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राष्ट्र-निर्माण की चुनौतियाँ

Question
CBSEHHIPOH12041300

भारत-विभाजन के बारे में निम्नलिखित में से कौन-सा कथन गलत है?

  • भारत-विभाजन ''द्वि-राष्ट्र सिद्धांत'' का परिणाम था।

  • धर्म के आधार पर दो प्रांतों पंजाब और बंगाल का बँटवारा हुआ।

  • पूर्वी पाकिस्तान और पश्चिमी पाकिस्तान में संगति नहीं थी ।

  • विभाजन की योजना में यह बात भी शामिल थी कि दोनों देशों के बीच आबादी की अदला-बदली होगी।

Solution

D.

विभाजन की योजना में यह बात भी शामिल थी कि दोनों देशों के बीच आबादी की अदला-बदली होगी।

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Some More Questions From राष्ट्र-निर्माण की चुनौतियाँ Chapter

भारत-विभाजन के बारे में निम्नलिखित में से कौन-सा कथन गलत है?

निम्नलिखित सिद्धांतों के साथ उचित उदाहरणों का मेल करें:

भारत का कोई समकालीन राजनीतिक मानचित्र लीजिए (जिसमें राज्यों की सीमाएँ दिखाई गई हों) और नीचे लिखी रियासतों के स्थान चिहित कीजिए:

(क) जूनागढ़ (ख) मणिपुर (ग) मैसूर (घ) ग्वालियर ।

नीचे दो तरह की राय लिखी गई है -
विस्मय : रियासतों को भारतीय संघ में मिलाने से इन रियासतों की प्रजा तक लोकतंत्र का विस्तार हुआ।
इंद्रप्रीत : यह बात मैं दावे के साथ नहीं कह सकता.। इसमें बल प्रयोग भी हुआ था जबकि लोकतंत्र में आम सहमति से काम लिया जाता है।
देशी रियासतों के विलय और ऊपर के मशविरे के आलोक में इस घटनाक्रम पर आपकी क्या राय है?

नीचे 1947 के अगस्त के कुछ व्यान दिए गए हैं जो अपनी प्रकृति में अत्यंत भिन्न हैं:
'आज आपने अपने सर पर, काँटों का ताज पहना है। सत्ता का आसन एक बुरी चीज़ है। इस आसन पर आपको-बड़ा संचेत रहना होगा....... .आपको और ज़्यादा विनम्र और धैर्यवान बनना होगा.......अब लगातार आपकी परीक्षा ली जाएगी। ''
                           - मोहनदास कर्मचंद गाँधी

''भारत आज़ादी की जिंदगी के लिए जागेगा......हम पुराने से नए की ओर कदम बढ़ाएँगे...... .आज दुर्भाग्य के एक दौर का खात्मा होगा और हिंदुस्तान अपने को फिर से पा लेगा.......आज हम जो जश्न मना रहे हैं वह एक कदम भर है, संभावनाओं के द्वार खुल रहे हैं ....... '' '
                             -पं० जवाहरलाल नेहरू

इन दो बयानों से राष्ट्र-निर्माण का जो एजेंडा ध्वनित होता है उसे लिखिए। आपको कौन-सा एजेंडा जँच रहा है और क्यों?

भारत को धर्म-निरपेक्ष राष्ट्र बनाने के लिए नेहरू जी ने किन तर्कों का इस्तेमाल किया? क्या आपको लगता है कि ये केवल भावनात्मक और नैतिक तर्क हैं अथवा इनमें कोई तर्क युक्तिपरक भी है?

आज़ादी के समय देश के पूर्वी और पश्चिमी इलाकों में राष्ट्र-निर्माण की चुनौती के लिहाज से दो मुख्य अंतर क्या थे?

राज्य पुनर्गठन आयोग का काम क्या था? इसकी प्रमुख सिफारिश क्या थी?

कहा जाता है कि राष्ट्र एक व्यापक अर्थ में 'कल्पित समुदाय' होता है और सर्वमान्य विश्वास, इतिहास, राजनीतिक आकांक्षा और कल्पनाओं से एकसूत्र में बँधा होता है। उन विशेषताओं की पहचान करें जिनकेआधार पर भारत एक राष्ट्र है।

नीचे लिखे अवतरण को पढ़िए और इसके आधार पर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए:

राष्ट्र- निर्माण के इतिहास के लिहाज से सिर्फ सोवियत संघ में हुए प्रयोगों की तुलना भारत से की जा सकती है। सोवियत संघ में भी विभिन्न और परस्पर अलग-अलग जातीय समूह, धर्म, भाषा समुदाय और सामाजिक वर्गों के बीच एकता का भाव कायम करना पड़ा। जिस पैमाने पर यह काम हुआ, चाहे भौगोलिक पैमाने के लिहाज से देखें या जनसंख्यागत वैविध्य के लिहाज से, वह अपने आप में बहुत व्यापक कहा जाएगा। दोनों ही जगह राज्य को जिस कच्ची सामग्री में राष्ट्र निर्माण की शुरुआत करनी थी वह समान रूप से दुष्कर थी। लोग धर्म के आधार पर बटे हुए और क़र्ज़ तथा बीमारी से दबे हुए थे।

(क) यहाँ लेखक ने भारत और सोवियत संघ के बीच समानताओं का उल्लेख किया है, उनकी एक सूची बनाइए। इनमें से प्रत्येक के लिए भारत से एक उदाहरण दीजिए।

(ख) लेखक ने यहाँ भारत और सोवियत संघ में चली राष्ट्र-निर्माण की प्रक्रियाओं के बीच की समानता का उल्लेख नहीं किया हैं। क्या आप दो असमानताएँ बता सकते हैं।

(ग) अगर पीछे मुड़कर देखें तो आप क्या पाते हैं? राष्ट्र-निर्माण के इन दो प्रयोगों में कितने बेहतर काम किया और क्यों?