निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिये:
मित्र बाजार गए तो थे कोई एक मामूली चीज लेने पर लौटे तो एकदम बहुत-से बंडल पास थे। मैंने कहा-यह क्या? बोले-यह जो साथ थीं। उनका आशय था कि यह पत्नी की महिमा है। उस महिका का मैं कायलन हूँ। आदिकाल से इस विषय में पति से पत्नी की ही प्रमुखता प्रमाणित है। और यह व्यक्तित्व का प्रश्न नहीं, स्त्रीत्व का प्रश्न है। स्त्री आया न जोड़े, तो क्या मैं जोड़े? फिर भी सच है और वह यह कि इस बात में पत्नी की ओट ली जाती है। मूल में एक और तत्त्व की महिमा सविशेष है। वह तत्त्व है मनीबैग, अर्थात् पैसे की गरमी या एनर्जी।
1. ‘यह जो साथ थीं’-कथन में निहित व्यंग्य को स्पष्ट कीजिए।
2. पत्नी पति से किस विषय में प्रमुख मानी जाती है? इस प्रमुखता का क्या कारण है?
3. ‘स्त्री माया न जोड़े .....’ वाक्यांश का आशय समझाइए।
4. ‘पैसे की गरमी या एनर्जी’ की बात किस संदर्भ में कही गई है और क्यों?
1. इस कथन में लेखक का व्यंग्य अपनी पत्नी पर है। जब पत्नी साथ होती है तब अंधाधुंध खर्च होता ही है। यह सब पत्नी की महिमा है।
2. पत्नी पति से माया जोड़ने में प्रमुख मानी जाती है। आदिकाल से इसमें पति से पत्नी को ही प्रमुखता दी जाती रही है। यह स्त्रीत्व का प्रश्न है।
3. ठसका आशय है कि पत्नी ही मोह-माया के बंधन में अधिक पड़ती है। वह माया को जोड़ती है, पुरुष माया नहीं जोड़ सकता।
4. पैसे में बहुत गरमी होती है। यह एक प्रकार की एनर्जी भी है। यह बात पैसे के महत्त्व को बताने के संदर्भ में कही गई है। पैसा एक प्रकार की पावर है। उसी से सारे काम सम्पन्न होते है।