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रामनरेश त्रिपाठी

Question
CBSEENHN11012238

वर्तमान समय में हम प्रकृति से दूर होते जा रहे हैं - इस पर चर्चा करें और लिखें कि प्रकृति से जुड़े रहने के लिए क्या कर सकते हैं।

Solution

हाँ, यह सही है कि वर्तमान समय में हम प्रकृति से दूर होते चले जा रहे हैं। इसका कारण हमारी व्यावसायिक मनोवृत्ति है।

शहरों में तो प्रकृति को निहारना तक एक समस्या बनता जा रहा है। शरीर कंकरीट के जाल बनकर रह गए है। पेड़ों का लगाना कम होता जा रहा है, शोर ज्यादा मचता है, काम कम होता है। हम कृत्रिम वातावरण में रहते और जीते है। खुली हवा में विचरण करने का हमारे पास अवकाश नहीं है। हम हर चीज को लाभ-हानि की दृष्टि से देखते हैं। हमारी संवेदनाएँ मरती जा रही हैं।

Some More Questions From रामनरेश त्रिपाठी Chapter

आशय स्पष्ट करें-
कैसी मधुर मनोहर उज्ज्वल है यह प्रेम-कहानी।
जी में है अक्षर बन इसके बनूँ विश्व की बानी।

कविता में कई- स्थानों पर प्रकृति को मनुष्य के रूप में देखा गया है। एसे उदाहरणों का भाव स्पष्ट करते हुए लिखो।

समुद को देखकर आपके मन में क्या भाव उठते हैं? लगभग 200 शब्दों में लिखें।

प्रेम सत्य है, सुंदर है-प्रेम के विभिन्न रूपों को ध्यान में रखते हुए इस विषय पर परिचर्चा करें।

वर्तमान समय में हम प्रकृति से दूर होते जा रहे हैं - इस पर चर्चा करें और लिखें कि प्रकृति से जुड़े रहने के लिए क्या कर सकते हैं।

सागर संबंधी दस कविताओं का संकलन करें और पोस्टर बनाएँ।

‘पथिक’ कविता का प्रतिपाद्य लिखिए।

कवि को समुद कैसा प्रतीत होता है?

समुद्र-तट पर रात्रि का दृश्य कैसा होता है?

किन-किन पर मधुर प्रेम-कहानी लिखी प्रतीत होती है?