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आत्मा का ताप

Question
CBSEENHN11012156

निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिये:- 
मैं अपने कुटुंब के युवा लोगों से कहता रहता हूं कि तुम्हें सब कुछ मिल सकता है-बस, तुम्हें मेहनत करनी होगी। चित्रकला व्यवसाय नहीं, अंतरात्मा की पुकार है। इसे अपना सर्वस्व देकर ही कुछ ठोस परिणाम मिल पाते हैं। केवल बहरा जाफरी को कार्य करने की ऐसी लगन मिली। वह पूरे समर्पण से दमोह शहर के आसपास के ग्रामीणों के साथ काम करती हैं। कल मैंने उन्हें फोन किया-यह जानने के लिए कि वह दमोह में क्या कर रही हैं। उन्हें बड़ी खुशी हुई कि मुझे सूर्यप्रकाश (उस ग्रामीण स्त्री का पति, जो अपने पति का नाम नहीं ले रही थी) का किस्सा याद है। मैंने धृष्टता से उन्हें बताया कि ‘बिन मांगे मोती मिले, मांगे मिले न भीख।’ मेरे मन में शायद युवा मित्रों को यह संदेश देने की कामना है कि कुछ घटने के इंतजार में हाथ पर हाथ ध रे न बैठे रहो-खुद कुछ करो। जरा देखिए, अच्छे-खासे संपन्न परिवारों के बच्चे काम नहीं कर रहे, जबकि उनमें तमाम संभावनाएं हैं। और यहाँ हम बेचैनी से भरे, काम किए जाते हैं।

1. लेखक युवा लोगों से क्या कहना चाहता है?
2. लेखक को मनचाही लगन किसमें मिली?
3. लेखक के मन में युवा मित्रों को क्या सदेश देने की कामना है?


Solution

1. लेखक युवा लोगों से यह कहना चाहता है कि मेहनत करने से उन्हें सब कुछ मिल सकता है। चित्रकला को व्यवसाय न मानकर अंतरात्मा की पुकार मानो। इसके लिए अपना सर्वस्व देना होगा तभी ठोस परिणाम मिल सकते हैं।
2. लेखक को मनचाही लगन केवल जहरा जाफरी में मिली। उसमें कार्य करने की लगन थी। वह पूरे समर्पण भाव से दमोह शहर के आसपास के ग्रामीणों के साथ काम करती थी।
3. लेखक के मन में अपने युवा मित्रों को यह संदेश देने की कामना है कि कुछ घटने की प्रतीक्षा मत करो। हाथ पर हाथ रखे मत बैठे रहो। खुद कुछ करो। अच्छे संपन्न घरों के परिवारों के बच्चों को भी काम करना चाहिए, जो कि वे नहीं कर रहे हैं। उनमें काफी संभावनाएँ छिपी हैं।

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बंबई में रहकर कला के अध्ययन के लिए रजा ने क्या-क्या संघर्ष किए?

भले ही 1947 और 1948 में महत्त्वपूर्ण घटनाएं घटी हो, मेरे लिए वे कठिन बरस थे। रजा ने ऐसा क्यों कहा?

रजा के पसंदीदा पफ्रेंचकलाकार कौन थे?

तुम्हारे चित्रों में रंग है, भावना है, लेकिन रचना नहीं है। चित्र इमारत की ही तरह बनाया जाता है-आधार, नींव, दीवारें, बीम, क्य; और क्य जाकर वह टिकता है-यह बात

(क) किसने, किस संदर्भ में कही?

(ख) रजा पर इसक। क्य प्रभाव पडा?



रजा को जलील साहब जँसे लोगों का सहारा न मिला होता तो क्या तब भी वे एक जाने-माने चित्रकार होते? तर्क दीजिए।

चित्रकला व्यवसाय नहीं, अंतरात्मा की पुकार है-इस कथन के आलोक में कला के वर्तमान और भविष्य पर विचार कीजिए।

हमें लगता था कि हम पहाड़ हिला सकते हैं-आप किन क्षणों में ऐसा सोचते हैं?

राजा रवि वर्मा, ममकबूलफिदा हुसैन, अमृता शेरगिल के प्रसिद्ध चित्रों का एक अलबम बनाइए। सहायता के लिए इंटरनेट या किसी आर्ट गैलरी से संपर्क करें।

जब तक मैं बंबई पहुंचा, तब तक बे. जे. स्कूल में दखिल बंद हो चुका था-इस वाक्य को हम दूसरे तरीके से भी कह सकते हैं। मेरे बंबई पहुंचाने से पहले वे. वे. स्कूल में दाखिला बंद हो चुका था। नीचे दिए गए वाक्यों को दूसरे तरीके से लिखिए-

(क) जब तक मैं प्लेटफॉर्म पर पहुंची तब तक गाड़ी जा चुकी थी।

(ख) जब तक डॉक्टर हवेली पहुँचता तब तक सेठ जी की मृत्यु हो चुकी थी।

(ग) जब तक रोहित दरवाजा बंद करता तब तक उसके साथी होली का रंग लेकर अंदर आ चुके थे।

(घ) जब तक रुचि केनवास हटाती तब तक बारिश शुरू हो चुकी थी।

आत्मा का ताप पाठ में कई शब्द ऐसे आए हैं जिनमें का इस्तेमाल हुआ है, वजैसे-ऑफ,ब्लॉक, नॉर्मल नीचे दिए गए शब्दों ऑ का इस्तेमाल किया जाए तो शब्द के अर्थ में क्या परिवर्तन आएगा? दोनों शब्दों का वाक्य-प्रयोग करते हुए अर्थ के अंतर को स्पष्ट कीजिए-

हाल, काफी, बाल