निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर उत्तर दीजिये-
पैसा पावर है पर उसके सबूत में आस-पास माल-टाल न जमा हो तो क्या वह खाक पावर है! पैसे को देखने के लिए बैंक-हिसाब देखिए, पर माल-असबाब मकान-कोठी तो अनदेखे भी दीखते हैं। पैसे की उस ‘पर्चेजिग पावर’ के प्रयोग में ही पावर का रस है।
लेकिन नहीं। लोग संयमी भी होते हैं। वे फिजूल सामान को फिजूल समझते हैं। वे पैसा बहाते नहीं हैं और बुद्धिमान होते हैं। बुद्धि और संयमपूर्वक वह पैसे को जोड़ते जाते हैं, जोड़ते जाते हैं। वह पैसे की पावर को इतना निश्चय समझते हैं कि उसके प्रयोग की परीक्षा उन्हें दरकार नहीं है। बस खुद पैसे के जुड़ा होने पर उनका मन गर्व से भरा फूला रहता है।
1. पैसा को क्या बताया गया है और क्यों?
2. इस पावर का रस किसमें है?
3. कुछ लोग किस प्रकार के होते हैं? वे क्या समझते हैं?
4. वे लोग क्या करते हैं ‘इससे उन्हैं क्या अनुभव होता' है?
1. पैसा को पावर बताया गया है। यह एक प्रकार की शक्ति है। पैसे में क्रय शक्ति होती है। इससे आप कुछ भी खरीद सकते हैं।
2. पैसे की पावर का रस उसकी पर्चेजिंग पावर में है। पैसे के बल पर खरीदे गए मकान-कोठी दूर से ही दिखाई देते हैं।
3. कुछ लोग संयमी होते हैं। वे पैसे को बचाकर रखते हैं। वे फिजूल का सामान नहीं खरीदते। वे पैसे को व्यर्थ नहीं बहाते।
4. ऐसे लोग बुद्धि का प्रयोग करते हुए पैसे को जोड़ते हैं और जोड़ते चले जाते हैं। वे पैसे की पावर को समझते तो हैं पर वे उसके प्रयोग से बचते हैं। वे अपने पास पैसा जुड़ा होने पर गर्व का अनुभव करते हैं।