‘बाजा़र दर्शन’ पाठ में किस प्रकार के ग्राहकों की बात हुई है? आप स्वयं को किस श्रेणी का ग्राहक मानते हैं?
‘बाजा़र दर्शन’ पाठ में निम्न प्रकार के ग्राहकों की बात हुई है-
- पर्चेजिंग पावर का प्रदर्शन करने वाले ग्राहक।
- संयमी और बुद्धिमान ग्राहक।
- बाजार का बाजा़रूपन बढ़ाने वाले ग्राहक।
- आवश्यकतानुसार खरीदने वाले ग्राहक।
में अपने आपको अंतिम श्रेणी का ग्राहक मानता हूँ। मैं अपने पैसे को न तो व्यर्थ की चीजें खरीदकर बहाता हूँ और जोड़ता चला जाता हूँ। जिस चीज की आवश्यकता होती है केवल उसी चीज को खरीदता हूँ।