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रामनरेश त्रिपाठी

Question
CBSEENHN11012236

समुद को देखकर आपके मन में क्या भाव उठते हैं? लगभग 200 शब्दों में लिखें।

Solution

समुद्र को देखकर हमारे मन में अनेक भाव उठते हैं। समुद्र का आकार विशालता का अहसास कराता है। समुद्र की गहराई को मापना आसान काम नहीं है। समुद्र के जल की व्यर्थता देखकर लगता है कि यदि जल पीने के उपयोग में लाया जा सकता है तो संसार को पर्याप्त मात्रा मैं पेय-जल मिल जाता, तब जल-संकट नाम की कोई चीज न रहती। समुद्र का जल उठता-गिरता रहता है। कभी-कभी यह भीषण गर्जना भी करता है। वैसे शांत सागर का सौंदर्य मन को लुभाता है। समुद्र-तट पर नहाने तथा अंदर तक जाने का मन करता है। अनेक समुद्र-तटों की सुंदरता देखते ही बनती है। हाँ, ये समुद्र जलयानों के लिए आवश्यक है। समुद्र के जल पर यात्रा करना निश्चय ही एक रोमांचकारी अनुभव है।

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सूर्योदय वर्णन के लिए किस तरह के बिंबों का प्रयोग हुआ है?

आशय स्पष्ट करें-
सस्मित-वदन जगत का स्वामी मृदु गति से आता है।
तट पर खड़ा गगन-गंगा के मधुर गीत गाता है।

आशय स्पष्ट करें-
कैसी मधुर मनोहर उज्ज्वल है यह प्रेम-कहानी।
जी में है अक्षर बन इसके बनूँ विश्व की बानी।

कविता में कई- स्थानों पर प्रकृति को मनुष्य के रूप में देखा गया है। एसे उदाहरणों का भाव स्पष्ट करते हुए लिखो।

समुद को देखकर आपके मन में क्या भाव उठते हैं? लगभग 200 शब्दों में लिखें।

प्रेम सत्य है, सुंदर है-प्रेम के विभिन्न रूपों को ध्यान में रखते हुए इस विषय पर परिचर्चा करें।

वर्तमान समय में हम प्रकृति से दूर होते जा रहे हैं - इस पर चर्चा करें और लिखें कि प्रकृति से जुड़े रहने के लिए क्या कर सकते हैं।

सागर संबंधी दस कविताओं का संकलन करें और पोस्टर बनाएँ।

‘पथिक’ कविता का प्रतिपाद्य लिखिए।

कवि को समुद कैसा प्रतीत होता है?