आज़ादी के समय देश के पूर्वी और पश्चिमी इलाकों में राष्ट्र-निर्माण की चुनौती के लिहाज से दो मुख्य अंतर क्या थे?
आज़ादी के समय देश के पूर्वी और पश्चिमी इलाकों में राष्ट्र-निर्माण की चुनौती के लिहाज से दो अंतर निन्नलिखित थे:
- देश के विभाजन से पूर्व यह निश्चित हुआ कि इंडिया को भारत और पाकिस्तान नाम के दो देशों में विभाजित किया जाएगा और उस विभाजन का आधार, धार्मिक बहुसंख्या को बनाया जाएगा। मुस्लिम बहुसंख्या वाले इलाकों को पाकिस्तान और गैर-मुस्लिम बहुसंख्या वाले इलाकों को भारत में शामिल किया जाएगा। परंतु समस्या यह थी कि भारत में कोई भी ऐसा इलाका नहीं था जो मुस्तिम बहुसंख्या वाला हो। अत: ऐसे दो इलाके एक पूर्व में और दूसरा पश्चिम में था। दोनों इलाकों के बीच भौगोलिक दूरी होने के कारण ऐसा कोई भी तरीका नहीं था कि इन दोनों क्षेत्रों को जोड़कर एक पाकिस्तान बनाया जा सकें। अत:पाकिस्तान, पूर्वी पाकिस्तान और पश्चिमी पाकिस्तान बनाने का निर्णय लिया गया और उन दोनों के बीच का भू-भाग भारत कहलाएगा।
- पूर्वी और पश्चिमी इलाकों में राष्ट्र-निर्माण की चुनौती के लिहाज़ से एक अंतर तो यह था कि मुस्लिम बहुल हर इलाका पाकिस्तान में जाने को तैयार नहीं था। जैसे खान अब्दुल गफ्फार खान पश्चिमोत्तर सीमाप्रांत के निर्विवाद नेता थे, वे द्वि-राष्ट्र सिद्धांत के खिलाफ थे, फिर भी पश्चिमोत्तर सीमाप्रांत को पाकिस्तान में शामिल कर लिया गया।