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मियाँ नसीरुद्दीन

Question
CBSEENHN11011967

मियां नसीरुद्दीन को नानबाइयों का मसीहा क्यों कहा गया है?

Solution

मियाँ नसीरुद्दीन को नानबाइयों का मसीहा इसलिए कहा गया है क्योंकि वह अपने मसीहाई अंदाज से रोटी पकाने की कला का बखान करता है तथा इसमें वह अपनी खानदानी महारत बताता है । नानबाई रोटी बनाने की कला में माहिर है । अन्य नानबाई रोटियाँ तो पकाते हैं, पर मियाँ नसीरुद्दीन अपने पेशे को कला मानता है । वह अन्य नानबाइयों में स्वयं को सर्वश्रेष्ठ बताता है, अत: नानबाइयों का मसीहा कहा गया है ।

Some More Questions From मियाँ नसीरुद्दीन Chapter

मियाँ नसीरुद्दीन के चेहरे पर किसी दबे हुए अंधड़ के आसार देख यह मजमून न छेड़ने का फैसला किया- इस कथन के पहले और बाद के प्रसंग का उल्लेख करते हुए इसे स्पष्ट कीजिए।

पाठ में मियां नसीरुद्दीन का शब्दचित्र लेखक ने कैसे खींचा है?

मियाँ नसीरुद्दीन की कौन-सी बातें आपको अच्छी लगीं?

तालीम की तालीम ही बड़ी चीज होती है-यहाँ लेखक ने तालीम शब्द का दो बार प्रयोग क्यों किया है ? क्या आप दूसरी बार आए तालीम शब्द की जगह कोई अन्य शब्द रख सकते हैं? लिखिए ।

मियां नसीरुद्दीन तीसरी पीढ़ी के हैं, जिसने अपने खानदानी व्यवसाय को अपनाया । वर्तमान समय में प्राय : लोग अपने पारंपरिक व्यवसाय को नहीं अपना रहे हैं । ऐसा क्यों? 

मियां, कहीं अखबारनवीस तो नहीं हो? वह तो खोजियों की खुराफात है-अखबार की भूमिका को देखते हुए इस पर टिप्पणी करें ।

‣ पाठ में आए रोटियों के अलग- अलग नामों की सूची बनाएं और इनके बारे में जानकारी प्राप्त करें ।

तीन-चार वाक्यों में अनुकूल प्रसंग तैयार कर नीचे दिए गए वाक्यों का इस्तेमाल करें ।

(क) पंचहजारी अंदाज से सिर हिलाया ।

(ख) आँखों के कंचे हम पर फेर दिए ।

(ग) आ बैठे उन्हीं के ठीये पर ।

बिटर-बिटर देखना-यहाँ देखने के एक खास तरीके को प्रकट किया गया है? देखने -संबंधी इस प्रकार के चार क्रिया-विशेषणों के वाक्य बनाइए ।

नीचे दिए वाक्यों में अर्थ पर बल देने के लिए शब्द-क्रम परिवर्तित किया गया है । सामान्यत: इन वाक्यों को किस कम में लिखा जाता है? लिखें ।

(क) मियाँ मशहूर हैं छप्पन किस्म की रोटियाँ बनाने के लिए।

(ख) निकाल लेंगे वक्त थोड़ा।

(ग) दिमाग में चक्कर काट गई है बात।

(घ) रोटी जनाब पकती है आँच से।