कवयित्री ने अपनी कविता में किन पक्षों को छुआ है?
कवयित्री पुतुल ने अपनी कविता में आदिवासी जीवन के कई अनछुए पहलुओं को कलात्मकता के साथ उकेरा है। वह संथाली समाज के सकारात्मक और नकारात्मक दोनों पक्षों को उजागर करती है। वह वहाँ के पर्यावरण के बिगड़ते स्वरूप के प्रति अपनी चिंता प्रकट करती है। वह वहाँ की सांस्कृतिक पहचान को बनाए रखने की पक्षपाती है। ये सब बातें उसकी कविताओं में झलकती हैं।