मियाँ नसीरुद्दीन

Question

साहबो, उस दिन अपन मटियामहल की तरफ से न गुजर बाते तो राजनीति, साहित्य और कला के हजारों-हजार मसीहों के धूम- धड़क्के में नानबाइयों के मसीहा मियां नसीरुद्दीन को कैसे तो पहचानते और कैसे उठाते लुप्त उनके मसीही अंदाज का!

हुआ यह कि हम एक दुपहरी जामा-मस्जिद के आड़े पड़े मटियामहल के गढ़ैया मुहल्ले की ओर निकल गए । एक निहायत मामूली अंधेरी-सी दुकान पर पटापट आटे का ढेर सनते देख ठिठके । सोचा, सेवइयों की तैयारी होगी, पर पूछने पर मालूम हुआ खानदानी नानबाई मियाँ नसीरुद्दीन की दुकान पर खड़े हैं । मियां मशहूर हैं, छप्पन किस्म की रोटियां बनाने के लिए ।

Answer

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Some More Questions From मियाँ नसीरुद्दीन Chapter

मियाँ नसीरुद्दीन की आँखें लमहा- भर को किसी भट्टी में गुम हो गई । लगा गहरी सोच में हैं -फिर सिर हिलाया- 'क्या आँखों के आगे चेहरा जिन्दा हो गया! हाँ हमारे वालिद साहिब मशहूर थे मियां बरकत शाही नानबाई गढै़यावाले के नाम से और उनके वालिद यानी कि हमारे दादा साहिब थे आला नानबाई मियाँ कल्लन । '

'आपको इन दोनों में से किसी की भी कोई नसीहत याद हो!'

'नसीहत काहे की मियाँ! काम करने से आता है, नसीहतों से नहीं। हाँ!'

मियां नसीरुद्दीन को नानबाइयों का मसीहा क्यों कहा गया है?

लेखिका मियाँ नसीरुद्दीन के पास क्यों गई थीं?

बादशाह के नाम का प्रसंग आते ही लेखिका की बातों में मियाँ नसीरुद्दीन की दिलचस्पी क्यों खत्म होने लगी?

मियाँ नसीरुद्दीन के चेहरे पर किसी दबे हुए अंधड़ के आसार देख यह मजमून न छेड़ने का फैसला किया- इस कथन के पहले और बाद के प्रसंग का उल्लेख करते हुए इसे स्पष्ट कीजिए।

पाठ में मियां नसीरुद्दीन का शब्दचित्र लेखक ने कैसे खींचा है?

मियाँ नसीरुद्दीन की कौन-सी बातें आपको अच्छी लगीं?

तालीम की तालीम ही बड़ी चीज होती है-यहाँ लेखक ने तालीम शब्द का दो बार प्रयोग क्यों किया है ? क्या आप दूसरी बार आए तालीम शब्द की जगह कोई अन्य शब्द रख सकते हैं? लिखिए ।

मियां नसीरुद्दीन तीसरी पीढ़ी के हैं, जिसने अपने खानदानी व्यवसाय को अपनाया । वर्तमान समय में प्राय : लोग अपने पारंपरिक व्यवसाय को नहीं अपना रहे हैं । ऐसा क्यों? 

मियां, कहीं अखबारनवीस तो नहीं हो? वह तो खोजियों की खुराफात है-अखबार की भूमिका को देखते हुए इस पर टिप्पणी करें ।