छोटी टिप्पणी में इनके बारे में बताएँ:
वर्नाक्यूलर प्रेस एक्ट
वर्नाक्यूलर प्रेस एक्ट:
ज्यों-ज्यों भाषाई समाचार पत्र राष्ट्रवाद से समर्थन में मुखर होते गए, त्यों-त्यों औपनिवेशिक सरकार में कड़े नियंत्रण के प्रस्ताव पर बहस तेज़ होने लगी। आइरिश प्रेस कानून के तर्ज़ पर 1878 में वर्नाक्यूलर प्रेस एक्ट लागू कर दिया गया।
इससे सरकार को भाषाई प्रेस में छपी रपट और संपादकीय को सेंसर करने का व्यापक हक़ मिल गया।
अब से सरकार ने विभिन्न प्रदेशों से छपने वाले भाषाई अख़बारों पर नियमित नज़र रखनी शुरू कर दी।
अगर किसी रपट को बाग़ी करार दिया जाता था तो अख़बार को पहले चेतावनी दी जाती थी, और अगर चेतावनी की अनसुनी हुई तो अख़बार को ज़ब्त किया जा सकता था और छपाई की मशीनें छीन ली जा सकती थीं।
लेकिन दमन की नीति के बावजूद राष्ट्रवादी अख़बार देश के हर कोने में बढ़ते-फैलते गए।



