भौतिक चिकित्सक (Physiotherapist) के योगदान द्वारा कैसे विशेष आवश्यकताओं वाले बच्चे लाभान्वित होते है ? विवरण दीजिए।
- विशेष आवश्यकता वाले बच्चों को उनकी शारीरिक अक्षमता के कारण होने वाली कठिनाइयों, शारीरिक बनावट के कारण सन्तुलन में बाधा, साधारण गति मे बाधा आदि दोषो के निवारण के लिए भौतिक चिकित्सक उनके लिए व्यक्तिगत व्यायाम (Individual Exercise Programme) कार्यक्रम करता है, जिससे कि उनकी उपरोक्त समस्याओं का निवारण हो सके, उनकी चलने- फिरने की क्षमता बढ़ सके। उनकी शारीरिक क्षमता एवं गति के लिए भौतिक चिकित्सक विभिन्न प्रकार के उपकरणों एवं सहायक सामग्री का भी प्रयोग करते है।
- भौतिक चिकित्सा का प्रयोग उन बच्चों की सहायता के लिए भी बहुत उपयोगी होता है जिन्हें तान्त्रिका तन्त्र (Neurological) सम्बन्धी विकार होते है जैसे कि बहुविध उत्तक दृढ़न (Multiple Sclerosis), आघात (Stroke),प्रभस्तिष्क अग घात (Ceribal Palsy) आदि।
- भौतिक चिकित्सा का प्रयोग बच्चों के शरीर में आयी चोटों, अथवा गठिया रोग (Arthritis)आदि के कारण हुई विकृतियों को सुधारने में महत्त्वपूर्ण या प्रभावशाली होता है।
- बाल चिकित्सा के उपचार: बच्चों में होने वाले पेशीय दुर्विकार (Musculuar Dystrophy) के उपचार के लिए भी भौतिक चिकित्सक का योगदान महत्वपूर्ण है। इसके कारण बच्चों में संतुलन, बल और शारीरिक सामजस्य में व्यापक सुधार किया जा सकता है।
भौतिक चिकित्सा की तकनीके:
- मालिश (Massage and Manipulation)
- गति और व्यायाम (Exercise and Movement)
- विधुत चिकित्सा (Electro-Therapy)
- जल चिकित्सा (Hydrotherapy)



