भगत जी बाजार को सार्थक और समाज को शांत कैसे कर रहे हैं? ‘बाजार-दर्शन’ पाठ के आधार पर बताइए।
भगतजी बाजार को सार्थक और समाज को शांत निम्न प्रकार से कर रहे थे:
निश्चित समय पर पेटी उठाकर चूरन बेचने के लिए निकलकर।
छह आने की कमाई होते ही चूरन बेचना बंद करके।
पंसारी से जीरा और नमक मात्र खरीदकर।
सभी का जय-जय राम से स्वागत करके।
छह आने के बाद जो चूरन बचता उसे मुफ्त बाँटकर।
बाजार की चमक-दमक से आकर्षित न होकर।
समाज को संतोषी जीवन की शिक्षा देकर।