किस हद तक उपमहाद्वीप में पाई जाने वाली मस्जिदों का स्थापत्य स्थानीय परिपाटी और सार्वभौमिक आदर्शों का सम्मिश्रण है?
उप-महाद्वीपीय में विभिन्न मुस्लिम शासकों ने अनेकों मस्जिदों का निर्माण करवाया। इस्लाम का लोक प्रचलन जहाँ भाषा और साहित्य में देखने को मिलता हैं, वही इसकी यह छवि स्थापत्य कला (विशेषकर मस्जिद) के निर्माण में भी स्पष्ट रूप से दिखाई देती हैं। मस्जिदों के कुछ स्थापत्य संबंधित तत्व जैसे: मस्जिद के लिए यह अनिवार्य हैं की इमारत का मक्का की ओर संकेत करना जो मेहराब (प्रार्थना) तथा मिनबार (व्यासपीठ) की स्थापना से लक्षित होता था। परन्तु बहुत-से ऐसे तत्व होते थे जिनमें भिन्नता पाई जाती थी जैसे: छत की स्थिति, निर्माण का समान, सज्जा के तरीके व स्तम्भों के बनाने की विधि।
उदाहरण के लिए 13वीं शताब्दी में केरल में बनी एक मस्जिद की छत्त मंदिर के शिखर से मिलती- जुलती है। इसके विपरीत बांग्लादेश की ईंटों से बनी अतिया मस्जिद की छत गुंबददार हैं।



