सिल्वर वैडिंग
‘सिल्वर वैडिंग’ में एक ओर स्थिति को ज्यों-का-त्यों स्वीकार लेने का भाव है तो दूसरी ओर अनिर्णय की स्थिति भी। कहानी के इस द्वंद्व को स्पष्ट कीजिए।?
‘सिल्वर वेडिंग’ में एक ओर स्थिति को ज्यों-का-त्यों स्वीकार कर लेने का भाव है तो दूसरी ओर अनिर्णय की स्थिति भी है। इस कहानी में यशोधर पंत परिस्थितियों के साथ समझौता करना नहीं जानते पर उनकी संतान समय के साथ चलते हैं। यशोधर बाबू की पत्नी अपने मूल संस्कारों से किसी भी तरह आधुनिक नहीं है तथापि बच्चों की तरफतरफदारी मातृ सुलभ मजबूरी ने उन्हें मॉडल बना दिया है।
यशोधर बाबू सदैव अनिर्णय की स्थिति में रहते है। वे किसी भी नए परिवर्तन को सहज रूप से स्वीकार नहीं कर पाते। यही कारण है कि वे बार-बार ‘समहाउ इंप्रॉपर’ कहते रहते हैं। वैसे कभी-कभी यशोधर बाबू यह स्वीकार करते हें कि उनमें कुछ परिवर्तन हुआ है, पर पत्नी का बदलाव उन्हें रास नहीं आता। कहानी में नई पीढ़ी और पुरानी पीढ़ी का द्वंद्व आरंभ से अंत तक चलता रहता है। यशोधर बाबू का यह द्वंद्व दफ्तर में भी है और घर में भी।
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‘सिल्वर वैडिंग’ कहानी के कथ्य का विश्लेषण कीजिए।
चड्ढा यशोधर बाबू से क्या दुर्व्यवहार करता है?
यशोधर के स्वभाव कों सिल्वर वैडिंग’ पाठ के आधार पर बताइए।
अथवा
सिल्वर वैडिंग कहानी के आधार पर यशोधर बाबू के स्वभाव की किन्हीं तीन विशेषताओं पर प्रकाश डालिए।
यशोधर बाबू समय के साथ चल सकने में असफल रहते हैं। ऐसा क्यों?
अथवा
‘सिल्वर वेडिंग’ कहानी के आधार पर बताइए कि यशोधर बाबू समय के अनुसार क्यों नहीं चल सके।
‘सिल्वर वैडिंग’ के कथानायक यशोधर बाबू एक आदर्श व्यक्ति हैं और नई पीढ़ी द्वारा उनके विचारों को अपनाना ही उचित है’ -इस कथन के पक्ष या विपक्ष में तर्क दीजिए।
“सिल्वरवेडिंग” कहानी के आधार पर पीढ़ियों के अंतराल के कारणों पर प्रकाश डालिए। क्या इस अंतराल को कुछ पाटा जा सकता है? कैसे? स्पष्ट कीजिए।
यशोधर बाबू के व्यक्तित्व तीन विशेषताओं पर सोदाहरण प्रकाश डालिए।
‘सिल्वर वैडिंग’ में यशोधर बाबू एक ओर जहाँ बच्चों की तरक्की से खुश होते हैं, वहीं कुछ ‘समहाउ इंप्रॉपर’ भी अनुभव करते हैं। ऐसा क्यों?
‘सिलवर वैडिंग’ के आधार पर सेक्शन आफिसर वाईडी. पंत और उनके सहयोगी कर्मचारियों के परस्पर संबंधों पर टिप्पणी कीजिए।
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