विशेष शैक्षणिक आवश्यकताओं वाले बच्चों के लिए व्यावसाहिक चिकित्सक का क्या योगदान है।
- स्वयं की देखरेख: व्यावसाहिक चिकित्सक विशेष आवश्यकताओं वाले बच्चों को आत्म-निर्भर बनाने में सहायक सिद्ध होता है। एवं रोजमर्रा (दिनचर्या) के कार्य जैसे-खाना-खाना, कपड़े-पहनना, नहाना आदि क्रियाओं को करने में सहायता करता है।
- खेल खेलने में सहायकः व्यावसाहिक चिकित्सक बच्चों को खेल में भाग लेने के लिए उनकी विशेष आवश्यकताओं के अनुसार खिलोनों के आकार (आकृति), गति और रंग में परिवर्तन कर उनके खेलने में उपयोगी बनाता है।
- विद्यालय की क्रियाओं में सहायकः एक व्यावसाहिक चिकित्सक बच्चे को निरन्तर विद्यालय जाने के लिए प्रेरित करता है तथा उनकी आवश्यकताओं के अनुसार मेज़, कुर्सी, लिखने की सामग्री आदि में उनकी आवश्यकता के अनुसार बदलाव करने का सुझाव देता है।
- रहन-सहन के वातावरण में बदलावः एक व्यावसाहिक चिकित्सक मुख्य रूप से, घर, विद्यालय एवं खेल मैदान की क्रियाओं को करने के लिए वातावरण में आवश्यक सुधार करके विशेष बच्चों के अनुकूल बनाता है।
- Fine Motor Skill and Hand Writing: एक व्यावसाहिक चिकित्सक विशेष आवश्यकताओं वाले बच्चों के सूक्षम गामक क्रियाओं एवं लेखन में सुधार करने में सहायता करता है।
- विशेष पट्टिया बनाना (Splinting): एक व्यावसाहिक चिकित्सक विशेष बच्चों को विभिन्न प्रकार की क्रियाओं को करने के लिए विशेष प्रकार की पट्टियाँ भी बनाने का कार्य करता है।



