छोटी टिप्पणी में इनके बारे में बताएँ-
गुटेनबर्ग प्रेस
गुटेनबर्ग ने रोमन वर्णमाला के तमाम 26 अक्षरों के लिए टाइप बनाए और खोज की कि इन्हें इधर-उधर 'मूव' कराकर या घुमाकर शब्द बनाए जा सकें। इसलिए, इसे 'मूवेबल टाइपिंग प्रिंटिंग मशीन के नाम से जाना गया और यही अगले 300 वर्षों तक छपाई की बुनियादी तकनीक रही। प्रत्येक छपाई के लिए तख्ती पर विशेष आकार उकेरने की पुरानी तकनीक की अपेक्षा अब किताबों का इस तरह छापना बहुत तेज़ हो गया। गुटेनबर्ग प्रेस 1 घंटे में 250 पन्ने छाप सकता था।