन जो-दड़ो के बारे में जो धारणा व्यक्त की गई है, क्या आपके मन में इससे कोई भिन्न धारणा या भाव भी पैदा होता है? इन संभावनाओं पर कक्षा में समूह चर्चा करें।

सिन्धु सभ्यता का पता कैसे चला था

लेखक राजस्थान और सिन्ध के प्राकृतिक वातावरण का वर्णन करते हुए किस अंतर को स्पष्ट करता है?

निम्न वर्ग के मकानों के बारे में लेखक का क्या अनुमान है?

ला-कार्बूजिए और मोहन- जोदड़ो के बीच किस संयोग के बारे में लेखक बताता है?

सिन्धु सभ्यता की सामाजिक एवं सांस्कृतिक विशेषता क्या है?

आधुनिक शहर नियोजन पर लेखक का दृष्टिकोण बताइए?