निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिये:-
भले ही 1947 और 1948 में महत्वपूर्ण घटनाएं घटी हों, मेरे लिए वे कठिन बरस थे। पहले तो कल्याण वाले घर में मेरे पास रहते मेरी मां का देहांत हो गया। पिता जी मेरे पास ही थे। वे मंडला लौट गए। मई 1948 में वे भी नहीं रहे। विभाजन की त्रासदी के बावजूद भारत स्वतंत्र था। उत्साह था, उदासी भी थी। जीवन पर अचानक जिम्मेदारियों का बोझ आ पड़ा। हम युवा थे। मैं पच्चीस बरस का था; लेखकों, कवियों, चित्रकारों की संगत थी। हमें लगता था कि हम पहाड़ हिला सकते हैं और सभी अपने-अपने क्षेत्रों में, अपने माध्यम में सामर्थ्य भर-बढ़िया काम करने में जुट गए। देश का विभावन, महात्मा गांधी की हत्या क्रुर घटनाएं थीं। व्यक्तिगत स्तर पर मेरे माता-पिता की मृत्यु भी ऐसी ही क्रुर घटना थी। हमें इन क्रुर अनुभवों को आत्मसात् करना था। हम उससे उबरकर काम में जुट गए।
1. लेखक के लिए कौन-सा काल कठिनाई भरा था और क्यों?
2. लेखक किन-किनकी संगत में था?
3. लेखक को किस परिस्थिति को आत्मसात् करना था?
1. लेखक के लिए 1947-48 का काल महत्वपूर्ण होते हुए भी कठिनाइयों से भरा काल था। पहले तो उसकी माँ की मृत्यु हुई। तब तक पिताजी उसके पास थे। वे मंडला लौट गए। 1948 में उनकी भी मृत्यु हो गई। उस समय लेखक केवल 25 वर्ष का था। उस पर अचानक जिम्मेदारियों का बोझ आ पड़ा था।
2. उस समय लेखक कवियों, चित्रकारों, लेखकों आदि कलाकारों कीर संगत में था। तब उन्हें लगता था कि वे भारी से भारी काम कर सकते हैं, अत: वे सभी अपने-अपने क्षेत्रों में बढ़िया से बढिया काम करने में जुट गए।
3. 1947 में देश का विभाजन हुआ। 1948 में महात्मा गाँधी की हत्या हो गई। ये सभी घटनाएँ अत्यंत क्रुर थीं। लेखक के माता-माता की मृत्यु भी क्रुर घटनाएँ थीं। लेखक को इन सभी क्रुर अनुभवों को आत्मसात् करना था। वह परिस्थिति के अनुसार काम करने में जुट गया।