भगत जी के व्यक्तित्व पर प्रकाश डालिए।
इस पाठ में बताया गया है कि भगत जी अशिक्षित हैं। उनमें गहरा ज्ञान भले ही न हो पर उनमें सतोष का भाव अवश्य है। वे केवल वही सामान खरीदते हैं, जिसकी उन्हें आवश्यकता होती है। इसी प्रकार वे उतना सामान (चूरन) बेचते हैं जितने पैसों की उन्हें जरूरत होती है। वे अपने गुजारे लायक पैसे आते ही सामान बेचना बंद कर देते हैं और शेष सामान गरीब बच्चों को मुफ्त दै देते हैं। उनमें अपना चूरन बाँट देते हैं।