हम ऐसा क्यों कहते हैं कि इस समय के उदारवादी लोकतंत्रवादी नहीं थे?
ऐसा इसलिए कि इस समय के उदारवादी प्रतिनिधिक व निर्वाचित लोकतान्त्रिक सरकारों, के पक्षधर तो थे किन्तु सार्वभौम व्यस्क मताधिकार के पक्षधर नहीं थे। उनका मानना था कि महिलाओं को मताधिकार नहीं होना चाहिए तथा पुरूषों में भी केवल उन्हें ही मताधिकार हो जिनके पास सम्पत्ति हो।



