सिल्वर वैडिंग
यशोधर बाबू अपनी संतानों से असंतुष्ट क्यों रहते थे और वे उनसे क्या चाहते थे?
यशोधर बाबू की संतानों की सोच नये जमाने के हिसाब से थी। उनका बड़ा बेटा भूषण साधारण प्रतिभा का होने के बाद भी बहुत ज्यादा वेतन पाता था। वह घर में अपनी बात मनवा लेता था। दूसरा बेटा आई. ए. एस. की परीक्षा में एक बार सफल होने के बाद भी ज्वाइन नहीं करता है। वह इस बारे में अपने पिता से पूछता भी नहीं है। तीसरा बेटा स्कालरशिप लेकर अमेरिका चला गया था। इसी तरह उनकी बेटी शादी के तमाम प्रस्ताव अस्वीकार कर रही थी। वह डॉक्टरी की पढ़ाई के लिए अमेरिका जाने की धमकी देती थी। उनकी सारी संतानें अपने किसी भी मामले में यशोधर जी से सलाह नहीं लेती थी। घर का सारा काम यशोधर जी को ही करना पड़ता था। उन्हें बड़े बेटे द्वारा अलग एकाउंट खोलना भी कहीं न कहीं खलता था। ऐसा न हो पाने के कारण ही यशोधर बाबू अपनी संतानों से असंतुष्ट रहते थे।
उनकी चाहत थी कि उनका मन रखने के लिए ही उनके बेटे उनसे सलाह लिया करें। कोई काम करने से पहले उनसे पूछ लिया करें। उनके परिवार और गरीब रिश्तेदारों के प्रति उपेक्षा का भाव न अपनायें। समाज से जुड़ी परंपराओं के प्रति आदर भाव अपनायें।
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किशनदा का बुढ़ापा सुखी क्यों नहीं रहा था?
यशोधर बाबू अपनी संतानों से असंतुष्ट क्यों रहते थे और वे उनसे क्या चाहते थे?
‘आजकल पारिवारिक संबंधों’ में धन अधिक महत्त्वपूर्ण है’- कहानी के आधार पर स्पष्ट कीजिए।
‘सिल्वर वैडिंग’ कहानी के कथ्य का विश्लेषण कीजिए।
चड्ढा यशोधर बाबू से क्या दुर्व्यवहार करता है?
यशोधर के स्वभाव कों सिल्वर वैडिंग’ पाठ के आधार पर बताइए।
अथवा
सिल्वर वैडिंग कहानी के आधार पर यशोधर बाबू के स्वभाव की किन्हीं तीन विशेषताओं पर प्रकाश डालिए।
यशोधर बाबू समय के साथ चल सकने में असफल रहते हैं। ऐसा क्यों?
अथवा
‘सिल्वर वेडिंग’ कहानी के आधार पर बताइए कि यशोधर बाबू समय के अनुसार क्यों नहीं चल सके।
‘सिल्वर वैडिंग’ के कथानायक यशोधर बाबू एक आदर्श व्यक्ति हैं और नई पीढ़ी द्वारा उनके विचारों को अपनाना ही उचित है’ -इस कथन के पक्ष या विपक्ष में तर्क दीजिए।
“सिल्वरवेडिंग” कहानी के आधार पर पीढ़ियों के अंतराल के कारणों पर प्रकाश डालिए। क्या इस अंतराल को कुछ पाटा जा सकता है? कैसे? स्पष्ट कीजिए।
यशोधर बाबू के व्यक्तित्व तीन विशेषताओं पर सोदाहरण प्रकाश डालिए।
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