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भक्ति - सूफी परंपराएँ

Question
CBSEHHIHSH12028297

कबीर अथवा बाबा गुरु नानक के मुख्य उपदेशों का वर्णन कीजिए। इन उपदेशों का किस तरह संप्रेषण हुआ?

Solution

कबीर: इस में कोई दोराहे नहीं कि संत कबीर कवियों में विशेष स्थान रखते हैं: उनके मुख्य उपदेश निम्नलिखित हैं:

  1. कबीर के अनुसार परम सत्य अथवा परमात्मा एक हैं, भले ही विभिन्न सम्प्रदायों के लोग उसे अलग-अलग नामों से पुकारते हैं।
  2. उन्होंने परमात्मा को निराकार बताया।
  3. उनके अनुसार भक्ति के माध्यम से मोक्ष अर्थात् मुक्ति प्राप्त हो सकती हैं।
  4. उन्होंने बहुदेववाद तथा मूर्ति-पूजा का खंडन किया।
  5. उन्होंने परमात्मा को निराकार बताया।
  6. उन्होंने ज़िक्र और इश्क के सूफ़ी सिद्धांतों के प्रयोग द्वारा 'नाम सिमरन' पर बल दिया।
  7. उन्होंने हिन्दुओं तथा मुसलमानों दोनों के धार्मिक आडंबरो का विरोध किया।

विचारों का संप्रेषण: कबीर ने अपने विचारों को काव्य की आम-बोलचाल की भाषा में व्यक्त किया जिसे आसानी से समझा जा सकता था। कभी-कभी उन्होंने बीज लेखन की भाषा का प्रयोग भी किया जो कठिन थी। उनके देहांत के बाद उनके अनुयायिओं ने अपने प्रचार-प्रसार द्वारा उनके विचारों का संप्रेषण किया।  

बाबा गुरु नानक: गुरु नानक देव जी सिख धर्म के प्रणेता थे। उन्होंने अपने जीवन का अधिकतर समय सूफी और भक्त संतों के बीच बिताया। उनके मुख्य उपदेश निम्नलिखित है:

  1. उन्होंने निर्गुण भक्ति का प्रचार किया।
  2. धर्म के सभी बाहरी आडंबरों को उन्होंने अस्वीकार किया जैसे यज्ञ, आनुष्ठानिक स्नान, मूर्ति पूजा व कठोर तप।
  3. उन्होंने हिन्दू और मुसलमानों के धर्मग्रंथों को भी उन्होंने नकारा।
  4. उन्होंने रब की उपासना के लिए एक सरल उपाय बताया और वह था उनका निरंतर स्मरण व नाम का जाप।

विचारों का संप्रेषण: उन्होंने अपने विचार पंजाबी भाषा में शबद के माध्यम से सामने रखे। बाबा गुरु नानक यह शबद अलग-अलग रागों में गाते थे और उनका सेवक मरदाना रबाब बजाकर उनका साथ देता था।

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