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रजिया सज्जाद जहीर

Question
CBSEENHN12026658

नीचे दिए गए शब्दों के हिंदी रूप लिखिए-

मुरौवत, आदमियत, अदीब, साडा, मायने, सरहद, अक्सर, लबोलहाजा, नफीस

Solution

मुरौवत = संकोच

आदमियत = मनुष्यता

अदीब = साहित्य

साडा = हमारा

मायने = अर्थ

सरहद = सीमा

अक्स = प्रभाव, प्रतिच्छाया

लबोलहजा = बोलचाल का ढंग

नफीस = सुरुचिपूर्ण

Some More Questions From रजिया सज्जाद जहीर Chapter

नमक की पुड़िया ले जाने के संबंध में साफिया के मन में क्या द्वंद्व था?

जब साफिया अमृतसर पुल पर चढ़ रही थी तो कस्टम ऑफिसर निचली सीढ़ी के पास सिर झुकाए चुपचाप क्यों खड़े थे?

‘लाहौर अभी तक उनका वतन है और देहली मेरा या मेरा वतन ढाका है’ जैसे उद्गार किस सामाजिक यथार्थ का संकेत करते हैं?

नमक ले जाने के बारे में साफिया के मन में उठे द्वंद्वों के आधार पर उसकी चारित्रिक विशेषताओं को स्पष्ट कीजिए।

‘मानचित्र पर एक लकीर खींच देने भर से जमीन और जनता बँट जाती है’ -उचित तर्कों व उदाहरणो के जरिए इसकी पुष्टि करें।

नमक कहानी में भारत व पाक की जनता के आरोपित भेदभावों के बीच मुहब्बत का नमकीन स्वाद खुला हुआ है, कैसे?

क्या सब कानून हकूमत के ही होते हैं, कुछ मुहब्बत, मुरौवत, आदमियत, इंसानियत के नहीं होते?

भावना के स्थान पर बुद्धि धीरे-धीरे हावी हो रही थी।

मुहब्बत तो कस्टम से इस तरह गुजर जाती है कि कानून हैरान रह जाता है।

हमारी जमीन, हमारे पानी का मजा ही कुछ और है।