निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिये:-
श्रीनगर की इसी यात्रा में मेरी भेंट प्रख्यात फ्रेच फोटोग्राफर हेनरी कार्तिए-ब्रेसौं से हुई। मेरे चित्र देखने के बाद उन्होंने जो टिप्पणी की वह मेरे लिए बहुत महत्वपूर्ण रही है। उन्होंने कहा “तुम प्रतिभाशाली हो, लेकिन प्रतिभाशाली युवा चित्रकारों को लेकर मैं संदेहशील हूं। तुम्हारे चित्रों में रंग है, भावना है, लेकिन रचना नहीं है। तुम्हें मालूम होना चाहिए कि चित्र इमारत की ही तरह बनाया जाता है-आधार, नींव, दीवारें, बीम, छत और तब जाकर वह टिकता है। मैं कहूंगा कि तुम सेजाँ का काम ध्यान से देखो।” इन टिप्पणियों का मुझ पर गहरा प्रभाव रहा। बंबई लौटकर मैंने फ्रेंच सीखने के लिए अलयांस फ्रेंच में दाखिला से लिया। फ्रांसे पेटिंग में मेरी खासी रुचि थी, लेकिन मैं समझना चाहता था कि चित्र में रचना या बनावट वास्तव में क्या होगी।
1. श्रीनगर में लेखक की भेट किससे हुई? इसका उनके लिए क्या महत्व था?
2. फ्रेंच फोटोग्राफर ने क्या टिप्पणी की?
3. इस टिप्पणी का लेखक पर क्या प्रभाव पड़ा?
1. श्रीनगर में लेखक की भेंट प्रसिद्ध फोटोग्राफर हेनरी कातिए ब्रेसाँ से हुई। उन्होंने लेखक के बनाए चित्र देखे और उन पर टिप्पणी की। यह टिप्पणी लेखक के लिए बहुत महत्वपूर्ण रही।
2. फ्रेंच फोटोग्राफर ने लेखक के चित्र देखकर यह टिप्पणी की कि तुम प्रतिभाशाली तो हो, पर मैं युवा चित्रकारों को लेकर संदेहशील हूँ। तुम्हारे चित्रों में रंग और भावना तो है पर उनमें रचना नहीं है। तुम्हें इमारत का चित्र बनाते समय उसके विभिन्न अंगों की जानकारी होनी चाहिए। अभी तुम्हें फ्रेंच चित्रकार सेजाँ का काम देखना चाहिए, इससे तुम्हारा ज्ञान बढ़ेगा।
3. इस टिप्पणी का लेखक पर गहरा प्रभाव पड़ा। उसने बंबई लौटकर फ्रेंच सीखने की व्यवस्था की अब फ्रेंच पेटिग में उसकी काफी रुचि हो गई थी। वह चित्र में रचना या बनावट के बारे में ज्यादा जानना चाहता था।