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विदाई - संभाषण

Question
CBSEENHN11012022

नादिर से भी बढ्कर आपकी जिद्द हैं - कर्जन के संदर्भ में क्या आपको यह बात सही लगती है? पक्ष या विपक्ष में तर्क दीजिए।

Solution

नादिरशाह तानाशाह था। उसने दिल्ली की जनता का कत्लेआम करवाया था। पर उसने आसिफजाह के तलवार गले में डालकर प्रार्थना करने पर उसे कत्लेआम को उसी समय रोक दिया था। लॉर्ड कर्जन के संदर्भ में हमें यह बात कुछ उचित नहीं लगती। लॉर्ड कर्जन को नादिरशाह से भी अधिक तानाशाह बताना उचित नहीं है। लॉर्ड कर्जन जिद्दी भले ही रहा हो, पर उतना तानाशाह नहीं था। बैग- भंग का दाग उस पर अवश्य है, पर ऐसा कोई कत्लेआम नहीं हुआ जैसा नादिरशाह के समय हुआ था। लेखक ने बात को बढ़ा-चढ़ाकर कहने के लिए ही ऐसा कहा है।

Some More Questions From विदाई - संभाषण Chapter

निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिये:- 
इस बार बंबई में उतरकर माइ लॉर्ड! आपने जो इरादे जाहिर किए थे, जरा देखिए तो उनमें से कौन-कौन पूरे हुए? आपने कहा था कि यहां से जाते समय भारतवर्ष को ऐसा कर जाऊँगा कि मेरे बाद आने वाले बड़े लाटों को वर्षो तक कुछ करना न पड़ेगा, वे कितने ही वर्षो सुख की नींद सोते रहेंगे। किन्तु बात उलटी हुई। आपको स्वयं इस बार बेचैनी उठानी पड़ी है और इस देश में जैसी अशांति आप फैला चले हैं, उसके मिटाने में आपके पद पर आने वालों को न जाने कब तक नींद और भूख हराम करना पड़ेगा। इस बार आपने अपना बिस्तर गरम राख पर रखा है और भारतवासियों को गरम तवे पर पानी की बूँदों की भभाँतिनचाया है। आप स्वयं भी खुश न हो सके और यहां की प्रजा को सुखी न होने दिया, इसका लोगों के चित्त पर बड़ा ही दु:ख है।
1. लॉर्ड कर्जन ने बंबई उतरते समय क्या इरादा प्रकट किया था?
2. पर लॉर्ड कर्जन कर क्या गए?
3. अतंत: क्या परिणाम निकला?

निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिये:- 
इस देश के हाकिम आपकी ताल पर नाचते थे, राजा-महाराजा डोरी हिलाने से सामने हाथ बाँधे हाजिर होते थे। आपके एक इशारे में प्रलय होती थी। कितने ही राजों को मिट्टी के खिलौने की भाँति आपने तोड़-फोड़ डाला। कितने ही मट्टी-काठ के खिलौने आपकी कृपा के जादू से बड़े-बड़े पदाधिकारी बन गए। आपके एक इशारे में इस देश की शिक्षा पायमाल हो गई, स्वाधीनता उड़ गई। बंग देश के सिर पर आरह रखा गया। आह, इतने बड़े माइ लॉर्ड का यह दर्जा हुआ कि फौजी अफसर उनके इच्छित पद पर नियत न हो सका और उनको उसी गुस्से के मारे इस्तीफा दाखिल करना पड़ा, वह भी मंजूर हो गया। उनका रखाय। एक आदमी नौकर न रखा, उल्टा उन्हीं को निकल जाने का हुक्म मिला!
1. लॉर्ड कर्जन की क्या हैसियत थी?
2. लॉर्ड कर्जन ने क्या- क्या बुरे काम किए?
3. लॉर्ड कर्जन का अपमान किस प्रकार हुआ?

निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिये:- 
यहां की प्रजा ने आपकी जिद्द का फल यहीं देख लिया। उसने देख लिया कि आपकी जिस जिद्द ने इस देश की प्रजा को पीड़ित किया, आपको भी उसने कम पीड़ा न दी, यहाँ तक कि आप स्वयं उसका शिकार हुए। यहां की प्रजा वह प्रजा है, जो अपने दुख और कष्टों की अपेक्षा परिणाम का अधिक ध्यान रखती है। वह जानती है कि संसार में सब चीजों का अंत है। दुख का समय भी एक दिन निकल जावेगा, इसी से सब दुखों को झेलकर, पराधीनता सहकर भी वह जीती है। माई लॉर्ड! इस कृतज्ञता की भूमि की महिमा आपने कुछ न समझी और न यहां की दीन प्रजा की श्रद्धा- भक्ति अपने साथ ले जा सके, इसका बड़ा दुख है।
1. किसने, किसकी जिद्द का फल देख लिया?
2. भारत की प्रजा की क्या विशेषता बताई गई है?
3. किसे, किस बात का दुख है?

निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिये:- 
“अभागे भारत! मैंने तुझसे सब प्रकार का लाभ उठाया और तेरी बदौलत वह शान देखी, जो इस जीवन में असंभव है। तूने मेरा कुछ नहीं बिगाड़ा; पर मैंने तेरे बिगाड़ने में कुछ कमी न की। संसार के सबसे पुराने देश! जब तक मेरे हाथ में शक्ति थी, तेरी भलाई की इच्छा मेरे जी में न थी। अब कुछ शक्ति नहीं है, बो तेरे लिए कुछ कर सकूं। पर आशीर्वाद करता हूँ कि तू फिर उठे और अपने प्राचीन गौरव और यश का फिर से लाभ करे। मेरे बाद आने वाले तेरे गौरव को समझें।” आप कर सकते हैं और यह देश आपकी पिछली सब बातें मूल सकता है, पर इतनी उदारता माइ लॉर्ड में कहाँ?
1. गद्याशं के प्रारंभिक वाक्यों में क्या व्यंग किया गया है?
2. कौन क्या आशीर्वाद करता है?
3. अंतिम वाक्य से किसके चरित्र पर क्या प्रकाश पड़ता है?

शिवशंभु की दो गायों की कहानी के माध्यम से लेखक क्या कहना चाहता है?

आठ करोड़ प्रजा के गिड़गिड़ाकर विच्छेद न करने की प्रार्थना पर आपने जरा भी ध्यान नहीं दिया-यहां किस ऐतिहासिक घटना की ओर संकेत किया गया है?

कर्जन को इस्तीफा क्यों देना पड़ गया?

बिचारिए तो, क्या शान आपकी इस देश में थी और क्या हो गई! कितने ऊँचे होकर आप कितने नीचे गिरे! - आशय स्पष्ट कीजिए।

आपके और यहाँ के निवासियों के बीच कोई तीसरी शक्ति भी है-यहाँ तीसरी शक्ति किसे कहा गया है?

पाठ का यह अंश ‘शिवशंभु के चिट्ठे’ से लिया गया है। शिवशंभु नाम की चर्चा पाठ में भी हुई है। बालमुकुंद गुप्त ने इस नाम का उपयोग क्यों किया होगा?