धूल - रामविलास शर्मा

Question

निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए:
लेखक ने संसार में किस प्रकार के सुख को दुर्लभ माना है?

Answer

लेखक ने संसार में अखाड़े की मिट्टी में सनने के सुख को दुर्लभ माना है। तेल और मर से सिझाई हुई जिस मिट्‌टी को देवताओं पर चढ़ाया जाता है ऐसी इस अखाड़े की मिट्‌टी को अपनी देह पर लगाना संसार के सबसे दुर्लभ सुख के समान है।

Sponsor Area

Some More Questions From धूल - रामविलास शर्मा Chapter

निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए:
मिट्‌टी की आभा क्या है? उसकी पहचान किससे होती है?

(क) निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर (25-30) शब्दों में लिखिए:
धूल के बिना किसी शिशु की कल्पना क्यों नहीं की जा सकती?


(क) निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर (25-30) शब्दों में लिखिए:
हमारी सभ्यता धूल से क्यों बचना चाहती है?

(क) निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर (25-30) शब्दों में लिखिए:
अखाड़े की मिट्‌टी की क्या विशेषता होती है?

(क) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (25-30) शब्दों में लिखिए-
श्रद्धा, भक्ति, स्नेह की व्यंजना के लिए धूल सर्वोत्तम साधन किस प्रकार है?

(क) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (25-30) शब्दों में लिखिए-
इस पाठ में लेखक ने नगरीय सभ्यता पर क्या व्यंग्य किया है?

(ख) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (50-60 शब्दों में) लिखिए-
लेखक ‘बालकृष्ण’ के मुँह पर छाई गोधूलि को क्यों श्रेष्ठ मानता है?

(ख) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (50-60 शब्दों में) लिखिए-
लेखक ने धूल और मिट्‌टी में क्या अतंर बताया है?

(ख) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (50-60 शब्दों में) लिखिए-
ग्रामीण परिवेश में प्रकृति धूल के कौन-कौन से सुदंर चित्र प्रस्तुत करती है?


(ख) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (50-60 शब्दों में) लिखिए-
‘हीरा वही घन चोट न टूटे' -का सदंर्भ पाठ के आधार पर स्पष्ट कीजिए।