विभिन्न परिस्थितियों में भाषा का प्रयोग भी अपना रूप बदलता रहता है कभी औपचारिक रूप में आती है तो कभी अनौपचारिक रूप में। पाठ में से दोनों प्रकार के तीन-तीन उदाहरण छाँटकर लिखिए।
औपचारिक रूप:
1. लोग संयमी भी होते हैं।
2. चूरनवाले भगतजी पर बाजार का जादू नहीं चल सकता।
3. मैं पैदल चल रहा हूँ।
अनौपचारिक रूप:
1. उनकी महिमा का मैं कायल हूँ।
2. वह महत्त्व है बाजार।
3. वह चूर-चूर क्यों कहो पानी-पानी।