खुदाई में मिले महाकुंड के बारे में बताइए।
लेखक ने मोहनजोदड़ो की यात्रा की है। उसने वहाँ एक महाकुंड देखा जो स्तुप के टीले के पास था। इसके दाई तरफ एक लंबी गली है। इस महाकुंड की गली का नाम दैव मार्ग रखा गया है। लेखक के अनुसार यह संयोग भी हो सकता है कि इस पवित्र कुंड का दैवीय नाम रखा जाए। महाकुंड के बारे में यह भी माना जाता है कि सिंधु घाटी के लोग इसी कुंड में सामूहिक स्नान भी किया करते थे।