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राष्ट्र-निर्माण की चुनौतियाँ

Question
CBSEHHIPOH12041309

नीचे लिखे अवतरण को पढ़िए और इसके आधार पर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए:

राष्ट्र- निर्माण के इतिहास के लिहाज से सिर्फ सोवियत संघ में हुए प्रयोगों की तुलना भारत से की जा सकती है। सोवियत संघ में भी विभिन्न और परस्पर अलग-अलग जातीय समूह, धर्म, भाषा समुदाय और सामाजिक वर्गों के बीच एकता का भाव कायम करना पड़ा। जिस पैमाने पर यह काम हुआ, चाहे भौगोलिक पैमाने के लिहाज से देखें या जनसंख्यागत वैविध्य के लिहाज से, वह अपने आप में बहुत व्यापक कहा जाएगा। दोनों ही जगह राज्य को जिस कच्ची सामग्री में राष्ट्र निर्माण की शुरुआत करनी थी वह समान रूप से दुष्कर थी। लोग धर्म के आधार पर बटे हुए और क़र्ज़ तथा बीमारी से दबे हुए थे।

(क) यहाँ लेखक ने भारत और सोवियत संघ के बीच समानताओं का उल्लेख किया है, उनकी एक सूची बनाइए। इनमें से प्रत्येक के लिए भारत से एक उदाहरण दीजिए।

(ख) लेखक ने यहाँ भारत और सोवियत संघ में चली राष्ट्र-निर्माण की प्रक्रियाओं के बीच की समानता का उल्लेख नहीं किया हैं। क्या आप दो असमानताएँ बता सकते हैं।

(ग) अगर पीछे मुड़कर देखें तो आप क्या पाते हैं? राष्ट्र-निर्माण के इन दो प्रयोगों में कितने बेहतर काम किया और क्यों?

Solution

उपर्युक्त अवतरण में लेखक ने भारत और सोवियत संघ में राष्ट्र-निर्माण की प्रक्रिया के बीच समानताओं का वर्णन किया है। लेकिन इस प्रक्रिया में असमानताओं का वर्णन नहीं है। फिर भी राष्ट्र निर्माण की प्रक्रिया की समानताओं और अमानताओं का विवरण निम्नलिखित है:

समानताएँ:

  1. दोनों देशों में पहले राजतंत्र और बाद में प्रजातंत्र की स्थापना हुई।
  2. दोनों राष्ट्रों में भाषायी असमानता है। भारत में अनेक भाषाओं का प्रयोग हो रहा है।
  3. दोनों देशों में धार्मिक भिन्नता है। भारत में हिंदू, मुस्लिम, सिख, इसाई, जैन आदि धर्मों को मानने वाले लोग हैं।
  4. रूस की तरह भारत में एक विशाल जनसंख्या वाला देश है।
  5. भारत और सोवियत संघ भौगोलिक दृष्टि से विशाल देश हैं।
  6. दोनों देशों में लोग धार्मिक आधार पर बटे हुए हैं। भारत का विभाजन धर्म के आधार पर ही हुआ था।
  7. रूस और भारत की जनता आज़ादी के समय क़र्ज़ और बीमारी दोनों की शिकार थी।

 

असमानताएँ:

  1. भारतीय संघ में नए प्रांत शामिल तो हो सकते हैं परंतु वे संघ से अलग नहीं हो सकते जबकि सोवियत संघ के संविधान में यह व्यवस्था थी कि सोवियत संघ के प्रान्त या क्षेत्र कभी भी संघ से अलग हो सकते हैं या छोड़कर जा सकते हैं। इसलिए भी सोवियत संघ का विघटन आसानी से हो गया।
  2. भारत में बहुदलीय व्यवस्था है जबकि सोवियत संघ में एकदलीय व्यवस्था थी। सोवियत संघ में साम्यवादी दल के प्रभुत्व था। वहाँ की जनता के पास अन्य विकल्पों का अभाव था, जबकि भारत में लोगों के पास सारे विकल्प होते हैं। वह अपने विचारों की अभिव्यक्ति कर सकते हैं।
  3. दोनों देशो की राष्ट्रीय-निर्माण प्रक्रिया के अध्ययन के पश्चात यह स्पष्ट हो जाता है कि राष्ट्र-निर्माण के क्षेत्र में भारत ने सराहनीय कार्य किया है। भारत में स्वतंत्रता-प्राप्ति के बाद नियोजित विकास कार्य प्रारंभ हुआ। पंचवर्षीय योजनाओं का गठन किया। केंद्रीय व राज्य स्तरों पर योजना आयोग बनाए गए। यह नहीं भारत आज विश्व का सबसे बड़ा प्रजातंत्र देश है।
  4. भारत में सामाजिक, सांस्कृतिक, धार्मिक व राजनीतिक सभी दृष्टियों से लोगों को स्वतंत्रता प्राप्त है। आज भारत एक धर्म-निरपेक्ष राष्ट्र है। इसके विपरीत सोवियत संघ ने प्रारंभ में उन्नति की लेकिन बाद में वह इतनी समस्याओं से घिर गया कि सोवियत संघ का विघटन हो गया।

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Some More Questions From राष्ट्र-निर्माण की चुनौतियाँ Chapter

नीचे लिखे अवतरण को पढ़िए और इसके आधार पर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए:

राष्ट्र- निर्माण के इतिहास के लिहाज से सिर्फ सोवियत संघ में हुए प्रयोगों की तुलना भारत से की जा सकती है। सोवियत संघ में भी विभिन्न और परस्पर अलग-अलग जातीय समूह, धर्म, भाषा समुदाय और सामाजिक वर्गों के बीच एकता का भाव कायम करना पड़ा। जिस पैमाने पर यह काम हुआ, चाहे भौगोलिक पैमाने के लिहाज से देखें या जनसंख्यागत वैविध्य के लिहाज से, वह अपने आप में बहुत व्यापक कहा जाएगा। दोनों ही जगह राज्य को जिस कच्ची सामग्री में राष्ट्र निर्माण की शुरुआत करनी थी वह समान रूप से दुष्कर थी। लोग धर्म के आधार पर बटे हुए और क़र्ज़ तथा बीमारी से दबे हुए थे।

(क) यहाँ लेखक ने भारत और सोवियत संघ के बीच समानताओं का उल्लेख किया है, उनकी एक सूची बनाइए। इनमें से प्रत्येक के लिए भारत से एक उदाहरण दीजिए।

(ख) लेखक ने यहाँ भारत और सोवियत संघ में चली राष्ट्र-निर्माण की प्रक्रियाओं के बीच की समानता का उल्लेख नहीं किया हैं। क्या आप दो असमानताएँ बता सकते हैं।

(ग) अगर पीछे मुड़कर देखें तो आप क्या पाते हैं? राष्ट्र-निर्माण के इन दो प्रयोगों में कितने बेहतर काम किया और क्यों?