प्रेम सत्य है, सुंदर है-प्रेम के विभिन्न रूपों को ध्यान में रखते हुए इस विषय पर परिचर्चा करें।
विद्यार्थी कक्षा अथवा बाल-सभा में इस विषय पर परिचर्चा का आयोजन करें। प्रेम के विविध रूपों पर बात की जानी चाहिए। जैसे--
∙ माँ का प्रेम ∙ देश कै प्रति प्रेम
∙ प्रेयसी का प्रेम ∙मानव-प्रेम
∙ पत्नी का प्रेम ∙प्रकृति के प्रति प्रेम