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मुद्रण संस्कृति और आधुनिक दुनिया

Question
CBSEHHISSH10018551

निम्नलिखित के कारण दे:

मार्टिन लूथर मुद्रण के पक्ष में था और इसने इसकी खुलेआम प्रशंसा की।


Solution

धर्म सुधारक मार्टिन लूथर ने रोम कैथलिक चर्च की कुरीतियों की आलोचना करते हुए अपने पिच्चानवे स्थापनाएँ लिखीं। इसकी एक छपी प्रति विटेनबर्ग के गिरजाघर के दरवाजे पर टाँगी गई। इसमें लूथर ने चर्च को शास्त्रार्थ के लिए खुली चुनौती दी थी। शीघ्र ही लूथर के लेख बड़ी तादाद में छापे और पढ़े जाने लगे। इसके नतीज़े में चर्च में विभाजन हो गया। कुछ हफ़्तों में न्यू टेस्टामेंट के लूथर के तर्जुम या अनुवाद की 5000 प्रतियाँ बिक गई और 3 महीने के अंदर दूसरा संस्करण निकालना पड़ा। लूथर ने कहा कि मुद्रण ईश्वर की दी हुई महानतम देन है। वह मुद्रण के पक्ष में थे। उनका विश्वास था कि मुद्रण नए विचारों को फैलाने में मदद करती है जिससे राष्ट्र का सुधार होता है।

Some More Questions From मुद्रण संस्कृति और आधुनिक दुनिया Chapter

निम्नलिखित के कारण दे:

मार्टिन लूथर मुद्रण के पक्ष में था और इसने इसकी खुलेआम प्रशंसा की।


निम्नलिखित के कारण दे:

रोमन कैथोलिक चर्च ने सोलहवीं सदी के मध्य से प्रतिबंधित किताबों की सूची रखनी शुरू कर दी। 

निम्नलिखित के कारण दे:-

महात्मा गांधी ने कहा कि स्वराज की लड़ाई दरअसल अभिव्यक्ति, प्रेस और सामूहिकता के लिए लड़ाई है।     

छोटी टिप्पणी में  इनके बारे में बताएँ- 

गुटेनबर्ग प्रेस 

छोटी टिप्पणी में  इनके बारे में बताएँ-

छपी किताब को लेकर इरैस्मस के विचार



छोटी टिप्पणी में इनके बारे में बताएँ:

वर्नाक्यूलर प्रेस एक्ट
   

उन्नीसवीं सदी में भारत में मुद्रण-संस्कृति के प्रसार का इनके लिए क्या मतलब था-

महिलाएँ

उन्नीसवीं सदी में भारत में मुद्रण-संस्कृति के प्रसार का इनके लिए क्या मतलब था-

गरीब जनता


उन्नीसवीं सदी में भारत में मुद्रण-संस्कृति के प्रसार का इनके लिए क्या मतलब था-

सुधारक

अठारहवीं सदी के यूरोप में कुछ लोगों को क्यों ऐसा लगता था कि मुद्रण संस्कृति से निरंकुशवाद का अंत, और ज्ञानोदय होगा?