नादिर से भी बढ्कर आपकी जिद्द हैं - कर्जन के संदर्भ में क्या आपको यह बात सही लगती है? पक्ष या विपक्ष में तर्क दीजिए।
नादिरशाह तानाशाह था। उसने दिल्ली की जनता का कत्लेआम करवाया था। पर उसने आसिफजाह के तलवार गले में डालकर प्रार्थना करने पर उसे कत्लेआम को उसी समय रोक दिया था। लॉर्ड कर्जन के संदर्भ में हमें यह बात कुछ उचित नहीं लगती। लॉर्ड कर्जन को नादिरशाह से भी अधिक तानाशाह बताना उचित नहीं है। लॉर्ड कर्जन जिद्दी भले ही रहा हो, पर उतना तानाशाह नहीं था। बैग- भंग का दाग उस पर अवश्य है, पर ऐसा कोई कत्लेआम नहीं हुआ जैसा नादिरशाह के समय हुआ था। लेखक ने बात को बढ़ा-चढ़ाकर कहने के लिए ही ऐसा कहा है।