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भक्ति - सूफी परंपराएँ

Question
CBSEHHIHSH12028300

इस अध्याय में प्रयुक्त किन्हीं पाँच स्रोतों का अध्ययन कीजिए और उनमें निहित सामाजिक व धार्मिक विचारों पर चर्चा कीजिए।

Solution

इस अध्याय में प्रयुक्त मुख्य पाँच स्त्रोत इस प्रकार हैं:  

  1. लोकधारा: भक्ति व सूफी संतो की जानकारी के लिए अध्याय में मूर्ति कला, स्थापत्य कला एवं धर्म गुरुओं के संदेशों का प्रयोग किया गया है। इसी तरह अनेक अनुयायियों द्वारा रचित गीत, काव्य रचनाएं, जीवन इत्यादि भी प्रयोग में लाई गई है। सामाजिक-धार्मिक दृष्टि से इन्हें इस तरह प्रस्तुत किया गया है कि जन-मानस उनमें विश्वास कर सके तथा जीवन के आदर्शों की प्रेरणा ले सके।
  2. कश्फ-उल-महजुब: सूफी विचारों और आचारों पर प्रबंध पुस्तिका कश्फ-उल- महजुब इस विधा का एक उदाहरण है। यह पुस्तक अली बिन उस्मान हुजविरी (मृत्यु 1071) द्वारा लिखी गई । साहित्य इतिहासकारों को यह जानने में मदद करता है कि उपमहाद्वीप के बाहर की परंपराओं ने भारत में सूफ़ी चिंतन को किस तरह प्रभावित किया।
  3. मुलफुज़ात (सूफ़ी संतों की बातचीत): यह फ़ारसी के कवि अमीर हसन सिजज़ी देहलवी द्वारा संकलित है। यह शेख निजामुद्दीन औलिया की बातचीत पर आधारित एक संग्रह है। मुलफुज़ात का संकलन विभिन्न सूफ़ी सिलसिलों के शेखों की अनुमति से हुआ। इनका उद्देश्य मुख्यत: उपदेशात्मक था ताकि नई पीढ़ी उनका अनुकरण कर सके । 
  4. मक्तुबात (लिखे हुए पत्रों का संकलन): ये वे पत्र थे जो सूफ़ी संतों द्वारा अपने अनुयायियों और सहयोगियों को लिखे गए। इन पत्रों से धार्मिक सत्य के बारे में शेख के अनुभवों का वर्णन मिलता है जिसे वह अन्य लोगों के साथ बाँटना चाहते थे। शेख अहमद सरहिंदी (मृत्यु 1624) के लिखे पत्र 'मक्तुबात- ए-इमाम रब्बानी' में संकलित हैं जिसमें अकबर की उदारवादी और असांप्रदायिक विचारधारा से करते हैं। 
  5. तज़किरा (सूफी संतों की जीवनियों का स्मरण): भारत में लिखा पहला सूफ़ी तज़किरा मीर खुर्द किरमानी का सियार-उल- औलिया है। यह तज़किरा मुख्यत: चिश्ती संतों के बारे में था। सबसे प्रसिद्ध तज़किरा अचूल हक मुहाद्दिस देहलवी (मृत्यु 1642) का अम्बार-उल-अखयार है। तज़किरा के लेखकों का मुख्य उद्देश्य अपने सिलसिले की प्रधानता स्थापित करना और साथ ही अपनी आध्यात्मिक वंशावली की महिमा का बखान करना था। तज़किरे के बहुत से वर्णन अद्भुत और अविश्वसनीय हैं किंतु फिर भी वे इतिहासकारों के लिए महत्त्वपूर्ण हैं और सूफ़ी परंपरा के स्वरूप को समझने में सहायक सिद्ध होते हैं।

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Some More Questions From भक्ति - सूफी परंपराएँ Chapter

उदाहरण सहित स्पष्ट कीजिए कि संप्रदाय के समन्वय से इतिहासकार क्या अर्थ निकालते हैं?

किस हद तक उपमहाद्वीप में पाई जाने वाली मस्जिदों का स्थापत्य स्थानीय परिपाटी और सार्वभौमिक आदर्शों का सम्मिश्रण है?

बे शरिया और बा शरिया सूफी परंपरा के बीच एकरूपता और अंतर दोनों को स्पष्ट कीजिए।

चर्चा कीजिए कि अलवार,  नयनार और वीरशैवों ने किस प्रकार जाति प्रथा की आलोचना प्रस्तुत की?

कबीर अथवा बाबा गुरु नानक के मुख्य उपदेशों का वर्णन कीजिए। इन उपदेशों का किस तरह संप्रेषण हुआ?

सूफी मत के मुख्य धार्मिक विश्वासों और आचारों की व्याख्या कीजिए।

उदाहरण सहित विश्लेषण कीजिए कि क्यों भक्ति और सूफ़ी चिंतकों ने अपने विचारों को अभिव्यक्त करने के लिए विभिन्न भाषाओं का प्रयोग किया?

इस अध्याय में प्रयुक्त किन्हीं पाँच स्रोतों का अध्ययन कीजिए और उनमें निहित सामाजिक व धार्मिक विचारों पर चर्चा कीजिए।

क्यों और किस तरह शासकों ने नयनार और सूफ़ी संतों से अपने संबंध बनाने का प्रयास किया?