यह पुरातत्त्व के किन चिन्हों के आधार पर आप कह सकते हैं कि “सिन्धु सभ्यता ताकत से शासित की होने की अपेक्षा समझ से अनुशासित सभ्यता थी।
सिन्धु सभ्यता के दो शहर मोहन-जोदड़ो और हड़प्पा बहुत अधिक प्रसिद्ध हैं। मोहन-जोदड़ो का नगर नियोजन बेमिसाल है। यहाँ की सड़कों और गलियों के विस्तार को यहाँ के खंडहरों को देखकर ही जाना जा सकता है। यहाँ की हर सड़क सीधी है या फिर आड़ी। यदि हम इस शहर की बनावट पर नजर डालें तो पता चलता है कि शहर से जुड़ी हर चीज अपने सही स्थान पर है। इसके लिए हम चबूतरे के पीछे ‘गढ’, उच्चवर्ग की बस्ती, महाकुंड, स्नानागार ढकी एवं व्यवस्थित नालियाँ, अन्न का कोठार सभा-भवन के तौर प्रयोग होने वाला बड़ा भवन, घरों की बनावट सब घरों का एक कतार में होना, भव्य राजप्रसादों का समाधियों का न होना आदि ऐसी चीज हैं जिनके आधार पर हम कह सकते हैं कि सिन्धु सभ्यता ताकत से शासित की अपेक्षा समझ से अनुशासित सभ्यता थी। इस सभ्यता से जुड़ी हर बात आज के विद्वानों को आश्चर्य में डालती है। यहाँ के शहर नियोजन से लेकर सामाजिक संबंधों तक में आम जीवन से जुड़े अनुशासन से व्यक्त होता है।