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निर्मला पुतुल

Question
CBSEENHN11012373

आदिवासी समाज की वर्तमान स्थिति पर टिप्पणी करें।

Solution

आदिवासी समाज की वर्तमान स्थिति में निरंतर परिवर्तन आ रहा है। अब वहाँ शिक्षा केंद्र खोले जा रहे हैं, ताकि अधिक-से-अधिक लोग शिक्षित होकर अपनी स्थिति को सुधार सकें।

आदिवासी समाज पर विज्ञान के चमत्कारों का भी प्रभाव पड़ रहा है। वहाँ यातायात के साधन पहुँच रहे हैं, डाक व्यवस्था में सुधार आया है।

आदिवासी समाज में फैली बेरोजगारी की समस्या पर नियंत्रण पाने के प्रयास किए जा रहे हैं। इससे वहाँ के युवकों की आर्थिक स्थिति में सुधार आ रहा है।

अभी भी आदिवासी समाज अपनी पृथक् सांस्कृतिक पहचान बनाए हुए है। यह रूप उनके लोकनृत्यों और लोक-संगीत में झलकता है। आदिवासी समाज निरंतर प्रगति के पथ पर है। अब तो पृथक् झारखंड राज्य का निर्माण भी हो चुका है।

Some More Questions From निर्मला पुतुल Chapter

दिये गये काव्यांशों की सप्रसंग व्याख्या करें:

नाचने के लिए खुला आँगन
गाने के लिए गीत
हँसने के लिए थोड़ी-सी खिलखिलाहट
रोने के लिए मुट्ठी-भर एकान्त
बच्चों के लिए मैदान
पशुओं के लिए हरी-भरी घास
बूढ़ों के लिए पहाड़ों की शान्ति

दिये गये काव्यांशों की सप्रसंग व्याख्या करें:
और इस अविश्वास भरे दौर में
थोड़ा-सा विश्वास
थोड़ी-सी उम्मीद
थोड़े-से सपने
आओ, मिलकर बचाएँ
कि इस दौर में भी बचाने को
बहुत कुछ बचा है, अब भी हमारे पास!

‘माटी का रंग’ प्रयोग करते हुए किस बात की ओर संकेत किया गया है?

भाषा में झारखंडीपन से क्या अभिप्राय है?

दिल के भोलेपन के साथ-साथ अक्खड़पन और जुझारूपन को भी बचाने की आवश्यकता पर क्यों बल दिया गया है?

प्रस्तुत कविता आदिवासी समाज की किन बुराइयों की ओर संकेत करती है?

इस दौर में भी बचाने को बहुत कुछ बचा है-से क्या आशय है?

निम्नलिखित पंक्तियों के काव्य-सौंदर्य को उद्घाटित कीजिए-

थोड़ा-सा विश्वास

थोड़ी-सी उम्मीद

थोड़े-से सपने,

आओ-मिलकर बचाएँ।

बस्तियों को शहर की किस आबो-हवा से बचाने की आवश्यकता है?