1948 में लेखक कहां गया था? तब उसके साथ क्या घटना घटी?
1948 में लेखक श्रीनगर गया, वहाँ चित्र बनाए। ख्वाजा अहमद अब्बास भी वहीं थे। कश्मीर पर कबायली आक्रमण हुआ, तब तक उसने तय कर लिया था कि भारत में ही रहूँगा। वह श्रीनगर से आगे बारामूला तक गया। घुसपैठियों ने बारामूला को ध्वस्त कर दिया था। उसके पास कश्मीर के तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख अब्दुल्ला का पत्र था, जिसमें कहा गया था कि यह एक भारतीय कलाकार हैं, इन्हें जहाँ चाहे वहाँ जाने दिया जाए और इनकी हर संभव सहायता की जाए। एक बार वह बस से बारामूला से लौट रहा था या वहाँ जा रहा था तो स्थानीय कश्मीरियों के बीच उस पैंटधारी शहराती को देखकर एक पुलिसवाले ने उसे बस से उतार लिया। वह उसके साथ चल दिया। उसने पूछा, “कहाँ से आए हो? नाम क्या है?” उसने बता दिया कि वह रजा है, बंबई से आया है। शेख साहब की चिट्ठी उसे दिखाई। उसने सलाम ठोंका और परेशानी के लिए माफी माँगता हुआ चला गया।