सिल्वर वैडिंग

Question

सिल्वर वैडिंग में यशोधर बाबू किशनदा के आदर्श को त्याग क्यों नहीं पाते?

Answer

यशोधर बाबू किशनदा के व्यक्तित्व से अत्यधिक प्रभावित रहे। वे उन्हें अपना आदर्श मानते थे। यशोधर बाबू ने किशनदा को घर और दफ्तर में विभिन्न रूपों में देखा था। वे जीवनभर उनके आदर्श को नहीं त्याग पाते।

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Some More Questions From सिल्वर वैडिंग Chapter

यशोधर बाबू अपनी संतानों से असंतुष्ट क्यों रहते थे और वे उनसे क्या चाहते थे?

‘आजकल पारिवारिक संबंधों’ में धन अधिक महत्त्वपूर्ण है’- कहानी के आधार पर स्पष्ट कीजिए।

‘सिल्वर वैडिंग’ कहानी के कथ्य का विश्लेषण कीजिए।

चड्ढा यशोधर बाबू से क्या दुर्व्यवहार करता है?

यशोधर के स्वभाव कों सिल्वर वैडिंग’ पाठ के आधार पर बताइए।

अथवा

सिल्वर वैडिंग कहानी के आधार पर यशोधर बाबू के स्वभाव की किन्हीं तीन विशेषताओं पर प्रकाश डालिए।

यशोधर बाबू समय के साथ चल सकने में असफल रहते हैं। ऐसा क्यों?

अथवा

‘सिल्वर वेडिंग’ कहानी के आधार पर बताइए कि यशोधर बाबू समय के अनुसार क्यों नहीं चल सके।

‘सिल्वर वैडिंग’ के कथानायक यशोधर बाबू एक आदर्श व्यक्ति हैं और नई पीढ़ी द्वारा उनके विचारों को अपनाना ही उचित है’ -इस कथन के पक्ष या विपक्ष में तर्क दीजिए। 

“सिल्वरवेडिंग” कहानी के आधार पर पीढ़ियों के अंतराल के कारणों पर प्रकाश डालिए। क्या इस अंतराल को कुछ पाटा जा सकता है? कैसे? स्पष्ट कीजिए।

यशोधर बाबू के व्यक्तित्व तीन विशेषताओं पर सोदाहरण प्रकाश डालिए।

‘सिल्वर वैडिंग’ में यशोधर बाबू एक ओर जहाँ बच्चों की तरक्की से खुश होते हैं, वहीं कुछ ‘समहाउ इंप्रॉपर’ भी अनुभव करते हैं। ऐसा क्यों?