नीचे दिए गए वाक्यों के रेखांकित अंश पर ध्यान देते हुए उन्हें पढिए-
(क) निर्बल ही धन की और झुकता है।
(ख) लोग संयमी भी होते हैं।
(ग) सभी कुछ तो लेने को जी होता था।
ऊपर दिए गए वाक्यों के रेखांकित अंश ‘ही’, ‘भी’, ‘तो’ निपात हैं जो अर्थ पर बल देने के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं। वाक्य में इनके होने-न-होने और स्थान क्रम बदल देने से वाक्य के अर्थ पर प्रभाव पड़ता है, जैसे-
मुझे भी किताब चाहिए। (मुझे महत्वपूर्ण है।)
मुझे किताब भी चाहिए। (किताब महत्वपूर्ण है।)
आप निपात (ही, भी, तो) का प्रयोग करते हुए तीन-तीन वाक्य बनाइए। साथ ही ऐसे दो वाक्यों का भी निर्माण कीजिए जिसमें ये तीनों निपात एक साथ आते हों।
ही - 1. कल राम ही जाएगा।
2. यह काम श्याम ने ही किया है।
3. तुम ही शरारती हो।
भी - 1. कल मैं. भी चलूँगा।
2 शशांक भी रो रहा है।
3. तुम कल भी आना।
तो - 1. पाठ तो पढ लो।
2 ताला तो खोल लेने दो।
3. संध्या तो होने दो।
तीनों निपातों के प्रयोग वाले वाक्य:
1. वह पुस्तक भी तो पड़ेगा ही।
2. गीता भी खाना ही तो पकाएगी।