पाठ में ‘जो हुआ होगा’ वाक्य की कितनी अर्थ छवियाँ आप खोज सकते/सकती हैं?
किशनदा पुरानी पीढ़ी के प्रतिनिधि पात्र हैं। उनका जीवन उस पीढी से संबंधित मूल्यों एवं सिद्धांतों का प्रतीक है। किशनदा भी बदलते समय के साथ बदल नहीं पाये थे। उन्होंने शहर में अपना मकान नहीं बनवाया था। कुछ दिन दिल्ली में रहने के बाद वे अपने गाँव रहने चले गये थे। गाँव में कुछ दिनों के बाद ही वह मर गये। मरने से पहले उन्हें किसी तरह की बीमारी नही हुई थी। यशोधर के पूछने पर यह जवाब मिला कि “जो हुआ होगा” उसी से मर गये। इस वाक्य की अनेक छवियाँ बनती हैं, जो इस प्रकार हो सकती हैं:
1. पहला अर्थ तो खुद कहानीकार ने स्पष्ट किया है कि “पता नहीं, क्या हुआ।”
2. दूसरा अर्थ किशनदा की हताशा को अभिव्यक्त करता है। जीवन के अंतिम चरण में अपने पास किसी को न पाकर किशनदा मानसिक रूप से टूट गये होंगे। उनके मन में जीने के प्रति इच्छा खत्म हो गयी होगी। इस तरह धीरे-धीरे वह मृत्यु के करीब पहुँच गये होंगे।
3. ‘जो हुआ होगा’ वाक्य से किशनदा के प्रति लोगों की मानसिकता भी उभरती है। उनके जैसे व्यक्तित्व का उनके समाज में कोई महत्त्व नहीं था। उनका मर जाना भी कोई बहुत बड़ी घटना के रूप में नहीं लिया गया। यह जानने की कोशिश नहीं हुयी कि बिना बीमारी के किशनदा क्यों मर गये।