कवि को समुद कैसा प्रतीत होता है?
कवि की समुद्र विशाल, विस्तृत एवं महिमामय प्रतीत होता है। समुद्र कभी-कभी निर्भय, दृढ़ एवं गंभीर भाव से गर्जना भी करता है। समुद्र में जब लहरें उठती हैं, एक लहर दूसरी लहर पर आती-जाती हैं तब वे बहुत सुंदर प्रतीत होती हैं। कवि इन लहरों पर सवारी करने को इच्छुक हो उठता है।