लेखक पढ़ाई में कैसा था? उसे नौकरी की आवश्यकता क्यों थीं?
अब उसे नौकरी ढूँढ़नी थी। वह गोंदिया में ड्राइंग का अध्यापक बन गया। महीने- भर में ही उसे बंबई में ‘जे. जे. स्कूल ऑफ ऑर्ट’ में अध्ययन के लिए मध्य प्रति की ओर से वजीफा मंजूर हो गया, पर वह देरी हो जाने के कारण दाखिला न ले सका।